गुरुवार, 5 जुलाई 2018

बिटकोइन

बिटकोइन एक क्रिप्टोकरंसी अर्थात आभासी नकली मुद्रा हैं जिसको जापान के एक नागरिक सतोषी नाकामोटों ने शुरू किया था जिसका मुख्य उद्देश्य धातु के बने कुछ सिक्को को बेचकर कमाई करना था यह सिक्के विशुद्द रूप से ना बेचकर आभासी दुनिया अथवा इंटरनेट के माध्यम से कुछ गिनी चुनी संस्थाओ द्वारा ही व्यक्ति विशेष को बेचे जाते हैं |

यह आभासी सिक्के अपनी शुरुआत के कुछ ही दिनो मे दुनिया भर मे ज़बरदस्त रूप से छाते चले गए कई लोगो पर इसका जादू सर चढ़कर बोलने लगा विशेषकर युवा पीढ़ी के लोग तो इसके लिए पागल से होने लगे हैं | भारतवर्ष मे भी इसकी दीवानगी देखी जा रही हैं कुछ लोग मानते हैं की भारतीय सिनेजगत के कई बड़े लोगो ने इस बिटकोइन पर अपना पैसा लगाया हैं | आज की युवा पीढ़ी कम समय मे ज़्यादा कमाने की होड मे अपने मेहनत से कमाए असली पैसो को खर्चकर इस नकली पैसो को खरीदने के लिए भागने लगी हैं | जिस किसी के पास यह सिक्का होता हैं वह इसे संस्थान द्वारा निर्धारित मूल्य पर किसी और को बेचकर मुनाफा कमाना चाहता हैं | संस्थान कैसे इसका मूल्य निर्धारण करती इसके विषय मे कोई जानकारी नहीं दी जाती हैं बस ये कहा जाता हैं की मांग अधिक होने पर इन सिक्को का मूल्य निर्धारण होता हैं शुरुआत मे ये सिक्के कुछ ही रुपयो मे मिलते थे पर अब इसके एक एक सिक्के का मूल्य लाखों मे हैं | इसकी ज़बरदस्त रूप से बढ़ती लोकप्रियता के चलते अब ऐसी और भी कई संस्थाए हैं जो अपनी अपनी क्रिप्टो करन्सी अर्थात नकली मुद्रा बाज़ार मे लाने को तैयार होने लगी हैं |

इन नकली आभासी मुद्रा के बते हुये चलन को रोकने के लिए कई देशो ने पने पने नागरिकों व बैंको को इस प्रकार के सिक्को की रीददारी से दूर रहने के लिए कहा हैं पर फिर भी इससे मिलने वाले मुनाफे के कारण लोग चोरी छिपे इसको खरीद रहे हैं | भारत की सरकार ने भी इसके लिए कुछ आवशयक कम उठाए हैं |

आइए ज्योतिषीय दृस्टी से जानने का प्रयास करते हैं की इस आभासी मुद्रा बिटकोइन का भविष्य क्या होगा |

बिट्कोइन का जन्म 3 जनवरी 2009 को 18:25 बजे जापान की राजधानी टोक्यो में कर्क लग्न व कन्या नवांश मे हुआ है लग्न मे केतु,दूसरे भाव मे वक्री शनि,छठे भाव मे सूर्य-मंगल,सप्तम भाव मे गुरु-बुध- राहू,अष्टम भाव मे शुक्र,नवम भाव मे चन्द्र हैं | चन्द्र राशि मीन है तथा जन्म का नक्षत्र उत्तर भाद्रपद है जिस कारण इसे शनि महादशा लगभग 15 वर्ष शेष मिली हैं |

अब चूंकि ये कोई जातक विशेष की कुंडली नहीं हैं तथा इस बिटकोइन ने भविष्य मे कार्य करना हैं जिसके लिए कार्यविशेष की सफलता के लिए हमारे शास्त्रो मे मुहूर्त देखने का प्रयोजन बताया गया हैं जिसको देखने पर हमें निम्न तथ्य प्राप्त होते हैं |

1)लग्न स्थिर राशि का होना चाहिए और उस पर शुभ ग्रह होना चाहिए | यहा देखे तो लग्न स्थिर राशि का नहीं हैं तथा उस पर केतू ग्रह स्थित हैं |

2)6,8,12 भाव में कोई ग्रह न हो तो अच्छा होता है | यहा छठे भाव मे सूर्य मंगल तथा आठवे भाव मे शुक्र हैं |

3)पंचक नहीं होना चाहिए जिसके लिए तिथि,सप्ताह,नक्षत्र,महीना और लग्न सभी को जोड़कर 9 से भाग दिया जाता है यदि शेष 3,5 और 7 आता है तो मुहूर्त पंचक रहित माना जाता है यदि शेष 1 आता है तो मृत्यु पंचक होता है,2 आने पर अग्नि पंचक,4 आने पर राजा पंचक,6 आने पर चोर पंचक तथा 8 आने पर रोपंचक होता हैं यह सभी पंचक बुरे माने जाते हैं |
इस स्थिति में तिथि षष्ठी,दिन शनिवार,नक्षत्र उत्तर भाद्रपद,महीना पौष अथवा पुष्य तथा लग्न कर्क है जिनका जोड़ क्रमश: 6,7,26,10 और 4 अर्थात 53 आता है जिसे 9 से भाग देने पर 8 शेष आता है जो कि रोग पंचक बनता है जो की एक अशुभ पंचक हैं |

इस प्रकार मुहूर्त अनुसार देखे तो इस बिटकोइन का ज्यादा समय तक चल पाना मुश्किल जान पड़ता हैं |

ऐसे मे इसको आयु की दृस्टी से देखे तो हमें इस पत्रिका मे बालारिष्ट के निम्न योग भी दिखाई देते हैं |

1)लग्नेश चन्द्र अस्ट्मेष के नक्षत्र मे हैं जिस पर मंगल की दृस्टी हैं तथा अष्टमेश शनि वक्री होकर शत्रु राशि व शत्रु नक्षत्र मे तथा अष्टम भाव को दृस्टी दे रहा हैं |

2)लग्न मे केतु सप्तम मे राहू स्थित है तथा लग्न भी शनि के नक्षत्र मे ही हैं |

3)लग्नेश चन्द्र मीन राशि मे हैं जिसका स्वामी गुरु स्वयं नीच राशि मे राहू संग पीड़ित हैं |


इस प्रकार देखे तो लग्न-लग्नेश,चन्द्र-चंद्रेश,अष्टम-अष्टमेश सभी अवयव पीड़ित हैं | जो इसकी आयु भी कम ही बता रहे हैं |
  
आइए अब कुंडली का अध्ययन करते हैं |

प्रस्तुत कुंडली में गुरु चांडाल दोष सप्तम भाव में बना है जिसके साथ बुध भी है,सूर्य मंगल की युति छठे घर में होने से इसके कार्य करने में जोश में बहादुरी दिखाई देती है जो कि इसकी संस्था द्वारा मार्च 2016 से इन सिक्कों की निश्चित संख्या के आवंटन से भी पता चलता है | लग्नेश का नवम भाव में होना शुरुआती कुछ दिनों में अच्छी सफलता दिला रहा है,शनि दूसरे भाव में होने से धन का व्यय,सूर्य मंगल छठे भाव में होने से शत्रुओ के द्वारा कर्जा और परेशानी,दशमेश मंगल का छठे घर में अस्त स्थिति में होना जहां इसके काम की आयु को खतरा भी बता रहा है वही चतुर्थेश और एकादशेश शुक्र का अष्टम में होना कुल मिलाकर इसके असफल होने पुष्टि ही कर रहे हैं |

वर्तमान में इस समय 4 जनवरी 2018 से 13 फरवरी 2019 के बीच शनि में मंगल दशा हैं जो क्रमश:  सप्तमेश व कर्मेश होकर एक दूसरे से पंचम-नवम अर्थात दूसरे व छठे भाव मे स्थित हैं जो लोगो मे इसका प्रभाव अभी बना रहेगा ऐसा बता रहे हैं परंतु मंगल के केतू नक्षत्र मे होने से इसमे 13 फरवरी 2019 तक उतार-चढ़ाव आते रहेंगे ऐसा होना भी निश्चित कर रहे हैं |

इसके बाद शनि में राहु दशा जो की 13 फरवरी 2019 से 20 दिसंबर 2021 तक रहेगी उसको देखे तो शनि व राहू मे 6-8 अथवा षडाष्टक योग हैं जहां राहू सप्तम भाव मे नवमेश गुरु संग चांडाल दोष मे हैं तथा शनि दूसरे भाव मे हैं अब क्यूंकी शनि कर्क लग्न में सप्तमेश होने से बाधक बनता है दूसरे भाव में होने से मारक भी होगा जो की कुछ विवादो के बाद इस बिटकोइन का खेल खत्म होना बता रहा हैं |

सलिए यह स्पष्ट रूप से कहा जा सकता है कि इस बिटकॉइन का खेल 20 दिसंबर 2021 के बाद खत्म हो जाएगा |



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