एक महिला की जन्मपत्रिका में सप्तम भाव में गुरु यदि स्वस्थ, शुभ भाव का स्वामी और पाप प्रभाव रहित हो, तो निश्चय ही वैवाहिक सुख, गुणी, धार्मिक रुचि रखने वाला पति और साझेदारी से लाभ प्रदान करता है । गुरु का शुभ भाव का स्वामी होना जरूरी है, किन्तु यदि गुरु अशुभ भाव का स्वामी पाप प्रभाव में अथवा पीड़ित हो, तो वैवाहिक सुख का नाश होता है । जातिका पति से अलग अथवा विधवा होती है । इस सन्दर्भ में हम मृदुला द्विवेदी का यह कथन पाठकों के सामने रखना चाहेंगे, "गुरु की सप्तमस्थ स्थिति को कम से कम शुभ नहीं मानती । हमने गुरु के सप्तम भाव में रहने पर वैवाहिक जीवन में अनेक विसंगतियाँ, विघटनकारी स्थितियाँ आदि देखी हैं । कितनी ही स्त्रियाँ वेदनापूर्ण एकाकी जीवन जी रही हैं । कुछ विशेष परिस्थितियों को छोड़कर सप्तम भावस्थ गुरु जीवन के आगे एक प्रश्नचिह्न खड़ा कर देता है ।”
हम आगे इस बिन्दु पर विषय को स्पष्ट करने
के लिए ग्यारह जन्म पत्रिकाओं को विश्लेषण सहित प्रस्तुत करना चाहेंगे । इसमें मीन
लग्न को छोड़कर सभी लग्न की जन्मपत्रिकाओं के उदाहरण हैं ।
1)जन्म दिनांक : 13 जून, 1982 जन्म समय : 03:45 बजे : जन्म स्थान
खेतड़ी (राज.) मेष लग्न मे जन्मी इस जातिका
का विवाह गुरु मे शुक्र अंतर्दशा मे सन 2009 मे हुआ था | एक पुत्र के जन्म के
बाद ये खाड़ी देशों में कार्यरत अपने पति के पास चली गईं, लेकिन पिता
की बीमारी की खबर पाकर पुनः भारत आयीं । बाद में गुरु में राहु की अन्तर्दशा में
पिता की मृत्यु हो गई । वक्री गुरु के बारे में कहा गया है कि वह जिस भाव का
स्वामी होता है और जिस भाव में स्थित होता है, उसे कुछ न
कुछ हानि अवश्य करता है । जन्मपत्रिका में गुरु सप्तम भाव में वक्री होकर स्थित है
। गुरु राहु के नक्षत्र में है । पिता के कारक सूर्य से गुरु षष्ठ और राहु द्वितीय
में स्थित होना पिता की मृत्यु का कारक बना । गुरु ने पति का साथ भी छुड़वा दिया ।
2)सुनीता मिश्रा जन्म दिनांक 21 अप्रैल, 1971 जन्म
समय : 08:10 बजे जन्म स्थान : बस्ती (उ.प्र.) वृष लग्न मे जन्मी इस महिला जातक का विवाह 1996 में
गुरु में चन्द्रमा की अन्तर्दशा में सम्पन्न हुआ था । पुत्र के जन्म के बाद इनकी
मानसिकता में बदलाव आना प्रारम्भ हो गया था । 04 सितम्बर, 2001 को शनि
की महादशा में शनि की अन्तर्दशा में इन्होंने विषाक्त पदार्थ का सेवन कर लिया और
संघर्ष करते हुए इनकी मृत्यु हो गई । जन्मपत्रिका में शनि के नक्षत्र में स्थित
गुरु सप्तम भाव में वक्री है और अष्टमेश होकर सप्तमेश मंगल से भाव परिवर्तन कर
मारक बन गया है । गुरु का शनि के नक्षत्र में स्थित होना शनि की दशा के प्रभाव मे मृत्यु का कारण बना |
3)सुनीता टाक जन्म दिनांक : 16 अक्टू., 1972 जन्म समय: 21:50 बजे जन्म स्थान : अजमेर (राज.)
इस
महिला जातिका का विवाह 01 जुलाई, 2007 को गुरु में गुरु की अन्तर्दशा में सम्पन्न हुआ था ।
पाँच वर्ष बाद ही सन् 2012 में गुरु की महादशा में बुध की अन्तर्दशा में हृदयाघात से
इनके पति का देहान्त हो गया । जन्मपत्रिका में गुरु सप्तम भाव में स्वगृही है, किन्तु केतु के नक्षत्र में स्थित है ।
मिथुन लग्न की जन्मपत्रिका में गुरु एक बाधक ग्रह होता है, अतः गुरु ने विवाह कराया भी और खण्डित भी कर
दिया । नवांश कुण्डली में भी गुरु अष्टम भाव में मंगल और केतु से
युक्त है ।
तमिलनाडु
की मुख्यमन्त्री जयललिता को इस सप्तम भावस्थ गुरु ने अविवाहित ही रखा ।
4)29/3/1985 15;10 अजमेर कर्क लग्न मे जन्मी इस महिला जातिका का विवाह गुरु की
महादशा मे सम्पन्न हुआ दो पुत्रियों के
जन्म के बाद मन में एक सूनापन एवं उदासी रहती है । जन्मपत्रिका में सप्तम भाव में
नीच का गुरु चन्द्रमा के नक्षत्र में स्थित है । गुरु की इस स्थिति के कारण विवाह
तो हुआ, किन्तु पुत्र सुख नहीं मिला ।
5)
26/6/1962 10:30 हैदराबाद सिंह लग्न मे जन्मी इस महिला का विवाह मई, 1991 में शुक्र में बुध की
अन्तर्दशा में सम्पन्न हुआ था । इसी अन्तर्दशा में अक्टूबर, 1991 में इनके पति ने इन्हें
त्याग दिया था । जन्मपत्रिका में सप्तम भाव में गुरु राहु के नक्षत्र में है । यह
गुरु विवाह को सुरक्षित नहीं रख पाया । शुक्र राहु के साथ कर्क राशि में द्वादश
भाव में स्थित है । नवांश में शुक्र - मंगल की युति है ।
6)श्रीमाओ
भण्डारनायके जन्म दिनांक : 17 अप्रैल, 1916 जन्म समय : 16:05 बजे जन्म स्थान : रत्नापुरा (श्रीलंका)
कन्या लग्न मे
जन्मी श्रीमती भंडारनायके का
विवाह सन 1940 मे हुआ था जब इनकी गुरु मे गुरु की अंतर्दशा चल रही थी | इनके पति एस.डब्ल्यू. आर.डी. भण्डारनायके बाद में श्रीलंका
के प्रधानमन्त्री बने । गुरु की महादशा में एक पुत्री हुई, लेकिन भण्डारनायके को मारने के षड्यन्त्र भी
चलते रहे । सन् 1959 में शनि की महादशा में शनि की अन्तर्दशा में इनके पति की
हत्या कर दी गई । इसके बाद सन् 1960 में ये देश ही नहीं विश्व की पहली महिला प्रधानमन्त्री
बनीं । 19 वर्ष शासन करने के बाद अक्टूबर, 2000 को शुक्र में शुक्र की
अन्तर्दशा में इनकी हृदय रोग से मृत्यु हो गई । जन्मपत्रिका में सप्तम भाव में
गुरु स्वगृही है, किन्तु इस पर केतु और नीच गुरु शनि की दृष्टि है । नवांश
में मंगल के साथ स्थित है । गुरु बुध के नक्षत्र में स्थित है, जो कि अष्टम भावस्थ है ।
7)जन्म
दिनांक : 30 अगस्त, 1975 जन्म समय: 11:40 बजे जन्म स्थान : अजमेर (राज.) इस महिला का विवाह सन् 2000 में राहु में शुक्र की
अन्तर्दशा में सम्पन्न हुआ था । दो पुत्रों के जन्म के बाद 24 सितम्बर, 2007 को गुरु में गुरु की अन्तर्दशा में ये विधवा हो गई थीं ।
पति के कर्ज में डूबने के कारण उन्होंने आत्महत्या कर ली थी । जन्मपत्रिका में
गुरु सप्तम भाव में वक्री होकर स्थित हैं
| गुरु केतू के नक्षत्र मे हैं
जो अष्टम भाव मे मंगल के साथ हैं | नवांश मे भी मंगल लग्न मे
स्थित होकर केतू से दृस्ट हैं |
8)जैकलिन केनेडी 28/7/1929 15:00 साओथम्प्टोन अमरीका मे वृश्चिक
लग्न मे जन्मी जैकलिन का विवाह जॉन.एफ. में
शुक्र कैनेडी के साथ सन् 1953 में बुध की अन्तर्दशा में सम्पन्न हुआ था । सन् 1961 में चन्द्रमा की महादशा में
चन्द्रमा की अन्तर्दशा में कैनेडी राष्ट्रपति बने । सन् 1963 में चन्द्रमा में गुरु की
अन्तर्दशा में उनकी हत्या हो गई । फिर जैकलिन ने महाधनी एरिस्टोटल ओनोसिस से विवाह
किया । पुनः सन् 1975 में मंगल में केतु की अन्तर्दशा में ये विधवा हो गईं ।
जन्मपत्रिका में गुरु और शुक्र सप्तम भाव में स्थित हैं । गुरु रोहिणी नक्षत्र में
है, अतः चन्द्रमा में गुरु की अन्तर्दशा में ये पहली बार विधवा
हुईं । चन्द्रमा ने गुरु का फल प्रदान किया ।
9)23 नवम्बर, 1989 जन्म समय: 10:20 बजे जन्म स्थान जयपुर (राज.) धनु लग्न मे जन्मी इस जातिका का विवाह 2014 मे राहू मे बुध की अंतर्दशा मे
हुआ था | सप्तम भाव मे स्थित वक्री गुरु
राहू के नक्षत्र मे हैं जिसने विवाह करवाया बुध सप्तमेश हैं गुरु की महादशा 2024
मे शुरू होगी |
10)21/12/1919 8:48 बरेली मकर लग्न मे जन्मी यह जातिका शुक्र की महादशा में एक विधायक की पत्नी बनी थी ।
सभी ने उसके जीवन के बाह्य रूप को देखकर एक उज्ज्वल और सुखी जीवन की कल्पना की थी ।
पति महाशय का बाहरी जीवन गौरवपूर्ण था, किन्तु अन्य स्त्रियों में उनकी लिप्सा के साथ-साथ अन्य
अनेक कमियों से जातिका का जीवन एक दासी के समान रह गया था । तब एक पृथक् भवन में
रहकर पीड़ापूर्ण जीवन जीना पड़ा । एक पुत्री विधवा हो गई । पुत्र ने भी अनेक
आपदाएँ खड़ी कर दीं । जातिका के मन में जीने की इच्छा शून्य रह गई । जन्मपत्रिका
में सप्तम भाव में उच्च का वक्री गुरु स्थित है । गुरु तृतीय एवं द्वादश भाव का
स्वामी होकर पापी ग्रह बनता है ।
11)फिल्म अभिनेत्री मधुबाला जन्म दिनांक 14 फरवरी, 1933 जन्म समय : 07:00 बजे जन्म स्थान : दिल्ली सन् 1960 में रिलीज हुई 'मुगल-ए-आजम' फिल्म मधुबाला को
सफलता के शिखर पर पहुँचा पहुँचा दिया था । सन् 1963 से इनके जीवन में गुरु की महादशा प्रारम्भ हुई थी । उसके बाद इनकी जिन्दगी ढलान पर तेजी से
गिरने लगी । इनके जीवन में कमाल अमरोही, प्रेमनाथ, दिलीप कुमार,भारत भूषण, प्रदीप कुमार आदि कई फिल्मी हस्तियाँ
आयीं, किन्तु किसी
से भी विवाह नहीं हो पाया । अन्त में अन्तिम समय में इन्होंने किशोर कुमार से
विवाह किया । अन्त में गुरु की महादशा में शनि की अन्तर्दशा में 23 फरवरी, 1969 को इनका देहान्त हो गया । इन्होंने मात्र
36 वर्ष की आयु
पायी । जन्मपत्रिका में सप्तम भाव में गुरु वक्री होकर मंगल एवं केतु के साथ स्थित
है ।
12)क्रिस्टीना
एक्यूलीरा अमेरिकी अदाकारा एवं गायिका जिसका जन्म 18 दिसंबर 1980 को अमेरिका के
न्यूयॉर्क शहर में मीन लग्न में हुआ था इनका विवाह 2005 में हुआ तथा तलाक 2010 में
हो गया इसके अलावा इन के विवाह से पहले एवं विवाह के बाद बहुत से लोगों से संबंध
रहे हैं |
13)कोर्टनी
लव 9/7/1964 को अमेरिका के सैन फ्रांसिस्को में तुला लग्न में जन्मी कोर्टनी लव एक
बेहतरीन गायिका होने के साथ-साथ अदाकारा भी रही है जिन्होंने अपने जीवन में 2
विवाह किए परंतु उनका वैवाहिक जीवन ज्यादा अच्छा नहीं रहा पहला विवाह 1 वर्ष तथा
दूसरा विवाह केवल 2 वर्ष तक ही चला इनके दूसरे पति की बहुत जल्द ही मृत्यु हो गई |
14)17
जुलाई 1954 को जर्मनी के हैंबर्ग शहर में धनु लग्न में जन्मी श्रीमती एंजेला
मार्कल के सप्तम स्थान में बृहस्पति है तथा इन्होंने दो विवाह किए हैं हम सभी
जानते हैं कि यह पहले कि जर्मनी की राजनीति के होने के साथ-साथ विज्ञानिक भी रही
है |
15)अमेरिकी
अदाकारा जेनिफर गार्नर का जन्म अमेरिका के ह्यूस्टन नामक शहर में मिथुन लग्न में
हुआ है इनकी पत्रिका में गुरु सप्तम भाव में धनु राशि का वक्री अवस्था में है जिस
कारण इनके दो विवाह हुए परंतु दोनों विवाहों में तलाक का सामना करना पड़ा |
16)अमेरिकी
अदाकारा जूलियन मूर का जन्म 3/12/1960 को अमेरिका के कैरोलिना नामक राज्य में
मिथुन लग्न में हुआ इन्होंने भी अपने जीवन में 2 विवाह किए हैं |
17)अंग्रेजी
अदाकारा केट विंसलेट का जन्म बर्कशायर इंग्लैंड में 5 अक्टूबर 1975 के दिन में
कन्या लग्न में हुआ है इनके सप्तम भाव में वक्री गुरु होने से इनको विवाह का सुख
कम मिला जबकि इन्होंने तीन विवाह किए हैं टाइटेनिक से सफलता के झंडे गाड़ थे|
महिलाओं
की जन्मपत्रिका में गुरु को पति का कारक माना गया है, किन्तु यही गुरु जब अशुभ भाव का स्वामी, पाप प्रभाव में, वक्री आदि हो, तो सप्तम भावस्थ होकर भी वैवाहिक सुख का नाश करता है ।
निश्चय ही गुरु मेष लग्न में भाग्येश और और धनु, मीन लग्न की जन्मपत्रिका में लग्नेश होकर शुभ फलदायक होता
है,
लेकिन वक्री होकर पति से दूर रहने पर मजबूर कर
देता है ।
वृषभ
लग्न में यह अष्टमेश और मिथुन, कन्या में बाधक ग्रह होकर पापी बनता है ।
कर्क
लग्न में षष्ठेश और सिंह लग्न में अष्टमेश होकर आंशिक शुभ फलदायक बनता है ।
तुला लग्न के लिए गुरु षष्ठेश होता है ।
निश्चय ही वृश्चिक लग्न के लिए गुरु सर्वाधिक श्रेष्ठ और योगकारक होता है, किन्तु सप्तम भाव में इसे आंशिक अशुभ ही
पाया गया है ।
मकर
लग्न के लिए गुरु तृतीयेश और द्वादशेश होकर अशुभ और विच्छेदात्मक ग्रह बनता है ।
कुम्भ
लग्न में द्वितीयेश और एकादशेश होकर मारक बनता है, अतः गुरु की सप्तम भाव में स्थिति एक महिला के लिए अधिकतर
मामलों में अशुभ ही पाई गई है, अतः सप्तम भावस्थ गुरु पति सुख की सुनिश्चितता नहीं दे सकता
है ।
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