एक
राशि को 12 भागो मे बांटने पर द्वादशांश प्राप्त होता हैं जो की 30/12=2 अंश 30
कला का होता हैं प्रत्येक राशि का पहला द्वादशांश उसी राशि का होता हैं इस
द्वादशांश से माता पिता के संदर्भ मे जानकारी प्राप्त की जाती हैं |
द्वादशांश लग्न यदि मंगल की राशि का हो तो जातक धूर्त स्वभाव का बात बात पर
चुगली व झगड़ा करनेवाला,नियम विरुद्ध कार्य करनेवाला,वासनायुक्त व चर्मरोगी होता हैं
द्वादशांश लग्न यदि शुक्र राशी का होतो जातक गायन वादन मे रुचि रखने वाला,कुशल वक्ता,धनी,सुखी व क्षमाशील होता हैं |
द्वादशांश
लग्न यदि बुध राशि का हो जातक सबको सम्मान देने वाला न्यायप्रिय विद्वान,आस्थावान,धार्मिक तथा
भाग्यशाली होता हैं |
द्वादशांश
लग्न यदि गुरु राशि का हो तो जातक अपने मित्रो का सहयोगी,पवित्र आचरण करने वाला,विभिन्न विषयो
का जानकार विद्वान व ओजपूर्ण वाणी वाला
होता हैं |
द्वादशांश
लग्न यदि शनि राशि का हो तो जातक धर्म परिवर्तन करने वाला,कलह प्रिय,मलिन व सबकी
बुराई करने वाला,बंधुजनों से विरक्त परंतु धन-धान्य से युक्त व सेवको वाला होता हैं |
द्वादशांश
लग्न यदि कर्क होतो जातक सदाचारी,गुणवान,हुनरमंद,विद्वान,आकर्षक व धनी होता हैं |
द्वादशांश
यदि सिंह लग्न का हो तो जातक अच्छे आचरणों वाला नही होता उसके मन मे स्थिरता ना
होकर उदासी होती हैं तथा वह लालच व क्रोध से भरा होता हैं जिससे उसके धन व सुख मे
बाधा बनी रहती हैं |
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