सोमवार, 25 अप्रैल 2022

शनि का कुम्भ राशि परिवर्तन

हमारे सौरमंडल में भ्रमण करते हुए जब भी ग्रह एक राशि से दूसरी राशि में जाते हैं तो धरती पर जीवो पर उनका प्रभाव पड़ता रहता है हम सभी जानते हैं कि शनि पूरे ढाई वर्ष बाद राशि परिवर्तन करते हैं अपनी मंद गति के भ्रमण के कारण शनि का किसी भी राशि में प्रवेश करना धरती पर प्रत्येक प्राणी पर सबसे ज़्यादा असर डालता है | इस वर्ष 29 अप्रैल 2022 को शनि कुंभ राशि में मकर राशि से परिवर्तन कर प्रवेश करेंगे |

प्रस्तुत लेख में हम जाने का प्रयास करेंगे कि शनि का यह कुम्भ राशि गोचर विभिन्न राशि वालों पर क्या प्रभाव डालेगा | शनि के इस कुम्भ राशि में गोचर करने से मकर,कुम्भ व मीन राशि वालों को शनि साढ़ेसाती का प्रभाव रहेगा जिसेमें मकर राशि वालों को साढ़ेसाती का तीसरा चरण अर्थात उतरती हुई साढ़ेसाती जबकि कुंभ राशि वालों के लिए बीच की अर्थात मध्य साढ़ेसाती तथा मीन राशि वालों के लिए शनि की साढ़ेसाती का यह आरंभिक चरण अर्थात पहली अवस्था होगी तथा कुंभ राशि के इस शनि परिवर्तन से कर्क एवं वृश्चिक राशि वालों को शनि की ढैया का प्रभाव भी मिलने लगेगा |

शनि के राशि परिवर्तन होने पर साधारण रूप से विभिन्न राशियों पर निम्न प्रभाव होता है |

गोचर में शनि जन्म राशि से पहले स्थान में हो तो मानसिक व्यथा एवं स्थान हानि,दूसरे में कलह क्लेश, तीसरे में पराक्रम एवं सुख में वृद्धि,चौथे में शत्रु वृद्दि,पांचवें में संतान संबंधी दुख,छठे में सुख साधनों में वृद्धि,सातवें में रोग व शत्रु भय,आठवे मे दुख पीड़ा,नवे में सुख,दशम में धन हानि,एकादश में धन लाभ तथा द्वादश में अनेक प्रकार के अनर्थ मिलते हैं |

इस प्रकार देखें तो शनि का गोचर तीसरे,छठे और ग्यारहवें भाव में ही लाभकारी होता है |

शनि का पाया विचार - शनि का पाया यदि सोने का हो तो उस अवधि में संघर्षपूर्ण परिस्थितियों का सामना करना पड़ता है तथा पारिवारिक एवं व्यवसायिक उलझन बढ़ती है | शत्रु एवं रोग-भय,मानसिक तनाव होता है तथा व्यर्थ में खर्च एवं कलह क्लेश रहते हैं |

चांदी का पाया हो तो जातक को पूर्व में किए गए प्रयासों से धीरे-धीरे सफलता प्राप्त होती है आकस्मिक धन लाभ,ऊंच प्रतिष्ठा,पदोन्नति,स्त्री संतान एवं भूमि वाहन आदि का सुख प्राप्त होता है |

ताम्र का पाया हो तो कार्य व्यवसाय में लाभ व उन्नति के अवसर मिलते हैं कुछ प्रतिष्ठित लोगों से संपर्क बनता है ऊंच विद्या में सफलता मिलती है विवाह एवं परिवारिक सुखों की प्राप्ति होती है वाहन आदि सुख-सुविधाओं की प्राप्ति होती है तथा देश विदेश की यात्रा के अवसर भी मिलते हैं |

लोहे का पाया हो तो जातक को आर्थिक परिवारिक परेशानियां अधिक होती हैं स्वास्थ्य में गड़बड़ तनाव एवं उलझने मिलती है दुर्घटना आदि से चोट लगने का भय,व्यवसाय में बाधाएं,प्रयास करने पर भी लाभ कम और खर्चा अधिक हो ऐसे हालात मिलते हैं |

29 अप्रैल को जब शनि कुंभ राशि में प्रवेश करेंगे तब चंद्रमा मीन राशि का होगा जिससे मेष सिंह तथा धनु राशि पर लोहे का पाया गिना जाएगा जो कि अशुभ फलदायक होगा |

वृष,तुला और मीन राशियों पर स्वर्ण पाया अशुभ फलदायक होगा |

मिथुन कन्या मकर राशियों पर ताम्र पाया जो की शुभ होगा तथा कर्क वृश्चिक और कुंभ राशियों पर चांदी का पाया जो की शुभ रहेगा |

आइए राशि अनुसार जानते हैं की प्रत्येक राशि वालों को शनि के इस गोचर से क्या क्या प्रभाव मिलेंगे |

मेष राशि - इस समय शनि की नीच दृस्टी इस राशि पर रहेगी | आय कम व खर्च अधिक होंगे | बनते कार्मा में रुकावते रहेगी । लोहे का पाया होने से मानसिक परेशानी तथा भाई, बहनो से विरोध रहेगा |

वृष राशि  - दशमस्थ होने से कार्य व्यवसाय मे विघ्न होने बाधाए के बावजूद निर्वाह योग्य आय के साधन बनते रहेंगे। परन्तु इस राशि को स्वर्ण पाया होने से बनते कार्यों में अड़चन तथा खर्च भी अधिक होंगे |

 मिथुन राशि – इस राशि से शनि नवमस्थ होने से भाग्योति में रुकावते एवं विलम्ब होंगे परन्तु शनि का पाया ताम्र होने से नौकरी में पदोन्नति कार्य व्यवसाय मे लाभ के अवसर बनेंगे । शुभ कार्यों पर व्यय भी होंगे |

कर्क राशि – इस राशि से शनि अष्टप्ररथ (टैय्या के कारण) होने से अशुभ प्रभाव होगा। | आय कम, बनते कामों में रुकावटे पैदा होंगी,परंतु पाया रजत होने से बीचबीच में अकस्मात धन लाभ के अवसर मिलेंगे । विदेश यात्रा के भी योग भी बनेंगे |

सिंह राशि - पर सप्तमस्थ शनि की शत्रु दृष्टि होने से व्यवसाय में संघर्ष अधिक खर्च भी बढ़ेंगे । साथ ही इस राशि पर शनि का पाया लोह होने से घरेलू तथा व्यवसाय सम्बन्धी उलझनें व परेशानियां भी बढ़ेगी ।

कन्या राशि - से शनि छठे भाव गोचर होने से अत्यन्त कठिनाईयों के पश्चात् धन प्राप्ति के साधन बनेंगे। शनि का पाया ताम्र होने तथा गुरु की दृष्टि रहने से स्वास्थ्य लाभ धर्म-कर्म में प्रवृत्ति एवं लाभाउन्नति के भी अवसर मिलेंगे।

तुला राशि - पंचमस्थ शनि पूज्य होगा । उच्च-विद्या में सफलता मिले । धन-लाभ के अवसर प्राप्त होंगे। अनावश्यक मतभेद उभरेंगे । निर्वाह योग्य धन प्राप्त होता रहेगा । शनि का पाया सुवर्ण होने से विशेष लाभ के मार्ग में विघ्न उत्पन्न हों, खर्च अधिक हो । संघर्षपूर्ण हालात रहे |

वृश्चिक राशि – इस राशि से शनि का ये चौथा गोचर होने से शनि की ढैया का अशुभ प्रभाव रहेगा जिससे धन हानी,भाई बंधुओ से लड़ाई,कलह,क्लेश व खर्चे होंगे | रजत का पाया होने तथा गुरु की शुभ दृस्टी होने से आय के श्रोत बनते रहेंगे तथा भूमि वाहन आदि की प्राप्ति भी हो सकती हैं |    

धनु राशि – इस राशि के तीसरे गोचर होने  से पपराक्रम मे वृद्दि,भूमि वाहम आदि जैसी सुख-सुविधाओं की प्राप्ति हो । परन्तु इस राशि पर शनि का पाया लौह होने से अचानक खचा में वृद्धि, शरीर कष्ट, धन सम्बन्धी चिन्ताएँ भी होंगी ।

मकर राशि – इस राशि से शनि द्वितीयस्थ होने से साढ़ेसाती का अशुभ प्रभाव अभी रहेगा । घरेलु एवं आर्थिक उलझनें, आय कम व खर्च अधिक रहेंगे । परन्तु शनि का पाया ताम्र होने के कारण बीच-बीच धन लाभ के अवसर प्राप्त होते रहेंगे ।

कुम्भ राशि - शनि स्वराशिगत होकर संचार करने से इस राशि पर शनि-साढ़ेसाती होने से मानसिक तथा पारिवारिक उलझनें रहेंगी परन्तु शनि का पाया चाँदी होने से धन लाभ, गत किए कार्यों में सफलता, भूमि-वाहन एवं पारिवारिक सुखों की प्राप्ति होगी ।

मीन राशि – इस राशि से शनि द्वादशस्थ (शनि-साढ़ेसाती) होने से अत्यन्त संघर्षपूर्ण परिस्थितियों का सामना रहे, बनते कार्यों में अड़चनें एवं विलम्ब हो, किसी रोग के कारण कष्ट हो । स्वर्णपाद होने से भी तनाव रहे । परन्तु गुरु के इस राशि पर संचारवश सन्तान सम्बन्धी शुभ समाचार भी प्राप्त होंगे  ।

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