26 जनवरी 2017 से शनि का धनु राशि मे गोचर
होने लगेगा जहाँ ये अगले 30 माह अर्थात 2.5 वर्ष तक गोचर करेंगे इस दौरान
ये 6 अप्रैल 2017 को वक्री होकर 21 जून 2017 को वृश्चिक राशि मे वापस
जाएंगे तथा 25 अगस्त को मार्गी होकर 26 अक्तूबर को पुनः धनु राशि मे प्रवेश करेंगे
| आइए ज्योतिषीय दृस्टी से देखते हैं की
शनि के इस धनु राशि परिवर्तन से विभिन्न राशियो पर क्या प्रभाव पड़ेगा | यहाँ यह भी ध्यान रखे की शनि जहाँ
बैठते हैं उस स्थान की अपने सुस्त स्वभाव के चलते धीरे-धीरे वृद्दि करते हैं परंतु जहाँ
देखते हैं उस स्थान की हानी करते हैं | ज्योतिष मे शनि ग्रह को 3 दृस्टीयाँ तीसरी,सातवी व दसवी प्रदान की गयी हैं |
मेष राशि – कालपुरुष की इस राशि के लिए शनि कर्म
(दसम) व लाभ (एकादश) भाव का स्वामी होता हैं इस मेष राशि से शनि का यह नवम
गोचर होगा जिसे भाग्य भाव का गोचर कहा जाएगा यहाँ से शनि की एकादश,तृतीय
व छठे भाव पर दृस्टी होगी इन सबके प्रभाव से मेष राशि वाले जातको को नौकरी मे
बदलाव व परेशानी,यात्राओ मे हानी,कोर्ट-कचहरी के मामलो मे असफलता
व अपमान,किसी बड़े बुजुर्ग अथवा पिता की मृत्यु,धार्मिक
कार्यो से लाभ व तीर्थ यात्राये,पराक्रम व साहस मे कमी,सहोदरो
के घर मे कोई कार्य,पड़ोस का हानी,धन की हानी,बड़े भाई अथवा पिता के बड़े भाई को स्वास्थ्य संबंधी दिक्कते,शत्रुओ
से परेशानी,कर्ज़ से छुटकारा अथवा कर्ज़ प्राप्ति जैसे हालातो का सामना
करना पड़ेगा |
उपाय-पिता की सेवा करे |
वृष राशि – वृष राशि
के लिए शनि नवम व दसम भाव का स्वामी होता हैं इस वृष राशि से शनि का यह अष्टम गोचर
होगा जहाँ से यह कर्म,द्वितीय व पंचम भावो को
प्रभावित करेगा जिनके प्रभाव से शोध,अनुसंधान आदि जैसे कार्यो मे रुचि व
सफलता,गुप्त विद्या मे लगाव,उदर व गुप्त रोग,पिता को कष्ट,कार्यक्षेत्र मे गुप्तता,नौकरी
मे परेशानी अथवा बदलाव,समाज मे उत्थान व रुतबे मे बढ़त,धन व कुटुंब परिवार मे किसी भी प्रकार की
हानी,शिक्षा अथवा शिक्षा क्षेत्र मे बदलाव,संतान संबंधी
समाचार अथवा दिक्कते जैसे प्रभाव मिलेंगे |
उपाय-चांदी का चकोर टुकड़ा
संग रखे |
मिथुन राशि- मिथुन राशि के लिए
शनि अष्टम व नवम भाव का स्वामी बनता हैं इस मिथुन राशि से यह शनि का
सप्तम गोचर होगा जिससे यह नवम,लग्न व चतुर्थ भाव को दृस्टी देगा जिसके प्रभाव से मान
सम्मान मे वृद्दि,व्यापार मे उन्नति,पत्नी
व स्वयं की सेहत मे हानी,वैवाहिक सुख मे कमी अथवा विरक्ति, धार्मिक अथवा
आध्यात्मिक कार्यो मे सफलता,गुढ विषयो की जानकारी,पिता अथवा
पत्नी के भाई को स्वास्थ्य परेशानी,स्वयं के कामो मे देरी व
रुकावटे,ज़मीन,वाहन संबंधी लेन देन अथवा खरीददारी,घर-मकान मे बदलाव जैसे हालात मिलेंगे |
उपाय-पत्नी को खुश
रखे व मान सम्मान दे |
कर्क राशि – कर्क राशि के लिए
शनि सप्तम व अष्टम भाव का स्वामी होता हैं इस कर्क राशि से
शनि का यह छठा गोचर होगा जो इस राशि के लिए जहां एक तरफ राजयोग का निर्माण करेगा वही वैवाहिक जीवन मे तनाव
व कठिनाईयाँ उत्पन्न भी करेगा | इस छठे भाव से यह शनि अष्टम,द्वादश व तृतीय भाव पर दृस्टी डालेगा जिससे कर्ज़ व रोग से मुक्ति,शत्रुओ से राहत,अस्पताल एवं कोर्ट,कचहरी
से राहत अथवा मुक्ति,विदेश जाने के अवसर,पत्नी सुख मे कमी,पत्नी
का स्थान परिवर्तन,खर्च संबंधी परेशानी,भाई बहनो से संबन्धित कोई कार्य जैसे फल प्राप्त होंगे |
उपाय-6 दिन बादाम जलप्रवाह
करे |
भारत वर्ष की पत्रिका
कर्क राशि की हैं पिछले 2.5 वर्षो मे शनि ने भारत को नई सरकार प्रदान करी व देश मे कई
बड़े बदलाव कराये | शनि ने वृश्चिक राशि
अर्थात भारत के पंचम भाव मे स्थित होकर धन व लाभ दोनों को प्रभाव मे लिया जिससे
नोटबंदी जैसे घटना हुई |
शनि का यह गोचर भारत के लिए निम्न
प्रभाव प्रदान करेगा |
1)शिक्षा विभाग अथवा शिक्षण व्यवस्था मे कोई ना कोई बदलाव आएगा |
2)संचार क्षेत्र मे भारत का दबदबा बढ़ेगा |
3)उत्पादन क्षेत्र मे ज़बरदस्त तरक्की होगी |
4)राजा अथवा सरकार अर्थात मोदी जी का कद विश्व मे और बढेगा | पूरा विश्व उनके द्वारा किए जा रहे प्रयासो की सराहना करेगा |
5)विपक्ष की स्थिति और ज़्यादा कमजोर होगी |
6)देश मे कई प्रदेशों मे सत्ता परिवर्तन होगा |
7)केंद्र सरकार मे कोई बड़ा बदलाव अथवा विस्तार होगा |
8)विपक्ष के किसी बड़े नेता कि मृत्यु होगी और अध्यक्ष पद मे बदलाव होगा |
9)खेलो मे भारत कई रिकॉर्ड अपने नाम करेगा |
सिंह राशि – इस राशि के लिए शनि छठे व
सातवे भाव का स्वामी बनता हैं | इस राशि से शनि का यह
पंचम गोचर होगा जो सप्तम,एकादश व द्वितीय भाव को प्रभावित करेगा जिस कारण संतान
संबंधी योजनाए व शिक्षा हेतु नए विचार जन्म लेंगे,कर्ज़ व
रोगो से मुक्ति मिलेगी,विवाह होने व प्रेम संबंध बनने की
संभावना बढ़ेगी,मित्र या पार्टनर नुकसान या धोखा दे सकते हैं,व्यापार मे रुकावट अथवा
बदलाव,किसी बड़े उपहार की प्राप्ति,अनैतिक
कार्यो से धन पाने की इच्छा बढ़ेगी तथा कुटुंब परिवार मे वृद्दि अथवा बिखराव जैसे फल
प्राप्त होंगे |
उपाय-10 बादाम धार्मिक स्थान मे ले जाकर 5 वापस
लाकर घर पर रखे एक वर्ष बाद जलप्रवाह कर दे |
कन्या राशि-कन्या राशि
हेतु शनि पंचम व छठे भाव का स्वामी बनता हैं इस कन्या राशि से शनि का यह चौथा गोचर
होगा जिससे छठा,दसवा व लग्न भाव प्रभावित होगा जो ज़मीन,जायदाद अथवा मकान,वाहन
की प्राप्ति,कर्जे से राहत,शिक्षा की
समाप्ती या बदलाव,नौकरी की प्राप्ति अथवा नौकरी मे तरक्की,पदोन्नति,शरीर मे परेशानी या बंधन,कामो मे देरी,हृदय संबंधी रोग व माता
पिता को कष्ट प्राप्त होने जैसे फल प्रदान करेगा |
उपाय – क्रोध से बचे व वाहन सावधानी
से चलाये |
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