जिस समय जातक का विवाह
हो रहा हो अर्थात जब पाणिग्रहण संस्कार
हो रहा हो उस समय चन्द्र का गोचर भावी वैवाहिक जीवन मे कैसा प्रभाव देता हैं | हमने
अपने इस लेख मे यह बताने का प्रयास किया हैं |
चंद्रमा यदि प्रथम
भाव में हो तो धन संपत्ति बढ़ाता है |
दूसरे भाव में
होने पर मानसिक संतुष्टि देता है |
तीसरे भाव में
धन प्रदान करता हैं |
चतुर्थ भाव में
लड़ाई करवाता हैं |
पंचम भाव में
ज्ञान का आदान-प्रदान करवाता हैं |
छठे भाव में भौतिक
वस्तुओं के द्वारा लाभ प्रदान करता हैं |
सप्तम भाव में
होने से प्रसिद्धि देता हैं |
अष्टम भाव में
होने से मृत्यु तुल्य कष्ट देता है |
नवे भाव में होने
से धार्मिक रूप से तरक्की करवाता हैं |
दसवें भाव में
होने से समस्त इच्छाओं की पूर्ति करवाता हैं |
ग्यारहवे भाव में
होने से विवाह द्वारा लाभ प्राप्त करवाता हैं
बारहवे भाव में होने से विवाह द्वारा नुकसान देता है |
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