बुधवार, 5 दिसंबर 2018

राजस्थान में विधानसभा चुनाव 2018 का आंकलन



राजस्थान में विधानसभा की 200 सीटे हैं जिसमे से बहुमत के लिए 101 सीटे चाहिए होती हैं | इन चुनावो की भारत के लोकसभा चुनाओ का सेमी फ़ाइनल माना जा रहा हैं आइए ज्योतिषीय आधार पर जानने का प्रयास करते हैं की कौन इस बार बहुमत हासिल करेगा |

भाजपा की तरफ से श्रीमती वसुंधरा राजे था कांग्रेस की तरफ से श्री अशोक गहलोत इस समय मुख्यमंत्री बनने का दावा पेश कर रहे हैं | इन दोनों की जन्म पत्रिका का अध्ययन ज्योतिषीय गणना करने पर कुछ इस तरह तथ्य नज़र आते हैं |

वसुंधरा राजे - 8 मार्च 1953 16:45 मुंबई में कर्क लग्न में जन्मी वसुंधरा राजे राज परिवार से संबंधित रही हैं इनकी पत्रिका में नवमेश और दशमेश का परिवर्तन ही इन्हे राजयोग प्रदान कर रहा है | चतुर्थेश शुक्र का नवमेश गुरु के साथ दशम भाव में बैठना इन्हें राज-घराने से संबंधित बताता ही है | नवांश कुंडली में भी देखे तो लग्नेश गुरु नवम भाव में है तथा नवमेश मंगल लग्न में हैं | वसुंधरा राजे का विवाह 17 नवंबर 1972 को शुक्र में शुक्र दशा में हुआ था शुक्र का संबंध सप्तमेश शनि से बना हुआ है परंतु उनका विवाह ज्यादा समय तक नहीं चला कुछ दिनों बाद यह अपने पति से अलग रहने लगी,सप्तम भाव में राहु है तथा सप्तमेश शनि वक्री होकर मंगल द्वारा दृष्ट है शुक्र से सप्तम भाव का स्वामी शनि वक्री होने पर यह बता रहा है कि उन्हें विवाह का सुख क्यों नहीं है | 2013 में पहली बार वह राजस्थान की मुख्यमंत्री बनी थी जब उन्हें 163 सीटें मिली थी वर्तमान में उनकी राहू मे गुरु की दशा है जो जनवरी 2020 तक रहेगी गुरु राजयोग में शामिल हुए तो है परंतु यह चंद्र से छठे भाव में होने के कारण तथा शनि से दृष्ट होने के कारण तथा नवांश में राहु और गुरु के साथ 6/8 मे होने के कारण उनको इस बार हार का सामना करना पड़ेगा ऐसा ग्रह प्रभाव बता रहा है |
जैमिनी ज्योतिष की दशा देखे तो उनकी तुला दशा उनके लिए ज्यादा अच्छी नहीं है जो कि 2021 तक चलेगी क्योंकि यह आत्मकारक मंगल से अष्टम भाव की दशा है तुला कारकांश लग्न तथा आत्म कारक दोनों से अष्टम भाव की दशा है जब से यह तुला की दशा आरंभ हुई है उनकी लोकप्रियता दिन प्रतिदिन घटती जा रही है चुनाव के समय तुला में मिथुन का समय चलेगा जो कि मार्च 2019 तक रहेगा आत्मकारक मंगल का मिथुन से दसवें भाव में होना यह बता रहा है कि उन्हें शत्रु से अच्छी टक्कर मिलेगी परंतु दशा स्वामी के शुभ स्थिति में ना होने के कारण उन्हें हानि का सामना करना पड़ सकता है जिस कारण स्पष्ट है कि उनके विपक्षी अथवा शत्रु उन्हे हरा देंगे |

अशोक गहलोत जी का जन्म 3 मई 1951 9:50 को जोधपुर में हुआ है तथा इनका लग्न मिथुन है इसमें तीन ग्रह स्वग्रही हैं और एक ग्रह उच्च का है इन सब ग्रहो ने इन्हें राजस्थान का अब तक का सबसे सफल मुख्यमंत्री बनाया है वर्तमान में इन पर मंगल की महादशा अगस्त 2019 तक चल रही है जो इन्हें अब तक राजनीति में टिकाए हुए हैं गल में सूर्य की अंतर्दशा नवंबर 2019 तक रहेगी जो यह बताती है कि है तीसरी बार मुख्यमंत्री बन सकते हैं मंगल और सूर्य दोनों ग्यारहवें भाव में चतुर्थेश के साथ बैठे हैं जो उनके वापस गद्दी पर बैठने के विषय में जानकारी दे रहे हैं | मंगल और सूर्य नवांश में भी शुभ योग में है |
जैमिनी ज्योतिष की दशा से देखें तो इस समय तुला में मिथुन दशा जनवरी 2019 तक चल रही है अमात्यकारक मंगल तुला राशि से 11 वे भाव को देख रहा है मिथुन राशि कारकांश राशि कन्या से दशम भाव की राशि है मिथुन राशि से 11वे और 10वे भाव बहुत मजबूत बने हैं जो उन्हें इस दशा में मुख्यमंत्री बना सकते हैं |

यहाँ ध्यान दीजिएगा यह आंकलन इन दो व्यक्ति विशेषो का हैं की इनमे से कौन मुख्यमंत्री बनेगा कौन सी पार्टी सत्ता मे आएगी इसका नहीं,जहां तक चुनाव परिणाम की बात हैं तो हमें काँग्रेस ज्यादा सीटे लाती दिखती हैं सरकार चाहे कोई भी पार्टी बनाए |

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