मंगल-आकर्षक,गुस्सा ज़्यादा,ताकतवर,स्वयं के दिमाग से ज़्यादा काम करने का इच्छुक,भाइयो व दोस्तों का भक्त,उत्तम स्वस्थय वाला,आदर मान सम्मान पाने वाला,15 से 33 वर्ष तक शुभ समय,मांगलिक कार्य करवाने वाला,
मंगल बद होने पर-खून की बीमारी,फोड़ेफुंसी,मुहाँसे,तोडफोड करने वाला शरारती,जिद्दी,स्वार्थी बहुत चोटे खाने वाला,पंगेबाज,चुगली करने वाला व क्लेशी,अपनी मर्जी से चलना चाहे,खून की कमी,खाने मे लापरवाह,खाये तो खाये नहीं तो नहीं,भाई से ना बने,घर पर मंगल कार्य ना हो,सास बहू की ना बने,कोई अंग टूटा फूटा हो,घर के सामने मैदान हो,धूल उड़ती हो,कीकर बेरी नीम का पेड़ हो तंदूर भट्टी आसपास हो,खुशी के बाद क्लेश हो,दिमाग खराब रहे,दुर्घटनाए लगी रहे धेर्य ना हो गुस्सा ज़्यादा हो
सहनशीलता ना हो,कोई
कार्य समय से ना हो किसी से भी नहीं बनती,परिवार मे एका ना रहे,खुशी का माहौल घर पर ज़्यादा देर तक ना रहे |
ऐसे मे निम्न उपाए करे |
1)शराब मांस व तला भोजन तथा लाल रंग प्रयोग ना करे |
2)तंदूर भट्टी हलवाई आदि आस पास ना रखे |
3)चाँदी पहने,चकोर चाँदी का टुकड़ा संग रखे रोजाना दूध व चावल खाये |
4)43 दिन गुड की रेवड़िया बहाये | लाल मसूर दान करे |
5)माफ करना सीखे,पड़ोस से बनाकर रखे |
6)काला नीला ना पहने हल्के रंग प्रयोग करे |
7)43 दिन कुत्तो,कव्वो को गुड लगी तंदूरी रोटी खिलाये |
8)दक्षिण मुखी मकान मे ना रहे तथा घर के आगे धूल
ना उड़ने दे |
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