रविवार, 7 अप्रैल 2024

चैत्र शुक्ल प्रतिपदा 2024 हिन्दू नव वर्ष भाव अनुसार फल


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दिल्ली में 8 अप्रैल 2024 को 23:51 बजे से प्रारंभ हो रही है । यह एक घटनापूर्ण वर्ष है क्योंकि इस वर्ष भारत में चुनाव होने हैं पूर्ण सूर्य ग्रहण 8 अप्रैल 2024 को होगा । सूर्य ग्रहण 8 अप्रैल को रात 21:12 बजे शुरू होगा और 9 अप्रैल 2024 को सुबह 2:22 बजे समाप्त होगा । इस ग्रहण के बीच नया साल होगा । यह भारत के लिए बड़े उथल-पुथल और असफलताओं को दर्शाता है । जल राशि में ग्रहण होना समुद्र के आसपास रहने वाले लोगों के लिए परेशानी दर्शाता है ।

वार्षिक भविष्यवाणियाँ

मेदिनी ज्योतिष के अनुसार प्रथम अर्थात लग्न भाव गृह मंत्रालय का प्रतीक होता हैं जो देश की जनता उसका स्वास्थ्य,व्यवहार,चरित्र और सामान्य स्थिति को बताता हैं |

लग्न का उदय धनु राशि है जो धर्म का प्रतीक है और भारत में जीवन के सभी पहलुओं में धर्म का पुनरुत्थान हो रहा है । यह भारत के लिए अत्यधिक रचनात्मक अवधि होगी और देश को स्पष्ट रूप से लाभ दिखाई देगा । तमाम खुशियों के बावजूद इस साल देश पर एक बड़ी विपत्ति भी आएगी विशेषकर वर्ष के दूसरे भाग में देश को हानि एवं परेशानियाँ घेरे रहेंगी । देश रक्षा प्रणालियों को मजबूत करने के लिए हथियारों पर भी बड़ी रकम खर्च करेगा । सत्तारूढ़ दल के सत्ता में आने के पहले एक साल के भीतर कैबिनेट में फेरबदल होगा ।

दूसरा भाव जो की मेदिनी अनुसार वित्त मंत्रालय को बताता हैं उस पर किसी भी गृह की दृस्टी नहीं हैं तथा उसका स्वामी शनि तीसरे भाव मे मंगल पंचमेश के साथ हैं जिससे पता चलता हैं की राष्ट्र के धन का संचय होगा तथा सम्मानजनक लाभ एवं कमाई होगी । आपात्कालीन स्थिति के कारण राज्य को राष्ट्रीय संसाधनों पर भारी दबाव पड़ेगा । शनि के साथ मंगल की युति चोरी, राष्ट्रविरोधी गतिविधियों और शत्रु पड़ोसियों के कारण राष्ट्र की संपत्ति में हानि दर्शाती है । दूसरे भाव में सर्वाष्टक वर्ग में 35 अंक हैं और शुक्र भी उच्च का है इसलिए शेयर बाजार में लाभ होगा हालांकि उतार-चढ़ाव जारी रहेगा ।

तीसरा भाव विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में उत्कृष्ट आविष्कारों और उपलब्धियों को दर्शाता है । भारतीय लेखकों के रिकॉर्ड संख्या में उपन्यास प्रकाशित होंगे और उनके काम को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जाना जाएगा । नए और अग्रणी औषधीय आविष्कारों के कारण भारतीय फार्मा कंपनियों को इस वर्ष लाभ होगा । देश के संचार तंत्र को इसी भाव से देखा जाता हैं इसमे दो पाप ग्रहो का होना उपग्रह संचार उपकरण को बड़ा नुकसान होता दिखा रहा है । बहुत सी ट्रेन और हवाई यात्रामें दुर्घटना की संभावना है । सीमा पर झड़पें और दंगे होंगे और कानून एवं व्यवस्था बनाए रखने के लिए सेना बैरकों से बाहर आकर सड़कों पर मार्च करेगी । भारत द्वारा हथियारों और गोला-बारूद की महत्वपूर्ण खरीद और निर्माण किया जाएगा । इस साल हथियार उद्योग को बड़ा बढ़ावा मिलेगा और भारत विदेशी सहयोग के साथ स्थानीय स्तर पर हथियार बनाने पर विचार करेगा ।

चतुर्थ भाव राष्ट्र की भूमि व मानव संसाधन का है । राष्ट्र को भरपूर लाभ होगा और फसलों तथा अनाजों का उत्पादन प्रचुर मात्रा में होगा । कृषि आय बढ़ेगी तथा कोयला एवं धातुओं का उत्पादन उत्तम होगा । हालाँकि, मौसम का मिजाज अनियमित रहेगा और अत्यधिक मौसम का भी पूर्वानुमान है । इस वर्ष एक प्रमुख बंदरगाह का विकास शुरू हो जाएगा जो भविष्य में बहुत उपयोगी साबित होगा । होटल उद्योग, यात्रा एवं पर्यटन, लक्जरी उत्पादों की बिक्री कई गुना बढ़ जाएगी । भारतीयों में विलासिता की वस्तुओं की ओर बढ़ने और उच्च मूल्य वाले उत्पादों पर दिल खोलकर खर्च करने की प्रवृत्ति बढ़ेगी । इस साल कारों की रिकॉर्ड बिक्री होगी और लग्जरी कारों की हिस्सेदारी बढ़ेगी । इलेक्ट्रिक कारों को भी बाजार का एक बड़ा हिस्सा हासिल होगा । इस वर्ष कई ऊंची-ऊंची लक्जरी इमारतों की योजना बनाई जाएगी और उनका निर्माण किया जाएगा । रियल एस्टेट की कीमतें रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच जाएंगी |

सरकार की प्रतिष्ठा को ठेस पहुंचेगी। धार्मिक तनाव, आतंकवादी गतिविधियों, राजनीतिक अशांति, षडयंत्रों और प्राकृतिक आपदाओं के कारण राष्ट्र की शांति गंभीर रूप से भंग हो जाएगी । बिगड़ती कानून-व्यवस्था की स्थिति के कारण देश के कुछ हिस्सों में कर्फ्यू और आवाजाही पर रोक रहेगी । राजनीतिक नेतृत्व पर हमला होगा. इस वर्ष एक राष्ट्रीय आपदा आने वाली है जो देश को हिलाकर रख देगी । सरकार को संभावित आतंकवादी हमलों के खिलाफ धार्मिक स्थलों, महत्वपूर्ण सड़कों, सुरंगों और पुलों की सुरक्षा करने की जरूरत है । खनन आपदाएँ होंगी । महामारी के प्रकोप से बचाव के लिए चिकित्सा व्यवस्था को मजबूत करने की जरूरत है । तटीय इलाकों में चक्रवात और बाढ़ आएगी. देवभूमि उत्तराखंड में भारी बारिश के कारण भूस्खलन की आशंका है ।

चतुर्थ भाव में षष्ठेश देश की धरती पर क्षेत्रीय हमलों को दर्शाता है । जनता से टकराव और अशांति बढ़ेगी । राज्य के कर्ज़ और कर्ज़ में काफी वृद्धि होगी और राजस्व बंटवारे को लेकर केंद्र सरकार के साथ खींचतान रहेगी । केंद्र और राज्य सरकार के रिश्ते दागदार होंगे. इसका राहु से संबंध उग्रवाद और हिंसा को दर्शाता है । दंगों और धार्मिक उग्रवाद से जान-माल की हानि होगी । सरकार को इस वर्ष भारतीय स्मारकों और सांस्कृतिक विरासत की सुरक्षा के लिए सभी सावधानियां बरतनी चाहिए । किसानों का आंदोलन हिंसक हो जाएगा और सरकार जल्द से जल्द मुद्दों को हल करने के लिए अच्छा करेगी

I.N.D.I.A के बैनर तले विपक्षी दलों की एकता टूट जाएगी, कई छोटे दल होंगे जो लोगों को एक मजबूत विकल्प प्रदान करने में सक्षम नहीं होंगे।

पंचम भाव में गुरु व बुध का होना जहां एक और भारतीय सरकार द्वारा शिक्षा क्षेत्र मे बदलाव की और इशारा कर रही हैं वही दूसरी और विदेशी कंपनियों के साथ साझेदारी की बात भी बता रही हैं भारत के बहुत से वित्तीय ब्रांड  विश्व बाजारों के साथ एकीकृत होंगे । वित्तीय और तकनीकी साझेदारी को लेकर संधियां होंगी । इस भाव पर शनि की दृस्टी बताती हैं की भारत की एक वरिष्ठ महिला इस वर्ष ललित कला और संस्कृति में प्रमुख पुरस्कार जीतेगी और सबसे आगे रहेगी । रचनात्मक आविष्कार और मान्यताएँ साथ-साथ चलेंगी ।

शनि की यही स्थिति यह भी बता रही हैं की शेयर बाजार में बढ़त सम्मानजनक होगी लेकिन पिछले साल की तरह शानदार नहीं होगी | डिफेंस शेयरों के साथ फिनटेक, आईटी कंपनियां, बैंक, लॉजिस्टिक्स सेक्टर शेयर बाजार में अच्छा प्रदर्शन करेंगे । कोयला और इस्पात, धातु और खनिज में भी वृद्धि होगी । शेयर बाजार में भारी उतार-चढ़ाव आएगा जिससे गंभीर नुकसान होगा । परिधान और आभूषण उद्योग भी एक उल्लेखनीय बदलाव के साथ अच्छा प्रदर्शन करेगा जहां उपभोक्ता उन्हें ऑनलाइन खरीदेंगे ।

सप्तम भाव जो की विदेश व्यापार व अंतर्राष्ट्रीय मामले दर्शाता हैं उसमे देखे तो कोई गृह प्रभाव नहीं हैं तथा सप्तमेश बुध (वक्री) के अच्छी स्थिति में होने से पता चलता हैं की विदेशी व्यापार में भारी वृद्धि होगी । इस वर्ष निर्यात बढ़ेगा और दूरगामी प्रभाव वाली कई प्रमुख संधियाँ होंगी । भारत एक नेतृत्वकारी भूमिका निभाएगा और अत्यधिक ध्रुवीकृत दुनिया में मध्यस्थ बनेगा ।

अष्टम भाव व अष्टमेश स्पष्ट रूप से सत्तारूढ़ दल को गहरा झटका और किसी प्रमुख नेता की मृत्यु का संकेत देता है । अष्टमेश चन्द्र की नवमेश सूर्य के साथ इसकी अंशात्मक युति स्पष्ट रूप से धार्मिक तनाव को बढ़ावा देने के उद्देश्य से भारत में धार्मिक स्थानों पर संभावित हमले को दर्शाती है ।

नवम भाव मे शनि मंगल व गुरु की दृस्टी होना दर्शाता है कि भारत अन्य देशों के साथ कई गुप्त संधियाँ करेगा । पर्यटन बड़े पैमाने पर बढ़ेगा. भारत में उच्च शिक्षा के कई संस्थान और गहन अनुसंधान प्रयोगशालाएँ स्थापित की जाएंगी । जजों की नियुक्ति को लेकर सुप्रीम कोर्ट और भारत सरकार के बीच खींचतान बढ़ेगी. इस वर्ष वरिष्ठ न्यायाधीशों से जुड़े कुछ घोटाले सामने आएंगे । इस साल कई ऐतिहासिक फैसले आने की उम्मीद है । नवमेश सूर्य का अपने भाव से अष्टम जाना संवैधानिक बदलाव होना बताता हैं जिससे समान नागरिक संहिता और अन्य क्रांतिकारी संशोधनों की ओर देश अग्रसर होगा बताता हैं |

दशम भाव जो राजा अथवा शासक व प्रधानमंत्री आदि को बताता हैं उसमे केतू की स्थिति व सूर्य राहू चन्द्र शुक्र व मंगल का मिला जुला प्रभाव स्पष्ट रूप से बता रहा हैं की इस वर्ष किसी वरिष्ठ नेता की मृत्यु होगी और सत्तारूढ़ दल के सार्वजनिक क्षेत्र में घोटालों होने के योग बनेंगे दशमेश बुध का वक्री होना सत्तारूढ़ दल की सत्ता में वापस होने को स्पष्ट कर रहा हैं लेकिन उनके प्रबंधन में भारी कठिनाइया रहेगी यह भी बता रहा हैं

ग्यारहवां घर जिसमे गुरु व बुध की दृस्टी हैं जो भारत को कई पुरस्कारों और प्रशंसाओं सहित कई लाभों को दर्शाता है । विदेशी व्यापार से लाभ होगा और निर्यात में उल्लेखनीय वृद्धि होगी । भारत विदेशी कंपनियों के लिए कई उत्पाद बनाना शुरू करेगा. महिला समर्थक कानून पारित होने की अच्छी संभावना है । संसदीय क्षेत्र में कुछ घोटाले उजागर होंगे |11वां स्वामी शुक्र उच्च का है और उसकी राहु के साथ युति दर्शाती है कि देश की संपत्ति में तेजी से वृद्धि होगी ।

द्वादश भाव को देखे तो उसका स्वामी मंगल बनाता हैं जो शनि के साथ होने व शतभिषा नक्षत्र में होने से बहुत अधिक हानि और नुक्सान दे सकता हैं ऐसा लगता हैं । विदेशी शक्तियां सरकार को अस्थिर करने के लिए सक्रिय रूप से काम करेंगी । जेल और अस्पतालों में परेशानी होगी. युद्ध, बमबारी, दुर्घटनाएँ, महामारियाँ तो होंगी ही । प्रमुख व्यक्तियों की मृत्यु या अपमान देखा जाता है । खनन और श्रम प्रधान उद्योगों में हड़तालें होंगी ।

कूल मिलकर देखे तो यह वर्ष चुनावो के साथ साथ भारत के लिए गंभीर परीक्षणों और कठिनाइयों का वर्ष भी है । मूल नक्षत्र में लग्न और भरनी नक्षत्र मे लग्न स्वामी गुरु का होना कई सकारात्मक विकासों के बावजूद राष्ट्र को परेशान करने वाली समस्याओं को दर्शाता है । भारत को अपने नागरिकों की पूरी सहानुभूति और अच्छे आचरण की आवश्यकता होगी । शनि-मंगल की युति भारत के इतिहास में घातक घटनाओं को जन्म देती है ।

इस वर्ष जहां विश्व भर मे भारत की छवि को बढ़ावा मिलेगा. देश को पुरस्कार और मान्यता मिलेगी और विश्व में नेतृत्वकारी भूमिका निभायेगा वही भारत बहुत से मामलो मे राष्ट्रों के बीच मध्यस्थ की भूमिका भी निभाएगा | लोगों की उद्यमशीलता में वृद्धि होगी । रिकॉर्ड संख्या में स्टार्टअप (नई कंपनियां) बनेंगी जिन्हें घरेलू और विदेशी निवेशकों से फंडिंग मिलेगी क्यूंकी लग्न पर बृहस्पति की दृष्टि एक महत्वपूर्ण वर्ष में भारत को एक बड़ा वरदान और सुरक्षा तो प्रदान करती दिख ही रही है ।

आय के प्रचुर और विविध स्रोतों से राष्ट्र की संपत्ति में वृद्धि होना तय है । इस वर्ष उद्यमिता फलेगी - फूलेगी और सेवा एवं विलासिता क्षेत्रों में कई नवाचार होने की उम्मीद है ।

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