मंगल को नवग्रहों
में पाप ग्रह की श्रेणी मे रखा गया है मंगल मेष तथा
वृश्चिक राशि का स्वामी होता है वृश्चिक राशि पर इसे विशेष बली माना जाता है यह मकर राशि में उच्च तथा कर्क राशि में नीच होता है नक्षत्रो मे यह मृगशिरा,चित्रा व धनिष्ठा नक्षत्रो का स्वामी होता
है सिंह,धनु व मीन राशि
इसकी मित्र तथा मिथुन,कन्या व कुम्भ राशि इसकी शत्रु राशियाँ है |
आइए जानते हैं की कौन
कौन से जातक इस मंगल का रत्न मूंगा पहन सकते हैं |
1)15 अप्रैल से 15 मई तथा 15 नवंबर से 15 दिसंबर के बीच जन्मे जातकों के लिए
मूंगा पहनना विशेष लाभकारी होता है |
2)9,18,27 तारीख को जन्मे
जातकों का यह अंक स्वामी होता है इसलिए मूंगा पहनना इनके लिए भी बहुत उत्तम होता है
|
3)यदि मंगल कुंडली में शुभ स्थान का स्वामी होकर 6/8/12 भाव में हो तो मूंगा पहनना चाहिए |
4)मंगल जब चंद्र के साथ हो तो भी मूंगा पहनना लाभकारी होता है |
5)मेष और वृश्चिक लग्न वालों को मूंगा अवश्य पहनना चाहिए |
6)कुंडली में मंगल राहु या शनि के साथ कहीं भी हो तो मूंगा पहनना चाहिए |
7)लग्न में मंगल हो तो मूंगा पहनना चाहिए |
8)तीसरे भाव में मंगल हो तो भाइयों से विरोध रहता है ऐसे में मूंगा पहनना शुभ
होता है |
9)कुंडली में यदि मंगल 4,7,12 भाव में हो तो पत्नी का स्वास्थ्य खराब रहता है इसके लिए भी मूंगा पहनना
अच्छा होता है |
10)कुंडली में मंगल सूर्य के साथ हो तो मूंगा अवश्य पहनना चाहिए |
11)पुलिस/फौज से संबन्धित व्यक्ति हो तो भी मूंगा अवश्य पहनना चाहिए |
12)कुंडली में मंगल धनेश होकर नवम भाव में/चतुर्थेश होकर ग्यारहवें भाव में/पंचमेश होकर बारहवें
भाव में हो तो मूंगा जरूरी पहनना चाहिए |
यह मूंगा रत्न
पन्ना,गोमेद,लहसुनिया के साथ
कभी नहीं पहनना चाहिए |
लग्न अनुसार मूंगा धारण करना मेष लग्न के लिए
अति उत्तम,कर्क के लिए अच्छा,सिंह के लिए लाभकारी,वृश्चिक लग्न
वालों के लिए सेहत हेतु लाभकारी,धनु लग्न-मकर
लग्न में लाभकारी,मीन लग्न वालों
के लिए भाग्य वर्धक होता है परंतु वृषभ,मिथुन,कन्या,तुला और कुम्भ लग्न वालों के लिए मूंगा हानिकारक होता है |
मूंगा रत्न सोने में अनामिका उंगली में धारण करें किया जाना चाहिए इसे वजन अनुसार 10 किलो पर एक रत्ती के अनुपात में पहनना चाहिए |
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