नवग्रहों मे सबसे
अधिक शुभ ग्रह माने जाने वाले गुरु ग्रह आगामी 12
सितंबर 2017 को कन्या राशि को छोड़कर तुला
राशि मे प्रवेश करेंगे जहां ये 11 अक्तूबर 2018 तक स्थित रहेंगे इस दौरान ये 12 अक्तूबर 2017 से
6 नवंबर 2107 तक अस्त तथा 11 मार्च 2018 से 11 जुलाई 2018 तक वक्री अवस्था मे
रहेंगे | गोचरीय गुरु जन्म राशि से 2रे,5वे,7वे,9वे व 11वे भावो मे शुभ होते हैं
| भारतीय ज्योतिष मे यह माना जाता हैं की
गुरु जहां बैठते हैं उस भाव की हानी करते हैं जबकि जिन भावो को यह देखते अथवा दृस्टी
देते हैं उन्हे लाभ प्रदान करते हैं इस गुरु ग्रह को हमारे प्राचीन विद्वानो ने 3 दृस्टिया
पंचम,सप्तम व नवम प्रदान की हैं इस
कारण तुला राशि मे स्थित होकर यह कुम्भ,मिथुन व मेष राशि को यह दृस्टी देकर लाभ प्रदान करेंगे इनमे से
मिथुन व कुम्भ राशि को अक्तूबर 2107 के बाद शनि भी देख रहे होंगे अत: इन दोनों राशि
वाले जातको को कुछ ज़्यादा ही शुभाशुभ फलो की प्राप्ति होगी |
भारत हेतु प्रभाव –स्वतंत्र
भारत की राशि कर्क हैं ( भारत पर मकर राशि का
प्रभाव ज़्यादा रहता हैं ) जिससे गुरु का यह चौथा गोचर होगा इस तुला राशि गोचर से
भारत वर्ष पर निम्न प्रभाव पड़ेंगे | संचार साधनो व संचार माध्यमों मे तेजी तथा वृद्दि होगी,शेयर बाज़ार मे उठा पटक,सोने व अन्य सभी धातुओ मे तेजी,कानून व न्याय व्यवस्था मे परेशानी,विदेश से व्यापार के साथ साथ लाभ भी बढ़ेगा,देश की आर्थिक प्रणाली मे सुधार संभवत:
सरकार टैक्स अथवा जी एस टी दर मे कमी करे,देश मे रोजगार के अवसर बढ़ेंगे तथा हवाई दुर्घटनाओ मे वृद्दि होगी |
आइए जानते हैं की गुरु
का यह तुला राशि का गोचर विभिन्न राशि वालो के लिए कैसा रहेगा |
मेष राशि - इस राशि
से गुरु का यह सातवाँ गोचर होगा जिसके प्रभाव से जातक
विशेष को आर्थिक समृद्दि,रोगो से मुक्ति,पिता की आय मे वृद्दि,उत्साह मे वृद्दि,भाई बहनो को लाभ,पत्नी से संबन्धित चिंता,आय के अन्य श्रोत बढ़ेगे,विदेश यात्रा अथवा घर से बाहर कमाई के
अवसर प्राप्त होना,संतान का भाग्योदय अथवा संतान का विवाह,आंतों अथवा हृदय संबंधी
परेशानी हो सकती हैं |
उपाय- भगवान शिव की पूजा करे | आदित्य हृदय श्रोत पढे |
वृष राशि - इस राशि
से गुरु का यह छठा गोचर होगा जिसके प्रभाव से कर्म क्षेत्र
मे बदलाव,कर्ज़ की प्राप्ति अथवा
कर्ज़ से मुक्ति,शत्रुओ पर विजय,परिवार मे कोई मंगल कार्य,परीक्षा-प्रतियोगिता से लाभ,कोई छोटा रोग बड़ा हो
सकता हैं,लीवर व किडनी संबन्धित परेशानी,आत्मविश्वास
व पुरुषार्थ मे कमी होगी |
उपाय-हल्दी मंदिर मे
दे | मांसाहार छोड़े शाकाहारी बने | बोलने-लिखने मे सावधानी रखे
|
मिथुन राशि - इस राशि
से गुरु का यह पांचवा गोचर होगा जिससे रुके हुये
काम पूरे होंगे,नौकरी मे बदलाव हो
सकता हैं,पत्नी अथवा सांझेदारी
द्वारा लाभ,पिता को यश,स्वयं संतान की प्राप्ती,कार्यक्षेत्र मे उन्नति,ऊंच शिक्षा की प्राप्ती,संतान की नौकरी लग सकती हैं,विदेश गमन अथवा विदेश से लाभ प्राप्ति के योग बनेंगे
|
उपाय- किसी से मुफ्त मे कुछ ना
ले | विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ नित्य पढे |
कर्क राशि -इस राशि
से यह गुरु का चौथा गोचर होगा जिसके प्रभाव से माता व स्वयं के स्वास्थ्य मे परेशानी,मकान से संबंधी कोई कार्य होना,रुके
हुये अथवा बीमा संबंधी धन की प्राप्ती,जीवनसाथी अथवा पार्टनर से मन
मुटाव होना संभव हैं,कोई धार्मिक यात्रा हो सकती हैं गुप्त विद्या की और रुझान अथवा
गुप्त धन की प्राप्ति जैसे अवसर मिलेंगे |
उपाय-दुर्गा सूक्त का पाठ
करे | लाल रंग की बानियान पहने |
सिंह राशि - इस राशि
से गुरु का यह तीसरा गोचर होगा जिसके प्रभाव से छोटे भाई बहनो की चिंता,मान सम्मान मे बढ़ोत्तरी,विवाह
व दाम्पत्य सुखो मे वृद्दि,भाग्य
वृद्दि के कारण रुके हुये काम बनेंगे,बड़े सम्मानित लोगो से भेंट,कार्य-व्यवसाय मे सुधार,धार्मिक यात्राए व धर्म
से लाभ,पत्नी का स्वास्थ्य खराब
या उसकी विदेश यात्रा होगी |
उपाय-पीले कपड़े गरीबो को
दान करे | माँ दुर्गा की पुजा करे |
कन्या राशि - इस राशि
से यह गुरु का दूसरा गोचर होगा जिसके प्रभाव से कर्ज़ मुक्ति या मुकदमे से राहत,किसी रोग की पहचान,गुप्त
विद्या की और रुझान,योग करने का शौक,रुका हुआ धन प्राप्त
होगा,नौकरी मे तरक्की अथवा
बदलाव,परिवार मे किसी नए
सदस्य का प्रवेश होगा भूमि अथवा भवन से अतिरिक्त आय के योग बनेंगे |
उपाय- बिना मांगे किसी को सलाह ना दे | गरीबों
को भोजन कराये | गुरुवार को पीपल पर जल
चढ़ाए |
तुला राशि - गुरु का
इसी राशि से गोचर होगा जिसके प्रभाव से वैवाहिक सुखो मे वृद्दि अथवा संतान प्राप्ति,अविवाहितो का विवाह होगा,प्रेम संबंधो मे
सुधार होगा,पत्नी का उत्तम सुख प्राप्त होगा अथवा पत्नी के प्रभाव मे
वृद्दि होगी,स्वयं के लाभ मे बढ़ोत्तरी,किसी
गुरु से मिलना अथवा ज्ञान प्राप्त करना,ससुराल मे कोई मांगलिक कार्य,माता पिता को कष्ट व मानसिक तनाव प्राप्त
हो सकता हैं |
उपाय-गले मे सोने की चेन
पहने | दुर्गा सप्तसदी का पाठ नित्य करे |
वृश्चिक राशि - इस
राशि से गुरु का यह 12वा गोचर होगा जिसके प्रभाव से भूमि,मकान अथवा वाहन की प्राप्ति,कर्ज़ की प्राप्ती अथवा
कर्ज़ से मुक्ति,जन्म स्थान की यात्रा,रोगो का शमन,शिक्षा अथवा शोध कार्य मे धन खर्च,संतान सुख मे कमी,विदेश से लाभ जैसे अवसर प्राप्त होंगे |
उपाय- पीपल पर जल चढ़ाये | किसी की भी झूठी गवाही ना दे |
धनु राशि –इस राशि
से गुरु का यह 11वा गोचर होगा जिसके प्रभाव से महत्वाकांक्षा मे वृद्दि,स्वभाव मे तेजी,आय मे सुधार व लाभ मे वृद्दि,भाग्य से लाभ,शुभ फलो मे वृद्दि,भाई बहनो के विवाह,विवाह अथवा संतान प्राप्ति के अवसर,दाम्पत्य जीवन मे शुभता,नयी नौकरी मिलने की संभावना अथवा कोई
अच्छा पद प्राप्त हो सकता हैं |
उपाय – अपने पिता व गुरु
का सम्मान करे | पीला
रुमाल हमेशा संग रखे |
मकर राशि - इस राशि
से गुरु का यह दसवा गोचर होगा जिससे भूमि संबंधी कोई कार्य जैसे भूमि का खरीदना या
बेचना,धन संचय मे वृद्दि,पारिवारिक विवादो का समाधान,माता को स्वास्थ्य लाभ,कोई
बड़ा कार्य करने की इच्छा,कर्ज़
मे कमी,व्यवसाय मे लाभ,विदेश संबंधी कोई
कार्य अथवा कोई बड़ी यात्रा,नौकरी मे बदलाव अथवा तरक्की,संचित धन की प्राप्ती,घर मकान वाहन सुख बढेगा |
उपाय-कव्वे को पीली मिठाई खिलाये | किसी भी प्रकार का कोई
अंधविश्वास ना करे |
कुम्भ राशि - इस राशि
से गुरु का यह नवां गोचर होगा जिसके प्रभाव से पिता,धर्म,गुरु संबंधी कोई चिंता,कार्यो
मे तेजी,घर परिवार मे कोई खुशी,पत्नी द्वारा कोई प्रसन्नता,किसी बड़े पद का मिलना या संतान की प्राप्ती,धार्मिक यात्रा या धर्म की तरफ रुझान,आर्थिक समस्याओ का समाधान,प्रेम संबंधो मे स्थिरता,सामाजिक मान सम्मान बढ़ेगा |
उपाय- रोजाना मंदिर जाये | मांसाहार ना करे शाकाहारी बने |
मीन राशि - इस राशि
से गुरु का यह आठवा गोचर होगा जिसके प्रभाव से देश विदेश की
यात्राए,भुमी-संपत्ति की प्राप्ती,अपना
व्यवसाय करने की प्लानिंग,संतान की उन्नति,राजकार्य मे बाधा,संपत्ति
विवाद का खात्मा जैसे हालात बनेंगे |
उपाय- 8 किलो आलू
मंदिर मे दान करे | भिखारियो को भिक्षा दे |
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