1) 8/2/1971 3:20 देहरादून, वृश्चिक लग्न
जिसका आत्मकारक ग्रह चन्द्र नवांश मे
मिथुन राशि मे हैं जिससे कारकांश लग्न मिथुन बना है इसके प्रभाव से जातक गायन
का शौक रखता है और उसने व्यवसायिक गायन भी किया
है तथा लग्न पर शुक्र चंद्र के प्रभाव से जीविका विद्या द्वारा (शिक्षण व्यवसाय से) अर्जित करता
है | राहु केतु के पंचम भाव पर प्रभाव होने
से जातक गणित विषय की अच्छी जानकारी रखता है |
2) 20/10/1948 2:40 नरनौल, सिंह लग्न की पत्रिका का आत्मा कारक ग्रह चंद्रमा है
जो नवांश मे वृश्चिक राशि में गया है अतः कारकांश लग्न वृश्चिक हुआ
इस पर मंगल,चंद्र व राहु का प्रभाव है जातक मां के सुख से
वंचित रहा (वृश्चिक राशि लग्न ) तथा अग्नि व रसायन
धातु कार्य करने वाला स्वर्णकार है | मंगल प्रभाव समस्त
भोगो को भोगने वाला धनी (चंद्र प्रभाव ) रहा है पंचम भाव पर गुरु प्रभाव तथा कर्म भाव में शनि ने उन्हें अपने क्षेत्र
में बहुत प्रसिद्ध व कई विषयों का जानकार बनाया है जातक वास्तु,ज्योतिष व धर्म संबंधी जानकारी विद्वता से रखते हैं |
3) 17/1/1945 16:48 दिल्ली, मिथुन लग्न के
इस जातक की पत्रिका में आत्मकारक ग्रह शुक्र है जो मेष नवांश में है जिससे कारकांश
लग्न मेष हुआ इस पर शुक्र चंद्र का स्पष्ट प्रभाव है जातक के पास बहुत सी चल-अचल संपत्ति है तथा जातक विद्या के क्षेत्र (शुक्र चन्द्र प्रभाव) में है दशम पर
सूर्य सरकार द्वारा लाभ दर्शा रहा है | यह पत्रिका दिल्ली
विश्वविद्यालय के एक प्रोफेसर की है लग्न कुंडली पर ज्यादातर व्यवसाय
का योग दिखता है नौकरी का नहीं अतः कारकांश लग्न सटीक फल दर्शा रहा है |
4) 26/12/1970 14:40 दिल्ली, मेष लग्न पत्रिका
का कारकांश लग्न मिथुन राशि में है जिस पर सूर्य बुध का प्रभाव है वही दसवें भाव पर
भी सूर्य बुध का ही प्रभाव है बुध का प्रभाव दशम व लग्न पर होने से जातक वकील
से जज बना,पंचम भाव में मंगल,शुक्र व राहु केतु के प्रभाव ने इन्हे कानून विद्या
की अच्छी जानकारी वाला,तर्क ज्ञान
में दक्ष व ज़बरदस्त वक्ता बनाया है |
5) 21/4/1973 6:00 बजे मुंबई,कन्या लग्न के जातक का कारकांश लग्न सिंह राशि में पड़ता है जिस पर गुरु मंगल
का प्रभाव है जिससे जातक समझदार,व्यवहारिक पर
जोशीला है दशम शनि जातक को प्रसिद्ध एवं अपने कार्य में दक्ष बना रहे हैं पंचम भाव
पर राहु केतु व बुध नीच के प्रभाव से जातक ने ज्यादा शिक्षा नहीं पाई वही नवम भाव सूर्य
से सरकार से लाभ तथा बड़ों का आदर सम्मान करना सिखाया है | यह पत्रिका सचिन तेंदुलकर की है लग्न पर सूर्य शुक्र प्रभाव सरकार से जबरदस्त
लाभ एवं सम्मान दिलवा रहा है लग्न कुंडली में सप्तमेश नीच राशि का होकर बैठा है विवाह
कारक शुक्र सूर्य से अष्टम में पीड़ित है,सूर्य कारकांश
लग्न के स्वामी है,गुरु सप्तमेश
की शनि पंचमेश पर दृष्टि है जो आयु में बड़ी जीवन साथी बता रहा है तथा प्रेम संबंध
होना दिखा रहा है |
6) राजीव गांधी (20/8/1944 7:11 दिल्ली) की सिंह लग्न की पत्रिका में बुध आत्मकारक
होने से उनका कारकांश लग्न धनु आता है इसके प्रभाव से यह जातक उतार चढ़ाव तथा
दंड प्राप्ति भरा जीवन जीने वाला होगा,केंद्र में शनि
होने से प्रसिद्ध भी होगा तथा नवम भाव में शुभ ग्रह होने से बड़ों का आदर सम्मान करने
वाला,गुणवान व्यक्ति होगा |
7) लता मंगेशकर (28/9/1929 22:32 इंदौर) की वृषभ लग्न
की पत्रिका में उनका कारकांश लग्न कन्या राशि में पड़ता है जिससे त्वचा रोग एवं गायन
प्रिय होने का पता चलता है,केंद्र में शनि
होने से प्रसिद्धि सूर्य के लग्न में होने से सरकार से सम्मान तथा बुध के लग्न में
होने से कलाकार होना निश्चित होता है,कारकांश कुंडली
के पंचम भाव में गुरु और शुक्र की दृष्टि होने से शास्त्रीय कला का ज्ञाता होना निश्चित दिखाई पड़ता है सभी जानते हैं कि लता
मंगेशकर अनगिनत सामानों के साथ-साथ अपार प्रसिद्धि की मालकिन भी हैं जिन्हें गायकी
में सदियों तक याद रखा जाएगा |
8)27/11/1907 5:23 इलाहाबाद मे तुला लग्न मे जन्मे श्री हरिवंश राय बच्चन की
पत्रिका मे कारकांश लग्न मीन आता हैं जिसके पंचम भाव मे गुरु व चन्द्र उनके
ग्रंथकार होने की पुष्टि स्पष्ट रूप से करते हैं वही इनके पंचम भाव पर शुक्र का
प्रभाव इन्हे कवि भी बनाता हैं |
इस प्रकार से
हम कारकांश लग्न से किसी भी जातक के विषय में काफी कुछ सटीकता से जान सकते
हैं अंत में इतना ही कहूंगा कि ज्योतिष के पाठकों को प्राय: नई व शोधपूर्ण जानकारी प्राप्त
करवाने का यह मेरा छोटा सा प्रयास है यदि इसमें कोई किसी प्रकार की त्रुटि हो तो मुझे
क्षमा करें |
1 टिप्पणी:
Sir mere liye kuch bataiye 5 Oct 1998 14:05 Delhi career ke bare mein
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