1)सफेद गुंजा की जड़ को घिस कर माथे पर तिलक लगाने से सभी लोग वशीभूत हो जाते हैं ।
2)सूर्य ग्रहण
के समय सहदेवी की जड़ और सफेद चंदन को घिस कर व्यक्ति तिलक करे तो देखने वाली
स्त्री वशीभूत हो जाएगी ।
3)शनिवार के दिन
सुंदर आकृति वाली एक पुतली बनाकर उसके पेट पर इच्छित स्त्री का नाम लिखकर उसी को
दिखाएं जिसका नाम लिखा है । फिर उस पुतली को छाती से लगाकर रखें इससे स्त्री
वशीभूत हो जाएगी ।
4)नागकेसर को
खरल में कूट छान कर शुद्ध घी में मिलाकर यह लेप माथे पर
लगाने से वशीकरण की शक्ति उत्पन्न हो जाती है |
5)नागकेसर,
चमेली के फूल, कूट, तगर,कुंकुंम
और देशी घी का मिश्रण बनाकर किसी प्याली में रख दें । लगातार कुछ दिनों तक नियमित
रूप से इसका तिलक लगाते रहने से वशीकरण की शक्ति उत्पन्न हो जाती है ।
6)रवि पुष्य योग
(रविवार के दिन पुष्य नक्षत्र) में गूलर के फूल एवं कपास की
रूई मिलाकर बत्ती बनाएं तथा उस बत्ती को मक्खन से जलाकर जलती हुई बत्ती की ज्वाला से काजल
निकालें । इस काजल को रात में अपनी आंखें में लगाने से समस्त जग वश में हो जाता है
।
7)कड़वी तूंबी(लौकी) के तेल और कपड़े की बत्ती से काजल तैयार कर आंखों में लगाकर देखने से
वशीकरण हो जाता है ।
8)कपूर तथा मैनसिल को केले के रस में पीसकर तिलक लगाने से साधक को जो भी देखता है, वह वशीभूत हो
जाता है |
9)केसर, सिंदूर
और गोरोचन तीनों को आंवले के साथ पीसकर तिलक लगाने से देखने वाले वशीभूत हो जाते
हैं ।
10)अमावस्या की
रात्रि को मिट्टी की एक कच्ची हंडिया मंगाकर उसके भीतर सूजी का हलवा रख दें। इसके
अलावा उसमें साबुत हल्दी का एक टुकड़ा, 7 लौंग तथा 7
काली मिर्च रखकर हँडिया पर
लाल कपड़ा बांध दें । फिर घर से कहीं दूर सुनसान स्थान पर वह हंडिया ज़मीन में गाड़ दें और
वापस आकर अपने हाथ-पैर धो लें ऐसा करने
से प्रबल वशीकरण होता है |
11)प्रातःकाल
काली हल्दी का तिलक लगाएं तिलक के मध्य में अपनी कनिष्ठिका उंगली का रक्त लगाने से
प्रबल वशीकरण होता है |
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