रविवार, 11 फ़रवरी 2018

वेलेंटाइन डे का सच



हजारो सालो से संत॰वेलेंटाइन की अलग अलग कथाए व किस्से सुने व कहे जाते रहे हैं | इस दिन के लोकप्रिय प्रतीक के रूप मे सर्वप्रथम एक रोमन देवता “क्यूपीड” को माना गया जो एक बच्चे के हाथ मे धनुष व बाण लिए रहता हैं |

ईसा मसीह की मृत्यु के 300 वर्ष बाद रोमन सम्राटो ने समस्त प्रजा को रोमन देवताओ की पुजा करने का आदेश पारित किया तब एक ईसाई पादरी जिनका नाम “वेलेंटाइन” था जो प्रजा को एक दूसरे से प्रेम करने की अपनी अलग शिक्षाए दिया करता था जिसके जुर्म मे उसे जेल मे डाल दिया गया था जहां उसने जेलर की अंधी बिटिया का अपने चमत्कार से इलाज किया था जिसके कारण व उसके ईसाई होने के कारण उसे 14 फरवरी के दिन मृत्यु दंड दिया गया था अपनी मृत्यु के एक रात्री पहले उसने जेलर की बिटिया को अपने विदाई संदेश मे “तुम्हारे वेलेंटाइन की ओर से” लिखा था तभी से इस दिन यानि 14 फरवरी को वेलेंटाइन दिवस के रूप मे माना जाने लगा |

14 फरवरी के दिन रोमन्स अपनी देवी के सम्मान मे अवकाश का दिन रखते हैं जिस दिन जवान युवक अपने पसंद की जवान स्त्री का चुनाव किया करते हैं |जहां से यह चलन मध्य काल मे यूरोप और अमरीका पहुंचा |

हजारों सालो से यह भी माना जाता रहा हैं की पक्षी अपने साथी को इसी 14 फरवरी के दिन ही चुनते हैं |

496 ए॰डी॰ मे संत गेलसिउस प्रथम ने 14 फरवरी के दिन को “वेलेंटाइन दिवस” घोषित किया |

इस दिन के प्रारम्भ होने के चाहे कितने ही किस्से हो परंतु अब यह दिन अपने चाहने वालो का दिन बन गया हैं इस दिन सब अपने मित्रो,दोस्तों व प्रेमियो को यह दर्शाने का प्रयास करते हैं की वो उनकी परवाह करते हैं अधिकतर लोग संत॰वेलेंटाइन की याद मे वेलेंटाइन कार्ड भेजना पसंद करते हैं अमरीका मे यह दिन विशेष रूप से मनाया जाता हैं |

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