फेस रीडिंग : व्यक्तित्व की सटीक
पहचान
जिस तरह एक
खगोलविद् विभिन्न ग्रह - नक्षत्रों से
सम्बन्धित सभी सूक्ष्म तथ्य व ज्ञान
विविध यंत्रों द्वारा वेधशाला से अर्जित करता है, ठीक उसी तरह फेस
रीडिंग विधा के अन्तर्गत फेस रीडर के लिए जातक की मुखाकृति भी एक वेधशाला होती है । वास्तव में
देखा जाए, तो फेस - रीडिंग जातक के सम्पूर्ण व्यक्तित्व
को दिव्य एक्स - रे यंत्र की भाँति तीनों काल यानि भूत, वर्तमान एवं
भविष्य के सम्बन्ध में दिव्य अनुभूतियों से अवगत कराती है ।
फेस रीडिंग एक
मुखाकृति के पार्श्व में छिपे रहस्यमय तथ्यों को जातक के समक्ष प्रस्तुत करने का
अत्यन्त सर्वोत्कृष्ट और अभूतपूर्व साधन है । एक अत्यन्त महत्त्वपूर्ण बात यह भी है कि फेस रीडिंग के लिए रीडर को मनोविज्ञान,त्राटक,ध्यान तथा शरीर
लक्षण विज्ञान का उत्कृष्ट ज्ञान होना चाहिए ।
फेस रीडिंग में
जातक के स्वभाव, चरित्र,प्रवृति,तथा बुद्धि - स्तर आंकलन हेतु मुखाकृति (Physiognomy)
की अहम् भूमिका है । इसमें यथा सिर, ललाट, भौहें,
चेहरा, रंग, आँखें, नाक,
मुख, होंठ, कान, केश,
जबड़ा, ठोड़ी, मूंछ, दाढ़ी,
कपाल तथा गर्दन आदि शामिल हैं । इन उक्त विषयों पर व्यापक वर्णन करना
असम्भव है, अतएव प्रमुख बातों पर विशेष ध्यान देते हुए लेख प्रस्तुत किया जा रहा है |
1)सिर के आकार - जातकों के विभिन्न
आकार के सिर होते हैं ।
1)गोल सिर के
जातकों को अपने ऊपर बहुत
विश्वास होता हैं | ये उतावली प्रवृति के कारण दूसरों की सही बातों को
भी नज़र अंदाज़ कर देते हैं |
2)लम्बे सिर के
जातकों का स्वभाव अत्यधिक मर्यादावादी और संवेदनशील होता है । वे झूठी चापलूसी
पसन्द नहीं करते हैं । वे अपने शुभाकाँक्षी की हरसंभव सहायता करने के लिए तत्पर रहते हैं ।
3)ऊँचे सिर वाले
जातक स्वभाव से मानवता प्रेमी,परोपकारी,सौम्य,दयालु,कर्तव्य परायण,विश्वसनीय तथा
ईमानदार होते हैं | जिन
जातकों का ऊंचा और चौड़ा सिर होता
है वह झगड़ालू प्रवृत्ति के होते हैं वे किसी के दबाव में आकर भी अपना भेद नहीं खोलते,अपने अधिकारों के लिए अड़ियल बैल जैसे बन जाते हैं |
4)जिस जातक का सिर वर्गाकार (यानि आगे-पीछे
से चपटा) होता है, वह
स्वभाव से सदा सतर्क और हठी होता है । ऐसे व्यक्ति सोच - विचार करने के बाद ही
किसी नतीजे को अंजाम देते हैं ।
5)छोटे सिर के
जातक नये - नये मित्र बनाने और लम्बी यात्राओं के बहुत शौकीन होते हैं । वे
बहुमुखी प्रतिभा सम्पन्न होने के साथ - साथ अधिक फुर्तीले होते हैं ।
2)ललाट रेखाएं –
सिर के बालों के
निकट पहली रेखा शनि,उसके
नीचे दूसरी रेखा बृहस्पति तथा तीसरी
रेखा मंगल की होती
हैं,बुध
नाक की हड्डी के पास,सूर्य
दाहिनी भृकुटी के ऊपर तथा नाक के जड़ के निकट शुक्र रेखा होती है ।
ललाट पर सीधी रेखा जातक के द्वेष
रहित, ईमानदार एवं नेक होने का परिचायक है ।
जो रेखाएँ ललाट
पर उचित स्थान पर नहीं हों, अर्द्धवृत्तार हों, जंजीर
युक्त तथा घुमावदार हों, वे दुर्भाग्यपूर्ण होती हैं ।
ललाट पर अनेक
रेखाएं अधिक प्रेम - प्रसंग को दर्शाती है ।
तिरछी एवं भद्दी
रेखाएँ धूर्तता, जालसाजी, छल-कपट प्रकट
करती है ।
सूर्य रेखा
तिरछी होने पर जातक विद्वेषी होता है । बृहस्पति की रेखा शनि रेखा से लम्बी होने
पर जातक की धार्मिक
प्रवृत्ति, गौरवमय जीवन एवं धन की बहुलता होती है ।
शनि तथा
बृहस्पति और शनि तथा मंगल की रेखाएँ स्पष्ट, बड़ी - लम्बी
होने पर - जातक शरारत की समस्त सीमाओं का उल्लंघन कर जाता है ।
मंगल की रेखा
अन्य रेखाओं से अधिक लम्बी एवं स्पष्ट होने पर जातक योद्धा होता है ।
बुध के स्थान पर
दो या तीन रेखाएँ सीधी, सरल, समान एवं स्पष्ट
हों, तो जातक कुशल वक्ता, भोमिक
बुद्धिमान् और ईमानदार होता है ।
तीन से अधिक रेखाए होने पर तथा सिरों पर
सौम्य, झुकी हुई होने पर जातक छली एवं कपटी होता है ।
3)चेहरे की आकृतियाँ -
गोल चेहरे के जातक
अत्यन्त व्यावहारिक, उदार,प्रतिभासम्पन्न,परिश्रमी,धन कमाने में
कुशल तथा सफल व्यवसायी होते हैं ।
वर्गाकार चेहरे
वाले जातक सशक्त और नेतृत्व की क्षमता, तीक्ष्ण बुद्धि, सृजनात्मक एवं
प्रेरक शक्ति से युक्त होते हैं ।
नाशपाती समान चेहरे वाले
ओजस्वी स्वभाव वाले,हस्तकला,ललित कला,संगीत,चित्र कला एवं
साहित्य में पारंगत होते हैं |
तिकोने चेहरे
वाले आत्मकेंद्रित तथा स्वार्थी होते हैं |
4)चेहरे के रंग –
फेस रीडिंग में
चेहरे के रंग का एक विशेष महत्व है जातक जातिका के चेहरे के रंगों को देखकर उनका
स्वभाव एवं चरित्र परखने में सहायता मिलती है |
किसी भी स्त्री
पुरुष के चेहरे का रंग सफेद होने पर वह दुर्बल स्वभाव वाला विलासी तथा दूरदर्शी
होता है |
भूरे चेहरे वाला
व्यक्ति अधिक बातूनी, अत्यन्त क्रोधी एवं अनाप - शनाप बोलने
वाले होते हैं ।
यदि चेहरा पीला,
ललाट लाल रंग का, आँखें धंसी हुई होने पर वह अत्यन्त
क्रोधी तथा वासनाओं में लिप्त रहना, उदास एवं चिन्ता
से ग्रस्त तथा संदेही होता है ।
गुलाबी चेहरे
वाला जातक परोपकारी, बुद्धिमान्, नेक
एवं सभ्य होता है ।
लाल वर्ण वाला
क्रोधी, सफेद एवं लाल रंग मिश्रित वाला खुश मिज़ाज तथा
राँगे जैसे रंग का जातक छलकपट करने वाला,
जालसाज एवं शरारती होता है ।
5)भृकुटि एवं आँखों का आकार -
भृकुटि के बाल
नाक के ऊपर मिलते हैं, तो ऐसे जातक ईष्यालु, शंकालु,
तानाशाह एवं हठी होते हैं ।
भृकुटि के बाहरी
झुके हुए सिरे निर्बल इच्छा-शक्ति बताते हैं ।
सीधी और मोटी
भौंहों वाले लगन के धनी तथा व्यवहार कुशल होते हैं ।
भृकुटि के बिखरे
बाल विवेकहीनता एवं चिड़चिड़ेपन के परिचायक हैं ।
गुच्छेदार
भृकुटि वाले अत्यन्त क्रोधी होते हैं ।
नाक के पास कोने
में गहराई युक्त नेत्र - धारी जातक खिलाड़ी होते हैं ।
तिरछी आँखों
वाले कंजूस, चंचल नेत्र वाले विषम लिंगीय जनों के प्रति
अत्यन्त आकर्षण एवं वासना युक्त, नेत्र
के केन्द्र के नीचे कपोल की उठी हड्डी वाले यंत्र संचालन
एवं आविष्कार में दक्ष होते हैं ।
आँखों की बड़ी
पुतलियाँ सुस्पष्ट विचार, शीघ्र समझने की क्षमता एवं सतर्क
मस्तिष्क का संकेत देती हैं ।
आगे की ओर अधिक
उभरे वाले नयन तीक्ष्ण स्मरणशक्ति,कर्तव्यनिष्ठ एवं लगनशील होते हैं ।
6)नाक - कान की आकृति -
किसी जातक की
नाक बड़ी तथा ढालू ललाट होने पर वह शक्की बन जाता है ।
नाक चेहरे से
अधिक बाहर निकली हो, तो वह अवसर देखकर समझौता कर लेता है ।
सुन्दर अनुपात
में नाक वाले जातक साहसी, सूझ- बूझ से युक्त, राजनेता
एवं महत्त्वपूर्ण होते हैं ।
नाक छोटी हो,
तो निश्चय में कमी एवं चरित्र को क्षति पहुँचती है ।
विभिन्न नाकों
में यथा - 'रोमन नाक' यानि बड़ी
सुगठित, ऊँची नाक जन्मजात नेता, सशक्त
वक्ता, उन्नति की लालसा तथा हठीला स्वभावः दर्शाती है ।
रोमन नाक एवं
चौड़ा मुँह हो, तो जातक मानवीय प्रकृति का होता है ।
‘एक्विलीन नाक'
यानि स्वच्छ-सीधी हो, तो जातक कलात्मक रुचि वाले संवेदनशील
होते हैं ।
'ग्रेशियन नाक'
वालों के नथुने बड़े होते हैं वे प्राकृतिक सौन्दर्य एवं ललित कला के
प्रेमी होते हैं ।
‘हुकवाली नाक'
वाले धन कमाने की क्षमता रखते हैं ।
‘कैलेशियल नाक'
(छोटी नाक) वाले जल्दबाज़, जिज्ञासु तथा
बिना सोचे-समझे कार्य करने वाले होते हैं ।
‘स्नब नाक'
अर्थात् अग्र भाग उठा हुआ, वाले जातक
अविकसित बुद्धि एवं धूर्त होते हैं ।
जब कान मस्तिष्क
के निकट हो, तो जातक भावुक एवं शक्ति का अनुचित प्रदर्शन
करके संकट में में पड़ जाता है ।
लम्बे कान के
जातक साहसी एवं बुद्धिमान होते हैं ।
बड़े कान वाले
रुखे स्वभाव के होते हैं ।
छोटे कान वाले
स्नेही स्वभाव एवं परिष्कृत रुचि के होते हैं ।
मस्तक से बाहर
निकले कान वाले जातक अभद्र एवं लालची स्वभाव वाले तथा स्वार्थी होते हैं ।
लम्बे एवं चौड़े
कान वाला व्यक्ति सीधा - सादा तथा कम स्मरण शक्ति वाला होता है ।
7)मुख और होठं का आकार -
मुख के मध्य में
अच्छी सीधी रेखा तथा सुन्दर होठ वाले सुसंस्कृत होते हैं ।
बाहरी कोनों पर
होठ भरे हों, तो व्यक्ति अतिथि सत्कार करने वाला होता है ।
चौड़े मुख वाले
उदार, दयालु, समझदार एवं
सहानुभूति से युक्त होते हैं ।
मोटे, लटके
एवं ढीली मांसपेशी वाले व्यक्ति होंठ वाले वासना युक्त
होते हैं |
लंबा सीधा ऊपर
का होंठ हो तो वह व्यक्ति सिद्धांत वादी होता है |
असंगत होंठ वाले
का स्वभाव भी असंगत होता है |
जब जातक के
दोनों होंठ दृढ़ता से बंद होते हो तो उसकी इच्छा शक्ति दृढ़ होती है |
8) ठोढ़ी
और जबड़े की आकृति -
दरारदार ठोढ़ी
वाले व्यक्ति प्रेम दीवाने होते हैं ।
बाहर निकली हुई
ठोढ़ी वाले व्यक्ति प्रेम की तीव्र ठोढ़ी वाले दृढ़ इच्छा-शक्ति तथा पारिवारिक
प्रेम-सम्बन्धों से युक्त होते हैं ।
वर्गाकार लम्बी
ठोढ़ी वाले ईमानदार होते हैं ।
ठोढ़ी दुहरी और
मांसल हो, तो वह मिलनसार, विनोदप्रिय एवं
हँसमुख होता है ।
दबी हुई ठोढ़ी
हठी और दुर्बल इच्छा- शक्ति को प्रदर्शित करती है ।
चौड़ी, छोटी
एवं गोल ठोढ़ी वाले दिल से स्नेह करने वाले तथा आरामतलब होते हैं ।
नीचे का जबड़ा
नीचे की ओर लम्बा अधिक हो, तो जातक लगनशील तथा परिश्रमी होता है ।
जब जबड़े की
रेखा कान के नीचे के सिरे से ढालू होकर जाती है, तो व्यक्ति में
आग्रह तो होता है, परन्तु इच्छा-शक्ति का अभाव होता है ।
जबड़े की हड्डी
गहराई हुई हो, तो जातक प्रबल इच्छा – शक्ति से परिपूर्ण होता
है ।
पुरुष की ठोढ़ी
पर घने बाल (दाढ़ी) हों, तो वह प्रबल प्रेम की भावना से युक्त
होता है ।
9) बाल (केश) विचार -
गहरे काले बाल
वाला जातक कम फुर्तीला, धैर्यवान, निष्क्रिय,
मंद बुद्धि, किन्तु अधिक सतर्कता बरतने वाला होता
है ।
हल्के काले रंग
के बाल वाले गहरी सूझ-बूझ, मिलनसार, शक्तिशाली तथा
बहुमुखी प्रतिभा सम्पन्न होते हैं ।
लाल बाल वाले
जल्दी निराश एवं क्रोधी स्वभाव के होते हैं ।
भूरे बाल वाले
स्नेहशील और उदार प्रकृत्ति के होते हैं ।
मोटे मुलायम बाल
वाला विनम्र स्वभाव का होता है ।
घने बाल वाला
व्यक्ति गरम मिज़ाज़ का होता है ।
चिकने, साफ
तथा समतल बाल वाले समझदार एवं शिष्ट होते हैं ।
जिसके बाल टूट
जाते हैं, वह दुर्बल शरीर तथा आमाशय भली - भाँति कार्य
नहीं है ।
उत्तम केश वाले
अधिक संवेदनशील तथा भद्दे बाल वाले भद्दे स्वभाव के होते हैं ।
कड़े - रूखे बाल
वालों का स्वभाव भी वैसा ही होता है ।
10)
दाढ़ी
और मूंछ विचार –
पेंसिल की लकीर
जैसी पतली मूछों वाले दृढ़ निश्चयी होते हैं |
छोटी सीधी मूछों
वालों की स्वयं को आकर्षित करवाने की हार्दिक इच्छा होती है |
भरी हुई मोटे
सिरोवाली मूछों वाले सभ्य परिवार के सदस्य,उत्तरदायी, सही
मार्गदर्शन से युक्त होते हैं |
जिनकी मूछें
होठों की अंतिम रेखा के नीचे तक फैली हुई होती है वह हर कार्य सोच समझकर बड़ी
सावधानी पूर्वक करने वाले होते हैं |
लंबी उमेठी हुई
मुछों वाले विनोदी एवं सगे संबंधियों से प्रेम भाव रखने वाले होते हैं |
पतली मुलायम
दाढ़ी वाले जातक कोमल शरीर एवं नारित्व गुण प्रधान वाले होते हैं |
अच्छी सुंदर तथा
घनी दाढ़ी वाले तर्कसंगत बातें स्वीकार करने वाले तथा समझदार होते हैं |
11)गर्दन की आकृति –
पुष्ट गर्दन
वाले झगड़ालू प्रवृत्ति के होते हैं |
लंबी गर्दन वाले
स्वभाव से कायर होते हैं |
छोटी गर्दन वाले
बलवान एवं साहसी होते हैं |
गर्दन आकार
परिधि में छोटी हो तो जातक बुद्धिमान किन्तु धोखेबाज होता है |
छोटी गर्दन हृदय
रोग का संकेत देती है |
पीछे की और झुकी
गर्दन वाला व्यक्ति कम व्यवहारिक होता है |
एकदम सीधी गर्दन
रखने वाला तटस्थ वृत्ति तथा दृढ़ चरित्र का होता है |