शुक्रवार, 26 जनवरी 2018

विवाह हेतु वर्जित नक्षत्र व मास


1)पुष्य नक्षत्र इस नक्षत्र में ब्रह्मा मूर्छित हुए थे इसलिए विवाह हेतु यह नक्षत्र वर्जित होता है |

2)पूर्व फाल्गुनी – इस नक्षत्र में माता सीता का विवाह हुआ था इसलिए विवाह हेतु यह नक्षत्र वर्जित होता है |

3)अभिजीत नक्षत्र में दमयंती का विवाह हुआ था अतः यह भी विवाह हेतु वर्जिहै |

इनके अतिरिक्त अश्विनी,चित्रा,श्रवण और धनिष्ठा नक्षत्रो मे भी कतिपय कारणो से विवाह वर्जित किया गया है |

अश्विन मास में विवाह होने से स्त्री को सुख नहीं मिलता |

श्रावण मास में विवाह होने से स्त्री को गृह सुख नहीं मिलता |

कार्तिक मास में विवाह होने से तेज व शक्ति की हानि होती है |

चैत्र मास में विवाह नशे में आसक्ति देता है |

मार्गशीर्ष मास मे विवाह अन्न का भाव देता हैं |

भाद्रपद मास मे विवाह पुरुष को स्त्री के सुख की समाप्त करवाता हैं |

पौष मास में विवाह स्त्री को पति सुख में कमी प्रदान करता है |

इनके अतिरिक्त कर्क लग्न,जन्मलग्न,जन्मनक्षत्र,जन्म मास अथवा जन्मदिन भी विवाह हेतु वर्जित माने जाते हैं |
अतः इन सब मुहूर्तों का ध्यान रखकर ही विवाह किए जाने चाहिए |

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