रविवार, 17 अप्रैल 2022

गोचर के ग्रहो द्वारा दी जाने वाली सूचना -1

गोचर मे ग्रहो की स्थिति के आधार पर हम समय, स्थान एवं कारण का अध्ययन ज्योतिष विद्या के माध्यम से करते  हैं । अतः निश्चित ही ज्योतिष शास्त्र हमारे दैनिक जीवन महत्वपूर्ण स्थान रखता है । इस प्रकार से कहा जा सकता है की गोचरीय ग्रह स्थिति ही दैनिक जीवन मे परिवर्तन की सूचना देती हैं | कौन सा ग्रह किस स्थान मे किस प्रकार की राशि में स्थित है? इसके आधार पर हम अपनी दैनिक घटनाओ की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं

गोचर का विचार मुख्यतः चन्द्र राशि से किया जाता हैं परंतु कही कही लग्न कुंडली के ग्रहो को भी महत्व दिया जाता हैं |

प्रस्तुत लेख मे हम बृहद संहिता व अन्य ग्रंथो के आधार पर दैनिक ग्रह स्थिति के अनुसार सूचित होने वाली घटनाओ के संबंधो को बताने का प्रयास कर रहे हैं | ग्रह जन्म राशि से इन इन भावो मे शुभता देते हैं

1)जन्म राशि से तीसरी, छठी या दशवी राशि में सूर्य |

2)तीसरी, छठी, दसवीं, सातवीं या पहली राशि में चन्द्रमा ।

3)छठी या तीसरी राशि में मंगल और शनि ।

4)दूसरी, छठी, चौथी, दसवीं या आठवीं राशि में बुध |

5)दूसरी,पांचवी,सातवीं,नवी राशि में गुरु ।

6)सातवीं,छठी और दसवीं राशि में स्थित शुक्र सिंह की तरह भ्रमण करने वाला होता है |

7)ग्यारहवीं राशि में सभी ग्रह शुभ फल की सूचना देते हैं ।


सूर्य यदि चन्द्र राशि में गोचर कर रहा हो तो उपद्रव, धन का नाश, पेट का रोग और मार्ग में कष्ट की सूचना देता है |

द्वितीय राशि में हो तो धन का नाश,दुःख, सभी कार्यों का नाश और नेत्र रोग |

तृतीय राशि में हो तो स्थान लाभ, धन दौलत से युक्त, आनन्द युक्त और शत्रु का नाश |

चौथी राशि में सूर्य होतो रोग और माला को धारण करने वाली स्त्री से कष्ट और बार बार विघ्न बाधाओ की सूचना देता हैं |

सूर्य जन्मराशि से पंचमें हो तो रोग और शत्रुजनित पीड़ा |

षष्ठ में हो तो रोग, शत्रु और शोक का नाश |

सप्तम में हो तो भय, भ्रमण, पेट के रोग का भऔर दुःख |

अष्टम में हो तो रोग और भय तथा अपनी स्त्री का भी सहयोग नहीं मिलेगा ऐसी सूचना देता है |

सूर्य नवम में हो तो आपत्ति, दीनता और धन के प्रयोग आदि से विघ्न |

दशम में हो तो कठिन विजय और कार्य सिद्दी |

एकादश मे होतो विजय,स्थान लाभ,पुजा और रोग का नाश |

द्वादशा राशि मे होतो सुंदर स्वभाव वालो की क्रिया फल प्रदान करती हैं |  

 

 

2)चन्द्र जन्मराशि से अन्न,उत्तम शैया और सुंदर वस्त्र प्राप्ति |

द्वितीय मे पुजा व धन का नाश |

तृतीय मे वस्त्र,धन,विजय और सुख की सूचना देता है ।

चतुर्थ में चन्द्रमा रहने पर व्यक्ति अविश्वासी हो जाता है ।

यदि चन्द्रमा जन्म राशि से पंचम में हो तो दीनता, रोग, शोक और मार्ग में विघ्न-बाधा पैदा करता है |

 षष्ठ में धन और सुख को प्रदान करता है, तथा शत्रु एवं रोग को नाश करता है ।

सप्तम में वाहन शैय्या, पूजा, भोजन तथा धन की अच्छी व्यवस्था करता है |

अष्टम में स्थित चन्द्रमा काफी खतरनाक एवं भयकारी तथा अनिष्टकारी सूचना देता है।

नवम में चन्द्रमा बंधन, उद्वेग, खेद और उदर रोग की वृद्धि |

दशम में प्रभुता और कर्म की सिद्धि |

एकादश में धन की वृद्धि, मित्र के साथ समागम और धन के साथ प्रमोद |

द्वादश में चन्द्रमा धन की क्षति, यात्रा, बैल के सींग एवं खुर आदि से पीड़ित होने की सूचना देता है।

 

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