बुधवार, 29 अगस्त 2018

“ज्योतिषीय संगोष्ठी”

27 अगस्त 2018 को भारतीय वेद ज्योतिष विज्ञान संस्थान मोदीनगर द्वारा मोदीनगर में विवाह विसंगतियों पर अपनी प्रतिमाहोने वाले ज्योतिषीसंगोष्ठी में गैरजातीय विवाह विषय पर एक गोष्ठी का आयोजन किया जिसमें देश के कुछ गिने चुने विद्वान ज्योतिषियों ने अपना अपना योगदान दिया |

आदरणीय विनायक पुलह जी के नेतृत्व में हुई इस गोष्ठी का संचालन मुरादनगर के प्रसिद्द ज्योतिषी व अधिवक्ता श्री अखिलेश कौशिक जी ने बहुत ही बेहतरीन तरीके से किया | हमारे भारतीय समाज में जिस प्रकार से गैरजातीय विवाह हो रहे हैं विशेषकर हिंदू घरो की लड़कियां मुस्लिम युवकों से विवाह करना पसंद कर रही है इस विषय पर ज्योतिषीय दृष्टिकोण से देखने का प्रयास किया गया जिसमे आए हुये ज्योतिषी विद्वानो ने अपने अपने विचारे रखे |

सर्वप्रथम बुलंदशहर से आए विद्वान ज्योतिषाचार्य श्री सुरेंद्र कुमार शर्मा जी ने बहुत ही सारगर्भित तरीके से कुंडलियों को उदाहरण स्वरूप समझाते हुए ग्रहों की स्थिति को वैदिक ज्योतिष के दृष्टिकोण से अपने शोधकीय लेख में बताया कि जब गुरु वक्री होता है तब जातिका अथवा जातक धर्म के विरुद्ध कार्य करना पसंद करते हैं,राहु का प्रभाव शुक्र,मंगल तथा सप्तमेश पर होने से गैरजातीय विवाह के योग बनते हैं उनका यह भी कहना था की कुंडली मे पहले ग्रहो का षडबल अवश्य देखा जाना चाहिए उनके अनुसार लग्न-पंचम-सप्तम का संबंध प्रेम विवाह करवाने मे अधिकतर कुंडलियों मे पाया जाता हैं |

दिल्ली से पधारे आदरणीय ज्योतिष विद्वान श्री के पी मुदगल जी ने गैर जातीय विवाह अथवा मुस्लिम जातकों से विवाह के पीछे होने वाली राजनीतिक व सामाजिक कारणों का उदाहरण सहित उल्लेख करते हुए यह बताने का प्रयास किया कि किस प्रकार से ग्रहों को सामाजिक परिवेश के तहत बदलकर  किसी भी समाज को बिगाड़ा जा सकता है इसके लिए उन्होने इमरजेंसी तथा नसबंदी के समय की जन्म पत्रिकाका उल्लेख कर बताने का प्रयास किया की कैसे कोई बड़ा नेता,कोई धर्म गुरु व स्वयं प्रकृति   देश अथवा समाज को बदलने मे अपना योगदान देते हैं | ज्योतिष अनुसार कुछ कुंडलियों के माध्यम से में उन्होने यह बताने का प्रयास किया कि गुरु वक्री होने से,शुक्र का पाप ग्रहों से संबंध होने से तथा सप्तम भाव के पीड़ित होने से जातक अथवा जातिका प्रेम अथवा गैरजातीय विवाह करते हैं अथवा विवाह की ओर प्रेरित होते हैं |

दिल्ली से ही आए ज्योतिषाचार्य श्री किशोर घिल्डियाल ने जैमिनी ज्योतिष के द्वारा गैरजातीय विवाह का 10 कुंडलियों के उदाहरण सहित अपना व्याख्यान प्रस्तुत किया जिसमे उन्होने आत्मकारक,दाराकारक तथा ज्ञातिकारक ग्रहो का संबंध,गुरु का वक्री होना तथा शनि का पंचम अथवा लग्न सप्तम से संबंध होना इस प्रकार के प्रेम अथवा गैरजातीय विवाह मे उत्तरदाई माना |

मोदीनगर के प्रख्यात ज्योतिषी आदरणीय श्री विनय विनायक पुलह जी ने अपने अनुभवो के आधार पर ग्रहों के अनुसार प्रेम व गैरजातीय विवाह की कुछ कुंडलियों की विवेचना कर यह बताने का प्रयास किया कि जब तक नवम भाव अथवा गुरु पीड़ित ना हो तथा सप्तम भाव पर पाप प्रभाव ना हो तो गैरजातीय विवाह नहीं हो सकता उनका यह भी कहना था की गुरु यदि वक्री होतो ज़्यादातर जातक जातिकाए भागकर प्रेम अथवा गैरजातीय विवाह करते हैं |

दिल्ली की विदुषी ज्योतिषाचार्या श्रीमती अंजलि गिरधर ने कुछ उदाहरणों के साथ यह बताने का प्रयास किया कि जब मंगल का संबंध पाप ग्रहों से होता है,गुरु वक्री होता है तो जातक अथवा जातिका इस प्रकार का कदम उठाते हैं तथा गैर जाति अथवा मुस्लिम समाज से रिश्ता जोड़ लेते हैं उन्होंने इस प्रकार के संबंधो मे प्लूटो ग्रह के प्रभाव का भी उल्लेख किया जो सामाजिक वर्जनाओं को तोड़कर जातक विशेष को गलत दिशा की ओर ले जाता है और प्रेम संबंधों में आग भड़काने का काम करता है |

मुरादनगर के विद्वान ज्योतिषी व अधिवक्ता श्री अखिलेश कौशिक जी ने ज्योतिष की केपी विधि के आधार पर कुंडलियों की उदाहरण सहित विवेचना बहुत ही सरल तरीके से करते हुये बताया कि जब मंगल का संबंध राहु से होता है तब जातक अथवा जातिका किसी भी प्रकार का बंधन ना मानते हुए प्रेम विवाह अथवा गैरजातीय विवाह की ओर अग्रसर होते हैं उनके अनुसार भी गुरु का वक्री होना,नवम भाव या नवमेश पर पाप प्रभाव होना ही धर्म के विरुद्ध कोई कार्य रवा सकता हैं |

गाज़ियाबाद से आए विद्वान ज्योतिषी श्री शिवकुमारजी व श्री अजय कुमार जी का भी इस गोष्ठी मे विशेष सहयोग रहा जिन्होने प्रत्येक विद्वान के विचारो को संग्रह करने मे सहायता प्रदान करी |
अंत में सभी विद्वान इस निष्कर्ष पर पहुंचे कि गुरु वक्री हो,शुक्र राहु अथवा मंगल से पीड़ित हो,राहु केतु का लग्न अथवा सप्तम पर प्रभाव हो,मंगल राहु के नक्षत्र में हो,नवम भाव अथवा नवमेश पीड़ित हो यह सभी वह कारण होते हैं जिनकी वजह से जातक अथवा जातिका गैर जातियां अथवा मुस्लिम जाति के लोगों से विवाह करना पसंद करते हैं |


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