शुक्रवार, 10 नवंबर 2017

कैसे पहने गहने



सोना राज करने के लिए,संस्कारो को अपनाने के लिए पहना जाता हैं इसमे लाल रंग के नग जैसे माणिक,मूंगा लाल मीणा व मोती पहने जा सकते हैं | सोने मे हीरा,हरे,नीले,काले,फिरोजी रंग के नग नहीं पहनने चाहिए नहीं तो संस्कार नष्ट होने के,काम धंधा न चल पाने के,गुस्से के बढ़ जाने के तथा ग़लत इस्तेमाल हो जाने के अवसर बनने लगते हैं | कानो मे सिर्फ सोना ही पहनना चाहिए | संतान होने के समय पिता यदि कान मे सोना पहने तो उसके होने वाले बच्चे को पीलिया,कफ,निमोनिया,जैसी बीमारी नहीं होती | प्लानिंग करने वालों को,निर्णय देने वालों को अविवाहित कन्याओ को गले मे सोना पहनना चाहिए |

किसी भी कारणवश सोना यदि बेचने की नौबत आ रही हो,छाती मे कफ आदि की समस्या हो रही हो तो समझ ले की आपका गुरु ग्रह खराब हो रहा हैं इसके लिए बरगद अथवा पीपल के पेड़ पर जल चढ़ाये | शरीर मे गले,कलाई अथवा कान मे सोना पहने | बवासीर,मोटापा,सांस संबंधी दिक्कत,फेफड़े मे पानी भरने अथवा सूजन आने मे,पीलिया होने मे,किडनी सिकुड़ जाने मे सोना पहनना अशुभ रहता हैं  ऐसे मे 400 ग्राम चने की दाल 43 दिन जल प्रवाह करनी चाहिए,ठीक होने पर सोना पहन सकते हैं |


चाँदी संपत्ति,मकान,दुकानदारी,जायदाद,वाहन,धैर्य,शुभ-ऊर्जा,सात्विक दिमाग,नम्रता,सकून,बैठ कर किए जाने वाले काम धंधो के लिए पहननी चाहिए जिसमे बिछुआ,पायल,चूड़ी,कड़े आदि गहने स्त्रीया अपने हाथ,पाव,बाजू मे पहन सकती हैं | चाँदी के गहने दिमाग को शांत रखते हैं | उपहार मे चाँदी की ईट देनी चाहिए | चाँदी को कभी भी लोहे की अलमारी मे नहीं रखना चाहिए | नाक बीच मे से छेकर उसमे चाँदी पहनना बुध से संबन्धित होता हैं जिससे काम करते समय कोई ग़लती नहीं होती तथा काम की थकावट भी नहीं होती |

सरवाईकल होने पर पाँव की अँगूठो मे चाँदी का बिच्छुआ पहनना ठीक रहता हैं कमर पैर टाँगो मे दर्द होने पर चाँदी के बिछुवे व पायल पहनना सही रहता हैं | खून मे गर्मी,गुस्सा ज़्यादा आने पर चाँदी के संग मोती,हल्के रत्न अथवा मोती पहन सकते हैं


अपनी काबिलियत दिखाने के लिए,शुक्र संबंधी कामो के लिए,इवैंट,शौक पूरे करने के लिए तकनीक से संबन्धित सॉफ्टवेर का काम करनेवालों के लिए,सेक्सुयल इच्छा बढ़ाने के लिए चाँदी मे हीरा उंगली मे पहनना सही रहता हैं | हीरा या प्लेटिनम व्हाइट गोल्ड मे,चाँदी मे पहनना शुभ रहता हैं हीरा सोने मे नहीं पहनना चाहिए तथा इसे मध्यमा उंगली मे पहनना चाहिए |

नकली जवाहरात कभी नहीं पहनने चाहिए जिससे चन्द्र मंगल व गुरु की ऊर्जा नष्ट हो जाती हैं ऐसे मे तांबे के बने गहनो का प्रयोग कर सकते हैं | यदि नकली जेवर पहनने ही पड़ते हो तो केसर का तिलक लगाना व केसर का दूध पीना इनके बुरे प्रभाव से बचाता हैं |




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