बाधक ग्रह यदि लग्न में हो तो छाया पात्र का दान करना चाहिए |
यदि दूसरे भाव में हो तो मंत्र जाप करना चाहिए |
तीसरे भाव में होतो पूजा अर्चना करनी चाहिए |
चौथे भाव मे होतो देव मंदिर बनाए |
पांचवें में होतो तर्पण व ब्राह्मणों को अन्न दान दें |
छठे भाव में हो तो प्रतिकार बली करें |
सातवें भाव में प्रतिमा के सम्मुख नृत्य करें |
अष्टम भाव में हो तो व्रत उपवास करें |
नवे भाव में आवाहन मंत्र आदि करें |
दसवें भाव में हो तो तर्पण मार्जन करें |
ग्यारहवें भाव में हो तो तर्पण दे |
बारहवें भाव में यदि बाधक ग्रह हो सूर्य हो या सिंह राशि होने पर सूर्य
आराधना करे |
चंद्र या कर्क राशि होने पर चावल पानी बाटे |
मंगल या मेष/वृश्चिक राशि होने पर मंदिर में दीपमाला करें हवन करें |
बुध या मिथुन/कन्या राशि होने पर भगवान के सामने नृत्य करें |
गुरु या धनु/मीन राशि होने पर ब्राह्मण भोजन करें |
शुक्र या वृषभ/तुला राशि होने पर मुक्त हस्त से अन्न दान करें |
शनि बारहवें भाव में हो अथवा मकर/कुम्भ राशि हो तो पिछड़ी जाति को अनुदान करें |
6/8/12 भाव में बाधक हो और केंद्र में गुरु हो तो सर्प बली पूजन कराये |
चौथे भाव में राहु चित्रकूट में शीला दान करे |
सातवें भाव में राहू भक्ति गीत का सहारा ले।
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