मानव शरीर मे 7 चक्र पाये जाते हैं जिनसे हमारे शरीर को ऊर्जा मिलती हैं
अगर किसी भी चक्र का किसी भी कारण से संतुलन बिगड़ जाता हैं तो हमारे शरीर मे
बीमारियाँ हो जाती हैं चूंकि हर चक्र का अपना एक विशेष रंग होता हैं जिसके द्वारा
उसके अच्छे व बुरे प्रभाव को घटाया बढ़ाया जा सकता हैं जिससे कई तरीको से लाभ
प्राप्त किया जा सकता हैं |
1)मूलाधार चक्र- हमारी रीढ़ की हड्डी के नीचे स्थित यह चक्र हमे बाहरी
दुनिया से जोड़ता हैं लाल रंग से जुड़ा यह चक्र मुख्यत; शरीर
मे रक्तसंचार व लाल रक्त कणिकाओ को बनाने का कार्य करता हैं जो शरीर मे ताकत,जुनून,उत्तेजना,साहस व
इच्छाशक्ति को दर्शाता हैं | इस चक्र मे किसी भी प्रकार की रुकावट होने पर आत्मविश्वास की कमी,स्वार्थीपना,कमर व
पैर मे दर्द होता हैं |
2)स्वाधिष्ठान चक्र-यह चक्र प्रजनन अंगो के पास होता हैं जो हमारी
कामसंबंधों व काम इच्छाओ को दर्शाता हैं जिसका रंग संतरी होता हैं यह शरीर मे
भावनाओ,खुशी क्रियाशीलता व सेक्सुयल्टी बढाता हैं जिससे हमारी काम करने की क्षमता
व कामोतेजना नियंत्रित होती हैं | इस चक्र मे रुकावट होने पर प्रजनन अंगो की बीमारियाँ होती हैं |
3)मणिपुर चक्र-नाभिस्थान मे स्थित यह चक्र पीले रंग का होता हैं जो ज्ञान
व बुद्दिमानी का प्रतीक होता हैं इससे शरीर को किसी काम करने की स्फूर्ति व सोचने
समझने की शक्ति प्राप्त होती हैं | इसके नियंत्रित ना होने से
व्यापार मे रुकावट,मधुमेह व अल्सर जैसी बीमारियाँ होती हैं |
4)अनाहत चक्र-हमारी छाती मे स्थित यह हरे रंग का चक्र हमारे शरीर को
संतुलन रखने के काम आता हैं | यह चक्र हमारी मानसिक अवस्था,लक्ष्य निर्धारण व गहराई को बताता
हैं जिसके प्रभावित होने से अल्सर,अस्थमा,दिल की
बीमारी,रक्तचाप व मानसिक विकार होते हैं
5)विषुद्ध चक्र-गले के नीचे स्थित यह चक्र नीले रंग से जुड़ा होता हैं जो
सम्प्रेषण व वार्तालाप से संबन्धित हैं यह चक्र शरीर के विषैले तत्वो को दूर कर
थायराइड ग्रंथि को नियंत्रित करता हैं | इस चक्र के प्रभावित होने से
वाणी संबंधी दोष होते हैं |
6)आज्ञा चक्र-हमारे माथे पर स्थित यह चक्र इंडिगो रंग का होता हैं जो शरीर
को शांति व संतोष देता हैं जिससे हमारी सोचने समझने की ताक़त प्रभावित होती हैं इसी
चक्र के प्रभाव से हमे सोते हुये सपने आते हैं और हमे हमारी भावनाओ को नियंत्रित
करने मे मदद मिलती हैं | इसके प्रभावित होने से एकाग्रता भंग,सिर मे दर्द,बुरे
सपने व मानसिक नकारात्मकता आती हैं
7)सहस्त्र्सार चक्र-सिर पर चोटी के स्थान मे स्थित यह चक्र जामुनी रंग से
जुड़ा होता हैं जो हमारे शरीर मे सुकून और आध्यात्मिक चेतना को बढ़ाता हैं जिससे
मांसपेशियो को राहत व मष्तिस्क को शांति प्राप्त होती हैं | यह
चक्र हमे परमात्मा से जोड़ता हैं इसके प्रभावित होने से हम अकेलेपन,निराशा,भ्रम व
स्वयं को पहचान पाने मे नाकाम रहते हैं
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें