सोमवार, 17 मई 2010

गुरु ग्रह का राशी परिवर्तन ३

सिंह राशी-इस राशी से गुरु ग्रह का आठवां गोचर होगा जो की अशुभ हैं जिसके प्रभाव से स्वास्थ प्रतिकूल होगा,दुर्घटनाये भी हो सकती हैं, अपयश मिलेगा,लड़ाई झगडे भी होंगे,मकान व प्रोपर्टी खरीदने के योग भी बनेंगे|
उपाय- १) वाणी पर नियंत्रण रखे,निवेश ना करे, किसी को उधार ना दे|
२) हनुमान जी के मंदिर में गुरूवार को पूजा करे|

कन्या राशी-इस राशी से सातवाँ गोचर होगा जिसके प्रभाव से ऊँच अधिकारिओ से मतभेद व विवाद आदि होने संभावनाए बनेंगी, मानसिक चिंताए लगी रहेगी,खर्चे भी होंगे,कही कही मान सम्मान भी मिल सकता हैं|
उपाय- छोटी छोटी कन्याओ को खुश करे तथा उनका पूजन कर उन्हें दान आदि दे|

तुला राशी-इस राशी से छठा गोचर जो की स्वास्थ्य खराब करेगा,थकावट व आलस पैदा होगा परन्तु व्यस्तता बढेगी,आय में कमी होगी,संतान से असंतुष्टि हो सकती हैं,कोई कीमती वस्तु खो सकती हैं|
उपाय-६०० ग्राम चने की दाल ६ गुरूवार पीले कपडे में बांधकर मंदिर में दान करे|

वृश्चिक राशी-इस राशी से पांचवा गोचर जो की बहुत ही शुभ होगा जिससे सभी कार्यो में सफलता ,शेयर्स से लाभ,विवाह योग,अध्ययन में अनुकूलता,सम्पति की प्राप्ति,धार्मिक व मांगलिक आयोजन होंगे तथा सभी बाधाये समाप्त होंगी|
उपाय-आलस कदापि ना करे तथा कुछ समय देव पूजन अवश्य करे|

धनु राशी-इस गोचर से कार्यक्षेत्र में उन्नति व बदलाव,सम्पति की हानि ,अपयश की प्राप्ति ,परिवार में वृद्दि होगी|
उपाय-१) गुरु ग्रह का कोई भी मंत्र निरंतर जपे|
२) पीपल के पेड़ पर जल चढ़ाया करे|

मकर राशी-लम्बी बीमारी व लम्बी यात्रा हो सकती हैं,वाद विवाद व बहस बाजी से बचे तनाव हो सकता हैं|
उपाय- १) हर गुरूवार व्रत करे तथा चने की दाल व रोटी गाय को खिलाये|
२) खान पान का विशेष ध्यान रखे,गरिष्ठ व बाहर का ना खाए|

कुम्भ राशी-अति उत्तम गोचर जिससे धनसंचय होगा,आर्थिक सहायता मिलेगी,विवाह होगा,उत्साह व पराक्रम में वृद्दि होगी,किसी लम्बी बीमारी से निजात मिलेगी|
उपाय-ज़रूरत मंदों को दान दे व असहाय कन्याओ की मदद करे|

मीन राशी-गुरु ग्रह का गोचर इसी राशी पर होने से दिन चर्या अस्त व्यस्त होगी,लाभ नहीं मिलेगा,स्वभाव में चिडचिडापन,मानसिक कष्ट तथा स्थान परिवर्तन हो सकता हैं परन्तु जीवन साथी हेतु कई लाभ भी प्राप्त होंगे|
उपाय- १) विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ रोजाना करे|
२) कबूतरों को पीली मक्का अपने हाथो से खिलाये|
३) पुखराज रत्न धारण करे(यदि जन्मपत्रिका में गुरु अच्छी स्थिति में हो)