शनिवार, 24 फ़रवरी 2024

हाई बीपी को ऐसे ठीक करे


हाई ब्लडप्रेशर (उच्च रक्तचाप) एक ऐसी बीमारी हैं जो धीरे-धीरे हमारे शरीर को गंभीर नुकसान पहुंचाती है । इससे लकवा, ब्रेन हेमरेज और दिल का दौरा पड़ सकता है । इसी कारण इसे साइलेंट किलर भी कहा जाता हैं |

उच्च रक्तचाप के रोगी को अपने दिन की शुरुआत सुबह की सैर से करनी चाहिए और प्राकृतिक जीवन जीने का प्रयास करना चाहिए ।

उच्च रक्तचाप को नियंत्रित करने में योग का विशेष महत्व है । साँस लेने के व्यायाम का अभ्यास करने के लिए सुखासन और वज्रासन जैसे आसन का उपयोग करें । थकान की स्थिति में शवासन का अभ्यास करें ।

चंद्रभेदी प्राणायाम उच्च रक्तचाप को कम करने में लाभकारी है । इसके अतिरिक्त शरीर शोधन प्रक्रियाएं और जलनेति भी फायदेमंद हैं ।

योग निद्रा के नियमित अभ्यास से बढ़े हुए रक्तचाप के स्तर को नियंत्रित करने में मदद मिलती है । ध्यान के नियमित अभ्यास से उच्च रक्तचाप का खतरा कम हो जाता है ।

उच्च रक्तचाप के प्राकृतिक इलाज में पेट और माथे पर गीली पट्टियाँ रखना, एनीमा, गर्म पानी से स्नान और रीढ़ की हड्डी में स्नान शामिल हैं । ठंडे पानी से स्नान करना भी फायदेमंद होता है । रीढ़ की हड्डी पर ठंडी पट्टी लगाना भी उतना ही प्रभावी है ।

आहार

किसी भी बीमारी में भोजन का महत्वपूर्ण स्थान होता है,इस बीमारी मे हमे भोजन मे निम्न बातों का ध्यान रखना चाहिए |

सुबह सुबह प्रात: एक गिलास गुनगुने नींबू पानी में दो चम्मच शहद मिलाकर पियें ।

खाना खाते समय खाने पर ध्यान दें और उसे अच्छे से चबाकर खाएं ।

गर्म, मसालेदार, बासी, भारी भोजन और बेसन, चीनी या मांस से बनी चीजें ना कहये तथा धूम्रपान और शराब पीने से बचे |

नमक का सेवन कम करें. दिन में कम से कम तीन से चार बार मौसमी फल खाएं ।

खाना खाते समय दिमाग मे कोई नकारात्मक विचार ना रखे,नकारात्मक सोच से भोजन के पाचन पर बुरा प्रभाव पड़ता है ।

नाश्ते में पपीता, अमरूद या अंकुरित अनाज और मेथी जैसे मौसमी फल खाएं या फलों का जूस लें । साबुत गेहूं के आटे से बनी चपाती, एक या दो उबली हरी सब्जियां, सलाद और दही खाएं । शाम को कोई भी मौसमी फल या फलों का रस या नींबू पानी में शहद मिलाकर लें ।

रात में सलाद के साथ एक या दो साबुत गेहूं के आटे की रोटी या मोटा भोजन और उबली हुई सब्जियां लें ।

घरेलू उपचार

प्याज का रस और शुद्ध शहद बराबर मात्रा में मिलाकर 2 ग्राम की मात्रा में प्रतिदिन एक बार सेवन करने से उच्च रक्तचाप ठीक हो जाता है ।

प्याज का रस रक्त में कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करता है और रक्त शिराओं की कठोरता को नियंत्रित करता है । शहद दिल को मजबूत और स्वस्थ बनाता है । इस उपाय को पांच से सात दिनों तक इस्तेमाल करें और फर्क नोट करें । फायदा होने पर इसे कुछ दिनों तक जारी रखें ।

उच्च रक्तचाप को कम करने के लिए तीन ग्राम सूखी मेथी का चूर्ण दिन में दो बार खाली पेट पानी के साथ 10-15 दिनों तक लें ।

भोजन के बाद लहसुन की एक या दो छिली हुई कलियाँ पानी के साथ चबायें । वैकल्पिक रूप से, लहसुन की फलियों को सूखे खजूर (बीज रहित) में लपेटकर खाएं ।

रात को तांबे के बर्तन में पानी भरकर रखें और सुबह उसे पी लें ।

चार तुलसी की पत्तियां और दो नीम की पत्तियों को पानी के साथ पीसकर खाली पेट पांच से सात दिन तक लेने से उच्च रक्तचाप नियंत्रित होता है ।

नियमित रूप से सुबह खाली पेट पका हुआ पपीता खाएं और इसके 2 घंटे बाद तक कुछ भी न खाएं ।

निम्न और उच्च रक्तचाप की स्थिति में पतला दही बहुत फायदेमंद होता है । निम्न रक्तचाप के रोगियों को पतले दही के साथ दो दाने हींग का सेवन करना चाहिए ।

हानिकारक भोजन

दूध, मक्खन, तैलीय भोजन, घी, नमक, बैंगन, आलू, आधा पका केला, कच्चा कटहल, दालें, मैदा, मिठाई, गुड़, तेल, अमचूर पाउडर, मसाले, पॉलिश किए हुए चावल, चीनी से बना भारी भोजन,कॉफी और चाय का सेवन कम करना चाहिए या उससे बचना चाहिए । एक ही स्थिति में बैठना या लंबे समय तक खड़े रहना, सीढ़ियाँ चढ़ना, और अधिक और बार-बार खाना, ये सभी हानिकारक हैं ।

उपयुक्त भोजन

मौसमी, सेब, तरबूज, नींबू और पपीता उपयुक्त हैं । हरी सब्जियाँ, पालक, लौकी, प्याज, टमाटर, गाजर, सलाद, और गाजर का रस, सभी फायदेमंद हैं ।

खाना खाते समय पानी न पियें।

आधे कप पानी में आधे नींबू का रस मिलाकर दिन मे दो-तीन बार पियें ।

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