गुरुवार, 21 अप्रैल 2022

गोचर ग्रहो द्वारा दी जाने वाली सूचना -3 (गुरु व शुक्र)

 5)जन्म राशि का बृहस्पति धन और बुद्धि स्थान का नाश करता है |

दूसरे भाव में धन प्राप्ति की सूचना शत्रु विनाश एवं स्त्री सुख प्रदान करता है |

तृतीय में स्थान नाश एवं कार्यों का नाश करने वाला |

चतुर्थ में अनेक प्रकार से पीड़ित बंधुओं से परेशान एवं और अशांतिपूर्ण रहने वाला,

पंचम में गुरु धर्म,पुत्र,स्त्री,धन,मणि,वस्त्र,बैल,हाथी,घोड़ा का लाभ बताता है |

षष्ठ का बृहस्पति मानसिक असंतुलन एवं अशांति तथा भय का वातावरण बताता है |

सप्तम में बृहस्पति सैया भोग धन वाहन एवं भोजन की अच्छी व्यवस्था |

अष्टम में बंधन पीड़ा कठोर शोक,मार्ग मे क्लेश एवं मृत्यु तुल्य कष्ट की सूचना देता है |

नवम में सब कार्यों में निपुणता,आदेश,शुभ कार्य और अर्थ की स्थिति तथा धान्ययुक्त भूमि |

दशम में स्थित बृहस्पति दीनता अन्न तथा धन की हानि,अपनों से अपवाद बेरोजगारी या नौकरी का छूटना तथा बेकार भ्रमण देता है |

एकादश स्थित बृहस्पति आरोग्य एवं धन प्रदान करता है |

द्वादश में बृहस्पति यात्रा संबंधी कष्ट एवं पथभ्रष्ट बताता है |

 

6)जन्म राशि में शुक्र कामदेव के उपकरणों आकर्षक सुगंधित द्रव्य और वस्त्र से लाभ |

द्वितीय मे संतान धन-धान्य राज एवं स्वास्थ संबंधी कार्यों में सफलता देता है |

तृतीय में शुक्र प्रभुत्व धन मान,स्थान एवं शत्रु का नाश करता है |

चतुर्थ में शुक्र मित्र समागम, हर्ष एवं उल्लास को प्रदान करता है ।

पंचम राशि में संतोष, बंधु सुख, पुत्र, धन का लाभ तथा शत्रु सेना में अनवस्थित करता है ।

षष्ठ का शुक्र अपमान, रोग और संताप की सूचना देता है ।

सप्तम का शुक्र ग्रह-वस्त्र आदि का स्त्री से संबंध कराकर नाश |

 अष्टम का शुक्र गृह एवं स्त्री (लक्ष्मीवती) को देने वाला होता है।

नवम में शुक्र धर्म, स्त्री, सुख एवं धन प्राप्ति की सूचना देता है |

दशम में अपमान एवं कलह |

एकादश में मित्र, धन, अन्न और सुगंधित द्रव्य का लाभ |

द्वादश में धन और वस्त्रों के लाभ की सूचना देता है।

 

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