हमारे भारतीय शास्त्रों में जब भी १३ दिनों का पक्ष का ज़िक्र हुआ हैं उसमे भयानक परिस्थितियो के बारे में कहा गया हैं|जब भी १३ दिनों का पक्ष आता हैं बहुत ज्यादा नरसंहार व जन धन की हानि होती हैं अगर हमारे इतिहास पर ध्यान दिया जाये तो हमें ऐसे बहुत से उदाहरण मिलते हैं जिनमे १३ दिनों के पक्ष के विषय में यह सभी बाते लागू होती हैं| भारत वर्ष में १५,१५ दिनों का शुक्ल व कृष्ण पक्ष होता हैं किसी भी कारण से यदि एक दिन धट जाए तो उसे तिथि क्षय माना जाता हैं परन्तु यदि दो दिन एक ही पक्ष में घट जाए तो यह प्रजा व जनता हेतु शुभ नहीं माना जाता हैं तथा इसके बेहद गंभीर व भयानक परिणाम होते हैं |
१) महाभारत का युद्ध ऐसे ही १३ दिनों के पक्ष में हुआ था |
२) दूसरा विश्व युद्ध (हिरोशिमा-नागासाकी पर परमाणु हमला) इसी पक्ष में हुआ|
३)१९५९ में भाद्रपद माह में अमरीका व चिली में भूकंप आया था |
४)१९६२ में भारत व चीन का युद्ध|
५)१९७६ में भारत में इमरजेंसी लगायी गयी तथा चीन में भूकंप आया था |
६)१९८२ में इजरायल व लेबनान में युद्ध हुआ था
ऐसे अन्य बहुत से उदाहरण हैं जिनसे इन १३ दिनों के पक्ष के विकराल व भयानक रूप के बारे में पता चलता हैं|
वैसे भारत व विश्व में इसके आगमन की दस्तक तो हो ही गयी हैं ज्वालामुखी फिर से फूट पड़ा,थाईलैंड में हिंसा भड़की,पूर्व उप राष्ट्रपति का निधन हुआ,४० जवानो की हत्या हो गयी तथा अभी २८ तारीख तक विश्व में कुछ बड़ा भयानक होने की प्रबल सम्भावना हैं ऐसा हमारा विश्वास ही नहीं हमारी गणना भी हैं |
1 टिप्पणी:
इसके आगमन की दस्तक तो हो ही गयी हैं
very informative post
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