मंत्र चिकित्सा- हमारे शास्त्रो मे विभिन्न
प्रकार की बीमारियो से बचने के लिए कुछ मंत्र दिये गए हैं जिनमे से कुछ मंत्र इस लेख
मे हम पाठको की सुविधा के लिए दे रहे हैं |
1)
“ रं ” कब्ज़,अल्सर तथा पाचन दोष होने पर वज्रासन मे बैठकर इस मंत्र को 25 बार बोलते हुये पेट अंदर बाहर
करना चाहिए |
2)“ बं ” वायु का प्रकोप होने
पर इस मंत्र को जपना चाहिए |
3)“ ऐं ” इस मंत्र का जाप करने
से बुद्दि व स्मरण शक्ति बढ़ती हैं |
4)“ खं ” इस मंत्र का जप लीवर,हृदय
व मस्तिष्क की शक्ति को बढाता हैं |
5)“ थं ” यह जप स्त्रीयों को मासिक
धर्म से सबंधित परेशानी से बचाता हैं |
6)स्वस्थ्य प्राप्ति हेतु सिर पर हाथ रखकर रोजाना
108 बार इस मंत्र का जाप करना चाहिए |
“ अच्युतानन्त गोविंद नामोच्चारणभेषजात |
नश्यन्ति सकला रोगा: सत्यं
सत्यं वदाम्यहम ” ||
7)निद्रा लाने का मंत्र
– “ शुद्धे शुद्धे महायोगिनी
महानिद्रे स्वाहा ”
8)“ ॐ ” स्नान करने के बाद चाँदी
की कटोरी मे जल भरकर इस मंत्र को 100 बार जप कर उस जल को पी लेना चाहिए जिससे सभी प्रकार
के रोगो मे लाभ मिलता हैं |
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