17 अगस्त 2017 को
28:47 को राहू सिंह राशि से कर्क राशि मे प्रवेश करेंगे क्यूंकी राहू और केतू हमेशा एक
दूसरे के समसप्तक रहते हैं ठीक इसी समय केतू भी कुम्भ राशि से मकर
राशि मे प्रवेश करेंगे | राहू केतू वक्री
अवस्था अथवा उल्टी दिशा मे भ्रमण करते हैं भारतीय ज्योतिष के विद्वानो ने इन दोनों को छाया
ग्रह माना गया हैं जिसका कारण इनका कोई भी आकार ना होना हैं ( यह मुख्य रूप से चन्द्र
द्वारा पृथ्वी के 2 कटान बिन्दु हैं ) राहू केतू लगभग 18 वर्ष 7 माह मे पूरे भचक्र अथवा
सभी 12 राशियो का का चक्कर काट लेते हैं जिस कारण इन दोनों का एक राशि मे भ्रमण डेढ़ वर्ष अर्थात 18
माह तक रहता हैं | इन दोनों छाया ग्रहो को पाप ग्रहो की संख्या मे रखा
गया हैं अर्थात यह दोनों जिस भी राशि मे रहेंगे उस राशि से संबन्धित
भाव के कारकत्वों मे अवश्य ही कोई ना कोई परेशानी जातक को लगी रहेगी ( राहू विशेषकर
उस भाव से संबन्धित कारकत्वों मे ग्रहण अथवा बाधा उत्पन्न करता हैं जबकि केतू उस भाव
के कारकत्वों से जातक को विरक्त करता हैं ) भारतीय ज्योतिष के पितामह ऋषि पाराशर इस राहू
को वृष राशि मे ऊंच,कन्या राशि मे स्वराशी तथा
कर्क राशि को इसकी मूल त्रिकोण राशि का बताते हैं | इस राहू का 3रे,6ठे,व 11वे भाव का भ्रमण अथवा गोचर शुभ माना जाता हैं बाकी अन्य सभी भावो से
इसका गोचर अशुभ ही होता हैं इसी प्रकार केतू का भी 3रे,6ठे व 11वे भाव से गोचर शुभ
तथा शेष अन्य भावो मे अशुभ होता हैं | यह राहु मुख्य रूप से
जातक विशेष की तंत्रिका तंत्र को प्रभावित कर दिमाग को परेशान रखता हैं इस राहू को
घोटालो,स्केण्डलों,छल कपट,गुप्त व छुपे कार्यो को करने का कारक माना जाता हैं |
आइए जानते हैं की राहू-केतू
के इस राशि परिवर्तन का अन्य सभी राशियो पर क्या
प्रभाव पड़ेगा |
मेष राशि- इस राशि से
राहू का यह चौथे भाव से गोचर होगा जबकि केतू का यह दसवे भाव से गोचर होगा जिससे जातक को माता-पिता के स्वस्थ्य की
हानी,संपत्ति संबंधी विवाद,गृह क्लेश,पाचन तंत्र मे कमी अथवा खराबी,हृदय
विकार,व्यापार व नौकरी मे उन्नति
मे देरी अथवा बदलाव निश्चित होता दिखता हैं |
उपाय-1) कोई भी ज़मीन संबंधी
कार्य ना करे |
2) माह मे एक बार
विशेषकर अमावस को गंगा स्नान करे |
3) माँ सरस्वती के किसी
मंत्र का नित्य जाप करे |
वृष राशि- इस राशि से राहू का यह तीसरा गोचर होगा
जो की शुभ माना जाता हैं जबकि केतू का यह नवा गोचर होगा जिससे भाग्य,समृद्दि
व पुरुषार्थ मे वृद्दि होगी खेल व संचार संबंधी कार्यो मे सफलता मिलेगी,विदेश अथवा कोई लंबी यात्रा होगी,पड़ोसियो से विवाद
हो सकता हैं अपनी संपत्ति बिक सकती है अथवा घर परिवर्तन हो सकता हैं संतान प्राप्ति के
योग बनेंगे यात्रा मे हानी हो सकती हैं मोबाइल इत्यादि खोने
का खतरा बना रहेगा |
उपाय-1) कोई भी कागजात
हस्ताक्षर करने से पहले ठीक से पढे |
2) सोना खरीदे |
3) पन्ना रत्न धारण करे |
मिथून राशि – इस राशि से
राहू का यह दूसरा गोचर होगा जबकि केतू का यह आठवाँ गोचर होगा जिसके प्रभाव से धन
हानी,गले अथवा जीभ संबंधी कोई
विकार जिस कारण कोई वाणी दोष,आँखों व दांतों मे परेशानी,नशे की आदत,गाली देने की प्रवृति,बवासीर,पथरी,कोई बड़ी दुर्घटना होने की संभावना अथवा बीमा संबंधी कोई परेशानी आदि बनी रहेगी |
उपाय-1) कोई विदेशी
भाषा सीखे |
2) जहां तक हो सके कोर्ट कचहरी से बचने का प्रयास करे |
3) राहू के मंत्र
नित्य जपे |
कर्क राशि – इस राशि से
राहू का यह प्रथम जबकि केतू का यह सप्तम गोचर होगा | राशि मे ही राहू का गोचर होने से जातक विशेष के शरीर
व दिमाग दोनों पर राहू का प्रबल प्रभाव हो जाएगा जिससे जातक के चेहरे की आकृति बदल
सकती हैं जातक भ्रमित होकर शंकालु व अनिर्णय की प्रवृति रख सकता हैं,सांझेदारी
टूटने की संभावना,पत्नी से संबंध खराब,स्वास्थ्य
संबंधी कोई ना कोई परेशानी,हर किसी से विवाद होने की संभावना
बन सकती हैं जिससे जातक बिना वजह टोने टोटके व बहम की ओर अपना रुझान कर सकता हैं |
उपाय-1) गायत्री मंत्र का जाप करे |
2) चाँदी की चेन पहने |
3) पक्षियो को जौ,बाजरा आदि
खिलाये |
सिंह राशि – इस राशि से राहू का यह 12वा
तथा केतू का यह छठा गोचर होगा जिससे जातक को नींद मे परेशानी,बिना
वजह का तनाव,जेल,अस्पताल अथवा विदेश की
यात्रा,पत्नी व शयन सुख मे कमी,जीवन मे
रुकावटे व बदलाव,शत्रुओ से राहत प्राप्ति जैसे हालात प्राप्त होंगे |
उपाय-1) नीला रंग प्रयोग ना
करे |
2) माँ लक्ष्मी पुजा करे |
कन्या राशि- इस राशि
से राहू का यह ग्यारहवा गोचर होगा जबकि केतू का यह पंचम गोचर होगा जिसके प्रभाव से
जातक विशेष को अधिक लाभ की प्राप्ति,विदेश से धनलाभ,बड़े भाई बहनो को परेशानी,प्रेम प्रसंग की समाप्ती,बच्चो से दूरी,गर्भपात,कार्यक्षेत्र मे बदलाव,नए दोस्तो का आगमन,पैरो मे परेशानी अथवा किसी प्रकार की दिक्कत आदि जैसे फल
प्राप्त होंगे |
उपाय-1) गणेश जी की
पुजा करे |
2) भिखारियो को कुछ
ना कुछ दान देते रहे |
तुला राशि- इस तुला
राशि से राहू का यह दसवा गोचर होगा जबकि केतू का यह चौथा गोचर होगा जिससे कैरियर
मे बदलाव अथवा ट्रांसफर,ऊंच अधिकारियों से झगड़ा अथवा बहसबाजी,मान
सम्मान मे कमी,विदेश यात्रा,पिता से
लड़ाई,माँ को बीमारी,घर,मकान का बदलाव,गृह क्लेश जैसे हालात होंगे |
उपाय-1) अंधे
व्यक्तियों को भोजन कराये |
2) गुड मंदिर मे दान करे |
वृश्चिक राशि- इस राशि से
राहू का यह नवम तथा केतू का तृतीय गोचर होगा जिससे
जातक का धर्म के प्रति विश्वास कम होना,कर्म व ऊंच शिक्षा मे हानी,शिक्षा से संबन्धित
कागजातों मे किसी भी प्रकार की गड़बड़ी होना,विदेश
जाने मे परेशानी,पड़ोसी से झगड़ा अथवा तनाव हो सकता हैं |
उपाय-1) केसर तिलक लगाए |
2) बुजुर्गो को मान सम्मान दे |
धनु राशि- इस राशि से
राहू का यह आठवा तथा केतू का यह दूसरा गोचर होगा जिसके
कारण जातक को गुप्तांग संबंधी कोई परेशानी अथवा रोग,कोई
पुश्तैनी संपत्ति का विवाद,धन की हानी,पैसो
की कमी के कारण किस्ते सही समय पर ना दे पाना,कर्ज़ लेने की
स्थिति जैसे हालात भी बन सकते हैं |
उपाय-1) शनि अथवा भैरव की पूजा
करे |
2) नीला रंग प्रयोग
ना करे |
मकर राशि- इस राशि से
राहू का यह सप्तम तथा केतू का यह प्रथम गोचर होगा जो की
राजा से खतरा अथवा राज्य दंड दिलवा सकता हैं,वाणी
संबंधी दोष दे सकता हैं,नई सांझेदारी अथवा प्रेम संबंध होने
से विवाह भी करवा सकता हैं,सहयोगीयो से बदलाव,अधिकारियों से तनाव कारण बेइज्जती,आँख
अथवा सर मे परेशानी जैसे फलो की प्राप्ति हो
सकती हैं |
उपाय-1) शिवलिंग पर दूध पानी
का अभिषेक करे |
2) ठोस चांदी अपने संग रखे |
कुम्भ राशि- इस राशि से राहु का यह
छठा तथा केतू का बारहवा गोचर होगा जो की हर
तरह से शुभ फलो की प्राप्ति कराएगा जातक को सुखो मे वृद्दि,कर्ज़
निवृति,नौकरी मे अच्छा बदलाव,धार्मिक यात्राए होंगी वही पाचन तंत्र मे
गड़बड़ी,पत्नी की सेहत मे परेशानी तथा संतान प्राप्ति मे विलंब भी होगा |
उपाय-1) माँ सरस्वती की नीले फूलो से पुजा अर्चना
करे |
2) कुत्तो को रोटी खिलाये |
मीन राशि- इस राशि से राहू का पंचम तथा केतू का एकादश गोचर होने के कारण
शिक्षा व संतान बाधा मिलेगी,गर्भपात अथवा संतान का जन्म समय से पहले होना जैसे हालत होंगे खर्चे बढ़
सकते हैं,खेलकुद व सट्टे मे हानी,याददाश्त
मे कमी,गृह क्लेश,शिक्षा व धन मिलने मे
विलंब हो सकता हैं |
उपाय-1) सफ़ेद मुली व साबुत
मूंग का दान करे |
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