सोमवार, 18 दिसंबर 2023

लाल किताब ज्योतिष के अनुसार ऋण के ग्रह


ज्योतिष अभ्यास व अध्ययन करते समय कभी कभी ऐसा देखने में आता है कि कुण्डली में अधिकतर ग्रह ठीक पड़े है यदि एक आध कोई नीच हुआ तो उसका उपाय कर दिया गया फिर भी जातक के जीवन के हालात ठीक नहीं होते । इस के पीछे मुख्य कारण कई हो सकते हैं परंतु एक प्रमुख कारण पत्रिका मे ऋण का ग्रह” होना अवश्य होता हैं |
आइए आज इस लेख मे हम इसी पर चर्चा करते हैं |

क्या होता ये ऋण का ग्रह

जन्म कुण्डली में जब ग्रहों के पक्के घरों में उन ग्रहों के शत्रु ग्रह आकर बैठ जायें तो वे ग्रह ऋण के ग्रह बन जाते हैं । इससे देखने मे आता हैं की जब तक उन ग्रह के उपाय नहीं किए जाते जब तक जातक विशेष की परेशानी बनी रहती हैं व्यवहारिक जीवन में भी देखने में आता है कि जब हमने किसी का कोई ऋण चुकाना होता है जब तक वह चुकता नहीं हो जाता तब तक वह व्यक्ति जातक का पीछा करता ही रहता है ।

ग्रहों की भी बिलकुल ऐसी ही स्थिति है, जब तक इन का ऋण न चुकाया जाये तब तक जातक को जीवन में कोई विशेष सफलता नही मिलती उसके जीवन में उदासीनता बनी रहती है।

उपाय

ऋण के ग्रहों का उपाय करने के लिए अपने खून के सभी सम्बधियों माता, पिता, भाई, बहन,पत्नी,बुआ, दादा, परदादा, दादी, भतीजा, भतीजी, भांजा, भानजी से बराबर का धन लेकर उस धन से ऋण उतारने का उपाय करें । यदि किसी से नहीं लेना तो उसका भाग जातक स्वयं डाल दे परंतु अपने भाग से 10 गुणा अधिक ।

सूर्य का ऋण -

हम जानते हैं की कुंडली मे सूर्य का पक्का घर भाव 5 है जब भाव 5 में सूर्य के शत्रु राहु, शुक्र या शनि आ जाये तब सूर्य ऋण का ग्रह बन जाता है । जिससे जातक को दिल की बीमारी हो जाती हैं ये इसकी पहचान है ।

उपाय

एकत्रित धन से जातक की 22 वर्ष आयु से पहले घर पर सूर्य यज्ञ करे और मकान की छत्त में रोशन दान ना खोलें ।

चन्द्र का ऋण

कुंडली मे चन्द्र का पक्का घर 4 है, यदि भाव 4 में चन्द्र का शत्रु ग्रह केतु बैठा हो तो चन्द्र ऋण का ग्रह बन जाता है । इस की पहचान पूजा स्थान के समीप से गंदा पानी बहना तथा जातक विशेष मे शक्ति हीनता का होना है |

उपाय

एकत्रित धन से चान्दी खरीद कर सोमवार के दिन तेज चलते पानी में बहावें ।

मंगल का ऋण

भाव 1 या 8 मंगल के घर हैं उनमें यदि मंगल के शत्रु ग्रह बुध या केतु बैठे हो तो मंगल ऋण ग्रह बन जाता है । इस की पहचान रिश्तेदारों से मिलने से घृणा, उत्सव के अवसर पर भी अलग बैठे रहना, उन्नति के बाद सब कुछ नष्ट हो जाना होता हैं

उपाय

एकत्रित धन से दवा खरीद कर अपने नगर या गांव के बाहर के डाक्टर को देकर आये |

बुध का ऋण

बुध के पक्के घर 3 या 6 में बुध का शत्रु चन्द्र बैठा हो तो बुध ऋण ग्रह बन गया है । इसकी पहचान के रूप मे व्यापार ना चलना तथा बहन बुआ बेटी को तकलीफ़े रहना होता हैं |

उपाय

एकत्रित धन से 101 कन्याओं को हलवा पूरी देकर दक्षिणा देवें और कौड़िया (पीली) खरीदकर उसकी राख बनाकर समुद्र में बहा दें ।

बृहस्पति का ऋण

बृहस्पति के पक्के घर हैं 2, 5, 9, 12 में बृहस्पति के शत्रु ग्रह शुक्र, बुध, राहु बैठे हो तो बृहस्पति ऋण का ग्रह बन जाता है । इसकी पहचान के रूप मे संतान संबंधी परेशानियाँ लगी रहती हैं |

उपाय

एकत्रित धन से ताम्बे के पात्र में दाल-चना, सोना व केसर आदि वीरवार के दिन धर्म स्थान में दान देवें |

शुक्र का ऋण

शुक्र के पक्के घर हैं 2 या 7 यदि इनमें शुक्र के शत्रु ग्रह सूर्य, राहु या केतु बैठे हो तो शुक्र ऋण का ग्रह बन जाता है । स्त्री संबंधी प्रसन्नता के साथ अप्रसन्नता बनी रहना इस की पहचान होती है ।

उपाय

एकत्रित धन से 100 गायों (जो अंगहीन न हो) को चारा डालें या रोटी खिलायें ।

शनि का ऋण

शनि के पक्के घर भाव 10 या 11 है यदि इन घरों में शनि का शत्रु ग्रह सूर्य या चन्द्र बैठा हो तो शनि ऋण का ग्रह बन जाता है । इस की पहचान मकान का द्वार दक्षिण दिशा में होना, हर बात का सिरे चढ कर टूट जाना है ।

उपाय

एकत्रित धन से उड़द की पकौड़िया तेल में तल कर सौ मछियों को खिलायें/100 मजदूरों को खाना खिलायें ।

राहू का ऋण  

राहु का पक्का घर भाव 12 में राह के शत्रु ग्रह शुक्र, मंगल या सूर्य स्थित हो तो राहु ऋण का ग्रह बन जाता है । इस की पहचान सोचा हुआ कार्य न होना, दहलीज के नीचे से गन्दा पानी बहना तथा धन-हानि होना होता है ।

उपाय

कत्रित धन से सबके हिस्से का एक एक नारियल लेकर एक ही देन तेज चलते पानी में बहावें ।

केतु का ऋण

केतु का पक्का घर भाव 6 है यदि भाव 6 में केतु के शत्रु चंद्र या मगंल स्थित हो तो केतु ऋण का ग्रह हो जाता है । इस की पहचान पेशाब या केतू संबंधी रोग जैसा की बहरापन होना होता हैं |

उपाय

तब एकत्रित धन से 100 कुत्तों को रोटी डाले या 100 चूहों को या गधों को बेसन के लडडु खिलायें ।

विशेष :- ऋण उतारने के साथ साथ जातक उन ग्रहों का उपाय भी अवश्य करे जो उस घर में लिखे गये हैं ।

ऋण का ग्रह केवल जन्म कुण्डली के आधार पर ही बनता है वर्ष फल के अनुसार नहीं ।

 

 

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