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जानें कैसे किसी भाव अथवा ग्रह से द्वादशस्थ शुक्र, उस भाव की विशेष वृद्धि कर, भाग्यशाली बनाता है ?
सांसारिक सुखों
की प्राप्ति में शुक्र ग्रह का प्रभाव सर्वाधिक महत्वपूर्ण है । भौतिक, भोगों
की प्राप्ति के लिए शुक्र ग्रह से ही विचार किया जाता है । शुक्र को गुरु ग्रह की
तरह ही शुभ ग्रह का दर्जा भी
प्राप्त है । यहाँ इस लेख में शुक्र ग्रह के एक विशेष गुण पर विचार करेंगे । यह विशेष गुण हैं की शुक्र जिस
भाव से अथवा
ग्रह से द्वादश
स्थान में स्थित हो, तो वह उस भाव की एवं उस ग्रह की विशेष
वृद्धि कर, उस भाव एवं उस भाव में स्थित ग्रह को प्रबल कर
भाग्यशाली बना देता और उस से सम्बन्धित विशेष सुख जातक को जीवन में प्राप्त होते
हैं ।
आइए अब कुछ उदाहरण कुण्डलियों
द्वारा शुक्र ग्रह के इस भाग्यशाली प्रभाव की गहराई को नापने की कोशिश करते हैं ।
1) 19
अगस्त, 1986 जन्म समय: 22:42 बजे जन्म स्थान
सोनीपत जातक की मेष लग्न की कुण्डली
में शुक्र षष्ट स्थान में स्थित है और अपने ही सप्तम स्थान से द्वादश है, जिस
कारण से शुक्र ने जातक के सप्तम स्थान की विशेष वृद्धि कर, उसे
भाग्यशाली बना दिया। सप्तम स्थान
व्यापार एवं स्त्री का है और इस जातक ने कम ही आयु में व्यापार में उल्लेखनीय
प्रगति की एवं स्त्री से भी भरपूर सुख एवं लाभ मिला ।
2) 14/12/1924 22:00 पेशावर प्रस्तुत जन्मकुण्डली फिल्म अभिनेता,निर्देशक,निर्माता राजकपूर की है ।
इनके चतुर्थ स्थान में शुक्र स्थित है, जो पंचम भाव व
सूर्य से द्वादश है, जिस कारण शुक्र ने सूर्य पंचम भाव व पंचमेश मंगल को
विशेष शुभ बल प्रदान कर दिया । पंचम
भाव संतान एवं बुद्दि का हैं राजकपूर की संतान विशेष गुणी रहीं और फिल्म अभिनेता के रूप मे उनकी
संतानों में काफी नाम कमाया और आज भी कमा रही है । दूसरे राजकपूर अपने बुद्धि बल
से विशेष कहानी वाली व विशेष
निर्देशन वाली फिल्मे बनाते थे इसी शुक्र की वजह से उन्हे अधभूत बुद्दि बल मिला
जिसका प्रभाव उनकी अधिकतर फिल्मों मे देखा जा सकता हैं |
3) प्रसिद्ध
अभिनेता अमिताभ बच्चन की हैं
जिनका जन्म 11/10/1942 16:00 इलाहाबाद का हैं | इनकी कुण्डली में शुक्र अष्टम स्थान
में है और भाग्य स्थान से एवं चन्द्रमा से द्वादश है, जिस
कारण से शुक्र ने भाग्य स्थान एवं चन्द्रमा में विशेष वृद्धि एवं प्रबलता प्रदान
कर दी और इसी वजह से अमिताभ बच्चन अति विशेष भाग्यशाली हो गये, जिसका
प्रमाण आज भी देखा जा सकता है और 80 वर्ष की आयु पार करने के बाद भी वे लगातार
फिल्में कर रहे है ।
4) पी चिदांब्रम 16/9/1945 23:47 करैकुडि इस कुण्डली में शुक्र तृतीय भाव में स्थित
है और चतुर्थ भाव एवं बुध से द्वादश होने से चतुर्थ भाव एवं बुध को विशेष वृद्धि
बल दे रहा है । चतुर्थ भाव जनता का भाव है और पी. चिदम्बरम को सदा जनता का साथ एवं
समर्थन मिला और वे एम. पी. से भारत के गृहमंत्री के पद तक पहुँचे ।
5) जयललिता 24/2/1948 14:34 मेलूकोटे उदाहरण कुण्डली
में शुक्र दशम स्थान में स्थित है और एकादश भाव एवं राहु से एकादश होने से द्वादश
भाव एवं राहु को विशेष वृद्धि बल प्रदान कर रहे है। पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता के
एकादश भाव की वृद्धि होने से उन्होंने अपार धनदौलत कमाई तथा जीवन में असीमित सफलता
एवं प्रसिद्धि अर्जित की ।
6) मर्लिन मोनरो का
जन्म दिनांक : 01 जून, 1926 जन्म समय : 09:30
बजे जन्म स्थान : लॉस ऐंजेल्स कैलिफोर्निया (अमेरिका) उदाहरण कुण्डली 06
में शुक्र दशम स्थान में स्थित है और एकादश लाभ भाव से द्वादश होने से एकादश लाभ
भाव को एवं सूर्य बुध को विशेष वृद्धि बल प्रदान कर रहा है, जिससे
सूर्य बुध से बना बुधादित्य योग विशेष प्रबल हो गया और लाभ भाव विशेष वृद्धि
प्रदाता हो गया। हालीवुड की इस सुन्दर अभिनेत्री को सफलता एवं प्रसिद्धि के विशेष
शिखर तक पहुँचाया और विभिन्न लाभ इसे प्रदान किए ।
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