शनिवार, 15 सितंबर 2018

स्तन कैंसर


मानव शरीर के अंगो की रचना विज्ञान के अनुसार कोशिकाओ से होती हैं जो की स्वाभाविक रूप से बनती व नष्ट होती रहती हैं इन कोशिकाओ के निर्माण मे जल व रक्त का बहुत महत्व रहता हैं जब किसी भी कारण से इस जल या रक्त मे कमी आती हैं तब यह कोशिकाए सुचारु रूप से नष्ट ना होकर असामान्य व अनियंत्रित रूप से विभाजित या विभक्त होकर शरीर के किसी भी भाग मे गांठ का रूप ले लेती हैं तब उसे कैंसर कहा जाता हैं | इन गाँठो मे एक विशेष प्रकार के प्रोटीन का निर्माण होता हैं जो अन्य स्वस्थ कोशिकाओ के लिए विष का काम करता हैं जिससे वह भी सुचारु रूप से अपना कार्य नहीं कर पाती हैं ओर यह रोग फैलने लगता हैं | शरीर के जिस अंग या हिस्से मे यह गांठ होती हैं उसे वैसे ही नाम से जाना जाता हैं जैसे रक्त कैंसर,त्वचा कैंसर,मुख कैंसर,गुर्दा कैंसर,आमाशय कैंसर स्तन कैंसर आदि |

प्रस्तुत लेख मे स्तन कैंसर के विषय मे ज्योतिषीय दृस्टिकोण रखने का प्रयास किया गया हैं | स्तन कैंसर आज पूरे विश्व मे महिलाओ मे पायी जाने वाली गंभीर व खतरनाक बीमारीयो मे से एक बड़ी बीमारी का रूप लेता जा रहा हैं | इस बीमारी के होने के वैसे तो बहुत से कारण हो सकते हैं परंतु लेख मे सिर्फ ज्योतिषीय कारण ही समझने का प्रयास किया गया हैं |

इस ज्योतिषीय शोध मे करीब 200 कुंडलियों का अध्ययन किया गया जिसमे पाया गया की कुंडली मे निम्न तत्वो के प्रभावी होने से स्तन कैंसर हो सकता हैं |

भाव - लग्न,चतुर्थ,षष्ठ

ग्रह – लग्नेश,चतुर्थेश,षष्ठेश,गुरु,बुध चन्द्र  

लग्न भाव - यह भाव स्वयं का अथवा जातक-जातिका विशेष का होता हैं | जब तक यह भाव पीड़ित ना हो (किसी भी प्रकार से ) तब तक जातक को अथवा उसके शरीर को कुछ भी अच्छा या बुरा प्रभाव मिल नहीं सकता |

चतुर्थ भाव – यह भाव छाती अथवा वक्षस्थल(महिलाओ) का प्रतिनिधित्व करता हैं चूंकि स्तन कैंसर को इसी भाव से देखा जाता हैं इसलिए इस भाव का अध्ययन व इस भाव की स्थिति को अवश्य देखा जाना चाहिए |

षष्ठ भाव - यह भाव रोग भाव भी कहलाता हैं | वृहत पाराशर होरा शास्त्र के 18वे अध्याय के श्लोक 12,13 मे कहाँ गया हैं की इस भाव अर्थात रोग स्थान मे पाप गृह हो तथा षष्ठेश पाप ग्रह युक्त हो तो जातक रोगी होगा और यदि इस भाव मे शनि राहू होतो दीर्घकालिन रोगी होगा |

ग्रह गुरु - गुरु ग्रह का किसी भी रूप मे पीड़ित बलहीन व अशुभ प्रभाव मे होना इस रोग की कुंडलियों मे पाया गया | गुरु ग्रह पोषकता व वृद्दि का कारक माना जाता हैं तथा यह हमारे शरीर मे मेटबौलिज़्म का कारक भी होता हैं जिससे हार्मोन्स प्रभावित होते हैं जिनके पूर्ण प्रभाव से कैंसर हो सकता हैं |

बुध - चमड़ी का कारक यह ग्रह कोशिकाओ के विभिन्न आवरणो का नियंत्रण करता हैं जिनके क्षतिग्रस्त होने से यह रोग होता हैं वही सबसे पहले चमड़ी पर इस रोग के लक्षण उभार अथवा गांठ (विशेषकर स्तन अथवा वक्षस्थल पर) दिखाई देते हैं इसलिए यह ग्रह पूर्ण रूप से पाप प्रभाव,अशुभावस्था अथवा बलहीन होना चाहिए |

चन्द्र – चन्द्र ग्रह कालपुरुष की कुंडली मे चतुर्थ भाव का स्वामी व कारक दोनों होता हैं इस चंद्रमा से हमारे मन,तरलता,शरीर मे जलतत्व आदि का अध्ययन किया जाता हैं | महिलाओ मे इसे उनके मासिक धर्म व वक्ष प्रदेश (दूध प्रदाता) के अनुसार भी देखा जाता हैं | इस चन्द्र का किसी भी प्रकार से पीड़ित,बलहीन व अशुभ होना इस रोग हेतु आवशयक हैं |

इन सब अवयवो के अतिरिक्त लग्नेश ( शरीर का स्वामी ) चतुर्थेश (चतुर्थ भाव का स्वामी) तथा षष्ठेश (छठे भाव का स्वामी) की स्थितियो का आकलन भी आवशयक हैं |

आईए अब कुछ कुंडलियों पर यह सब प्रभाव देखकर इस स्तन कैंसर नामक रोग के होने की पुष्टि करते हैं |

1)6/1/1968 12:12 भोपाल को मीन लग्न मे जन्मी जातिका की कुंडली मे लग्नेश गुरु(व) छठे भाव मे मंगल से दृस्ट हैं | लग्न मे चन्द्र शनि हैं | चतुर्थ भाव मे षष्ठेश सूर्य की दृस्टी हैं चतुर्थेश षष्ठेश सूर्य व बुध पर शनि की दृस्टी हैं इस प्रकार सभी अवयव प्रभावित हैं जातिका को केतू मे मंगल दशा मे स्तन कैंसर हुआ जिससे इनकी 12/12/2004 को केतू बुध दशा मे मृत्यु हुई |

2)6/6/1949 8:00 दिल्ली मिथुन लग्न मे जन्मी इस जातिका की पत्री मे भी गुरु (व) तथा नीचावस्था मे अष्टम भाव मे हैं | बुध षष्ठेश मंगल संग द्वादश भाव ने हैं | चन्द्र चतुर्थ भाव मे पाप कर्तरी मे हैं | लग्नेश बुध वक्री होकर द्वादश भाव मे हैं वही लग्न नीच व वक्री गुरु के नक्षत्र मे हैं इस प्रकार सभी अवयव प्रभावित हैं जातिका को स्तन कैंसर रहा हैं जिसका औपेरशन कर एक स्तन निकाला गया |

3)5/11/1970 23:15 दिल्ली कर्क लग्न मे जन्मी इस जातिका का लग्न व लग्नेश शनि के प्रभाव मे हैं (लग्न शनि के नक्षत्र मे हैं) शनि अष्टमेश होकर नीच राशि का हैं | चतुर्थ भाव,चतुर्थेश,षष्ठ भाव,षष्ठेश,बुध व गुरु सभी अवयव पीड़ित हैं | जातिका को दोनों स्तनो मे कैंसर रहा |


4)3/1/1982 7:35 फरीदाबाद,धनु लग्न में जन्मी इस जातिका की पत्रिका में लग्न-लग्नेश (गुरु राहु नक्षत्र में है) चतुर्थ भाव,चंद्र,षष्ठेश शुक्र (वक्री) व बुध सभी अवयव  पीड़ित हैं | इस जातिका का स्तन कैंसर प्रारंभिक अवस्था में ही पकड़ में आ गया जिसे उपचार के द्वारा मुक्त किया गया (बुध एवं षष्ट भाव पर पाप प्रभाव ना होने के कारण) |

5)2/9/1945 2:35 दिल्ली,कर्क लग्न में जन्मी इस जातिका की पत्रिका में भी सभी अवयव पीड़ित है परंतु चतुर्थ भाव में कोई पाप प्रभाव ना होने से आरंभिक अवस्था में ही स्तन कैंसर पकड़ में आ गया जिसे उपचार द्वारा ठीक कर दिया गया |

6)1/11/1973 4:45 दिल्ली,कन्या लग्न में जन्मी इस जातिका की कुंडली में भी उपयुक्त सभी अवयव  पीड़ित है और इसको भी यह रोग रहा जिसके तहत इनका एक स्तन ऑपरेशन द्वारा निकाल दिया गया |

7)13/4/1981 11:25 दिल्ली,मिथुन लग्न में जन्मी इस जातिका की कुंडली में भी सभी अवयव प्रभावित है जातिका को स्तन कैंसर रहा और आजकल  इसका इलाज चल रहा है |

8)3/1/1963 11:30 आगरा,मीन लग्न में जन्मी इस जातिका की कुंडली में भी सभी अवयव प्रभावित है षष्ठेश सूर्य अष्टमेश शुक्र के नक्षत्र में होने से जातिका को एक स्तन का कैंसर हुआ इलाज कराने से पूर्व ही वह समस्त शरीर मे फैल गया | ऑपरेशन के बाद भी उसका प्रभाव शरीर में फैलता रहा | जातिका रोग से पीड़ित होकर अपने अंतिम दिन गिन रही है |

9)9/9/1944 21:10 नवादा मेष लग्न मे जन्मी इस जातिका को शनि मे राहू अंतर्दशा मे स्तन कैंसर हुआ जिसे सर्जरी द्वारा निकाल दिया गया व अब यह पूर्णतया ठीक हैं |

10)11/12/1954 मेष लग्न मे जन्मी इस जातिका के दोनों स्तन ओपेरेशन से निकाल दिये गए  |

निम्न इन पत्रिकाओ मे भी स्तन कैंसर पाया गया |

11)23/1/1969 11:15 विजयवाड़ा मेष लग्न |

12)3/3/1966 10:05 दिल्ली मेष लग्न |

13)20/11/1961 00:30 आगरा सिंह लग्न |

14)18/2/1938 4:35 अलीगढ़ धनु लग्न |




3 टिप्‍पणियां:

radha tiwari( radhegopal) ने कहा…

आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल सोमवार (17-09-2018) को "मौन-निमन्त्रण तो दे दो" (चर्चा अंक-3097) पर भी होगी।
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चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
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हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
राधा तिवारी

kishore ghildiyal ने कहा…

aapka bahut bahut dhanyavaad

Unknown ने कहा…

Sir hum aapse kis tarah baat kar sakte hain..Phone no.de sakte hain aap?