गुरुवार, 13 अप्रैल 2023

क्या शुक्र सच मे अपने से 12वे भाव की वृद्दि करता हैं (भाग 2 )

प्रस्तुत लेख को आप विडियो के रूप मे भी देख सकते हैं इसके लिए नीचे लिंक पर क्लिक करे |

https://youtu.be/w_EGmhNPFxs

प्रस्तुत लेख में हम यहां शुक्र जिस भाव और ग्रह से बारहवें स्थान में स्थित होता है वह उस भाव एवं ग्रह की विशेष वृद्दि कर उस भाव और उस भाव में स्थित ग्रह को विशेष प्रबल व वृद्दि कर भाग्यशाली बना देता है और उससे संबंधित विशेष सुख जातक को जीवन में प्राप्त होते हैं यह बताने का प्रयास कर रहे हैं 

कुछ विद्वान ज्योतिषी इसे शुक्र जिस भाव में होता है उससे अगले भाव की वृद्धि करता है इस सिद्धांत से भी जोड़कर देखते हैं,परंतु हमारा ऐसा मानना है क्योंकि शुक्र काल पुरुष की कुंडली में बारहवें भाव में का होता है इस आधार से देखें तो जिस भी भाव से शुक्र बारहवें भाव में स्थित होता है उस भाव की वृद्धि करता है ऐसा बहुत ही कुंडलियों का अध्ययन करने के बाद पाया गया है तथा हमने ऐसे बहुत से उदाहरण अपने पिछले पोस्ट में बताने की कोशिश भी की है आज इस पोस्ट में हम अन्य उदाहरण के साथ साथ कुछ नई बातें भी बताने की कोशिश करेंगे|

यदि इस सिद्धांत को देखें तो शुक्र जब पांचवे,सातवें और ग्यारहवें भाव में होगा तो वह अपने अशुभ फल अधिक प्रदान करेगा क्योंकि ऐसे में वह छठे भाव,आठवें भाव तथा 12वे भाव से बारहवा होगा जो हमारे इस सूत्र की गणना के अनुसार जातक विशेष के लिए अत्याधिक अशुभता लिए हुए होगा |

इसी सिद्धांत को एक अन्य दृष्टिकोण से देखने पर हम यह भी कह सकते हैं कि शुक्र यदि छठे आठवें और बारहवें भाव में होगा तो यह सातवें,नवें तथा लग्न भाव की वृद्धि करेगा ऐसा अनुभव तो सटीकता से घटित होता हुआ मालूम होता है |

आइए अब कुछ अन्य उदाहरण भी देखते हैं |

1) स्वामी प्रभुपाद 1/9/1896 15:45 कलकत्ता की मकर लग्न की पत्रिका में देखे तो शुक्र नीच राशि का होकर नवे भाव बुध संग स्थित है तथा दशम भाव में स्थित शनि से 12वीं भाव में है हम सब जानते हैं कि दशम भाव हमारे कार्य क्षेत्र का होता है स्वामी प्रभुपाद की पत्रिका में दसवें भाव में लग्नेश शनि उच्च राशि का होकर स्थित है तथा शुक्र द्वारा कर्मधर्माधिपति योग बनाकर तथा दसवें भाव से 12वे होने पर उसने इनको जबरदस्त सफलता प्रदान की है तथा इन्होंने इस्कॉन नामक संस्था बनाई थी जो पूरे विश्व में श्रीकृष्ण की भक्ति के लिए जानी जाती है |

2) लता मंगेशकर जी की वृषभ लग्न की पत्रिका में देखें तो शुक्र लग्नेश होकर चौथे भाव में स्थित है जो कि पंचम भाव से 12वीं भाव में है तथा पंचम भाव में स्थित सूर्य बुध तथा पंचम भाव के कारकत्वों की वृद्धि कर उन्हें एक विश्व प्रसिद्ध कलाकार बनाया है हम सभी जानते हैं कि लता मंगेशकर विश्व प्रसिद्ध गायिका रही हैं जिनके नाम दुनिया में सबसे अधिक गायन का विश्व रिकॉर्ड रहा है पंचम भाव हम सभी जानते हैं मनोरंजन अथवा फिल्म जगत का होता है जहां उसके बुध ने वाणी भाव का स्वामी बनकर उन्हें जबरदस्त आवाज प्रदान करी तथा चतुर्थेश सूर्य के साथ होने से उन्हें आलीशान संपत्ति का मालिक भी बनाया | इस प्रकार देखें तो शुक्र ने पंचम भाव से द्वादश होने पर पंचम भाव को बहुत ही बली बनाकर महान सफलता प्रदान की है |

3) प्रथम प्रधानमंत्री श्री जवाहरलाल नेहरू जी की कर्क लग्न की पत्रिका में देखे तो शुक्र चतुर्थ भाव में है जिसने पंचम भाव से द्वादश होकर पंचम भाव तथा उसमें स्थित सूर्य को बली बनाया है, हम सभी जानते हैं कि उनकी संतान श्रीमती इंदिरा गांधी विश्व प्रसिद्ध राजनीतिज्ञ एवं हमारे देश की प्रधानमंत्री रही है, सूर्य के धनेश होने से नेहरू जी कितने धनवान थे यह सभी जानते ही हैं |

4) नरसिम्हा राव जी की कन्या लग्न की पत्रिका में देखे तो शुक्र नवमेश होकर अष्टम भाव में स्थित है जिसने नवे भाव से द्वादश होने पर नवे भाव को बहुत बली बनाया है तथा यह भारतवर्ष के प्रधानमंत्री भी बने थे हम सभी जानते हैं जबकि प्रथम दृष्टया शुक्र नवमेश होकर अपने से द्वादश भाव में स्थित है जो भाग्य का व्यय होना ही बता रहा है |

5) अभिनेत्री नरगिस दत्त की वृषभ लग्न की पत्रिका में शुक्र लग्नेश होकर द्वादश भाव में स्थित है जिसने लग्न में स्थित सूर्य बुध और बृहस्पति को बलि बनाया है हम सब जानते हैं की नरगिस दत्त बहुत ही गजब की अभिनेत्री रही है तथा इस शुक्र ने द्वादश भाव में होकर उन्हें गजब की सुंदरता प्रदान करी | जबकि सामान्य तौर पर लग्नेश का द्वादश भाव में होना अच्छा नहीं समझा जाता है |

6) इसी प्रकार विश्व प्रसिद्ध गायिका मैडोना की सिंह लग्न की पत्रिका में भी शुक्र 12वे भाव में लग्नेश सूर्य संग स्थित हैं जिसने लग्न तथा लग्न में स्थित चंद्र बुध को मजबूती प्रदान की है हम सभी जानते हैं कि मैडोना गजब की सुंदरता लिए हुए बेहतरीन आवाज की मालिक रही है तथा पूरी दुनिया उन्हें एक बेहतरीन संगीतज्ञ के रूप में जानती है |

7) अभिनेत्री ऐश्वर्या राय की कन्या लग्न की पत्रिका में शुक्र दूसरे व नवे भाव का स्वामी होकर चतुर्थ भाव में चंद्रमा और राहु के साथ है जिससे उनका पंचम भाव तथा उसमें स्थित बृहस्पति(सप्तमेश)बली हुआ है जिस कारण से उन्हें मनोरंजन जगत में अच्छी कामयाबी मिली तथा ऊंच घराने से संबंधित पति भी मिला|

8) रामकृष्ण डालमिया की मिथुन लग्न की पत्रिका में देखें तो शुक्र बुध एवं सूर्य के साथ दसवें भाव में अपनी उच्च राशि में स्थित है जिसने एकादश भाव में स्थित बृहस्पति और राहु को बलि बनाया है हम सभी जानते हैं कि जगमोहन डालमिया विश्व प्रसिद्ध उद्योगपति रहे हैं |

9) पूर्व अमरीकी राष्ट्रपति फ्रैंकलिन रूजवेल्ट की सिंह लग्न की पत्रिका में शुक्र छठे भाव में सूर्य के साथ स्थित है जिसने सप्तम भाव में स्थित बुध को तथा सप्तम भाव को बलि बनाया है सभी जानते हैं कि उनकी पत्नी एक प्रभावशाली व्यक्तित्व की बहुत ही धनवान एवं ऐश्वर्यावान महिला थी |

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