1)गुरु – शुभ होने पर ज्ञान व पढ़ाई पूरी हो,दादा दादी का सुख मिले,याददाश्त अच्छी व संस्कार भी अच्छे हो,दूसरों का आदर सम्मान करे व स्वयं भी पाये,मदद करने को हमेशा तैयार रहे |
अशुभ होने पर शिक्षा पूरी ना हो पाना,दादा-दादी का सुख ना मिल पाना,केवल 10-11 साल तक ही दादा दादी जीवित रहे, समझदारी ज़्यादा होना,सायनस,फेफड़े,जुकाम अथवा सांस की तकलीफ़े होना,चिड़चिड़ापन होना,घर मे गृहकलेश रहना,सरकारी काम न बनना,पड़ोसियो से संबंध खराब रहना,बच्चे का अपनी
मनमर्जी करना,पैसे की तकलीफ लगे रहना,बड़ो का सम्मान ना हो पा रहा हो,याददाश्त कमजोर हो रही हो,परिणाम अच्छे ना आ रहे हो,लाभ कम होता जा रहा हो,ग्रेजुशन स्तर की पढ़ाई ना हो पायी हो,ज्ञान पूरा प्राप्त ना हो,खुद को औरों से बेहतर समझने लगे,पुजा यज्ञ इत्यादि मे मन ना लगे,परीक्षा समय भूलने की बीमारी हो जाए |
ऐसा होने पर समझ लेना चाहिए की आपके परिवार मे
गुरु ग्रह खराब हैं इसको ठीक करने के लिए निम्न उपाय करने चाहिए |
1)घर से बुध की वस्तुए हटाये जैसे बंद घड़िया,खोटे सिक्के ढोलक तुलसी इत्यादि |
2)नीला व हरा प्रयोग ना करे |
3)गुरुवार हरा व बुधवार पीला सेवन ना करे |
4)43 दिन लगातार 400 ग्राम चने की दाल जल प्रवाह
करे |
5)साल मे दो बार घर पर हवन,यज्ञ अथवा कीर्तन अवश्य करे |
6)माँ बाप व बड़ो का आदर करे |
7)केसर तिलक नाभि जुबान व माथे पर लगाया करे
|
8)43 दिन बड़ के पेड़ की जड़ पर दूध,पानी व चीनी डालकर गीली मिट्टी का तिलक माथे पर
लगाए |
9)धर्मस्थान मे पैसे देकर आशीर्वाद ले |
10) घर का उत्तर पूर्व हिस्सा साफ रखे |
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