लाल किताब
द्वारा विदेश योग बनाने के लिए लग्नेश का संबंध 3,8,12 घर से होना चाहिए
तीसरा घर जलयात्रा,आठवां घर अन्य
तरीके से यात्रा तथा 12वा घर वायु संबंधी यात्रा को बताता है यदि इन घरों में लग्नेश
पहुंचा दिया जाए तो विदेश यात्रा अवश्य होती है | लग्नेश को तीसरे घर में
पहुंचाने के लिए उस ग्रह से संबन्धित रत्न धारण करना चाहिए,आठवें भाव में पहुचाने के लिए उस ग्रह की संबंधित
वस्तु श्मशान में दबानी चाहिए तथा बारहवें
भाव में पहुंचाने के लिए उस ग्रह से संबंधित वस्तुओं को अपनी छत पर रखना चाहिए
|
जैसे यदि मेष
लग्न (मंगल का) हो विदेश जाने के लिए तीसरे
भाव के लिए मंगल का मूंगा रत्न धारण करना चाहिए, आठवें भाव के लिए देसी खांड श्मशान में दबानी चाहिए तथा बारहवें भाव के लिए छत पर देसी खांड
अथवा लाल मूंगा रखना चाहिए | यहां यह भी ध्यान रखें कि यदि ग्रह उच्च,नीच व स्वग्रही
है तो उसको हटाया नहीं जा सकता |
छठे,आठवें घर
पीछे यदि कोई ग्रह हो तो टकराव की स्थिति बनती है जिससे ग्रह अपना उचित फल
नहीं दे पाते ऐसे में एक ग्रह को दूसरे ग्रह की टक्कर से अलग करना जरूरी होता है | जैसे मेष लग्न में यदि
मंगल बारहवें भाव में हो और सूर्य चंद्र सातवे भाव में हो तो छठी दृष्टि टकराव की होगी यदि सूर्य चंद्र पंचम हो तो आठवीं दृस्टी का टकराव होगा ऐसे में यदि चांदी चावल दूध जल प्रवाह करें तो वह चतुर्थ भाव
में चले जाएंगे जिससे नौ घर का फर्क पड़ जाएगा |
विदेश जाने से
पहले निर्दय ऋण का उपाय करना
चाहिए जब कभी दसवें या ग्यारहवें भाव में शनि के शत्रु ग्रह सूर्य,चंद्र अथवा मंगल होते हैं तो यह निर्दय ऋण होता है इससे जातक को अपनी मेहनत का फल नहीं मिलता |
इसके लिए निम्न
उपाय करने चाहिए |
मछलियों को
जौ के आटे की गोलियां खिलाएं मजदूरों को भोजन खिलाएं |
भैसे को गुड़ खिलाएं
कव्वे को लड्डू खिलाए |
उपाय 15-15 दिन के अंतराल में करने चाहिए ।
कुछ विदेश
योग
बुध यदि 3रे/12वे हो और उसका चंद्रमा से संबंध हो तो विदेश
से वापसी जरूर होती है ।
मंगल संग गुरु हो तो विदेश जाने से तरक्की होती है |
1,3,4,8,9,12 भावो
में गुरु हो तो जातक धर्म हेतु यात्रा करता है फिर मान सम्मान पाता है |
चंद्र शुक्र
की युति हो अथवा शनि मंगल की युति हो तो विदेश में रहने का प्रबंध होता है ।
विदेश जाने
के लिए निम्न उपाय करते रहने चाहिए |
1) चांदी अथवा तांबे
में पानी पिया करें शीशे में नहीं |
2) नदी नहर में तांबे के सिक्के डाले |
3) धार्मिक कार्य में दान करें |
4) छत स्वयं साफ करें |
5) पलंग के पाए में चांदी की तार अथवा कील बांधे |
6) चांदी की चेन पहने |
7) चांदी की डिबिया में शहद गमले में गाडे |
8) शनिवार तेल मंदिर में दान करें |
9) किसी भी प्रकार की झूठी गवाही ना दे ।
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