गुरु ग्रह को जीवकारक पुरुषों के लिए तथा शुक्र ग्रह को जीवकारक स्त्रियों के लिए माना गया है |
यहां यह भी याद
रखें की बुध ग्रह प्रेमी अथवा प्रेमिका के लिए रखा गया है इस कारण जब भी बृहस्पति
पुरुषों की पत्रिका में बुध से त्रिकोण में आता है यह जातक विशेष के विवाहेत्तर
संबंध हो सकते हैं बताता है अगर यह संबंध केतु और बुध के साथ हो तथा दोनों एक
दूसरे से त्रिकोण में हो अथवा शुक्र मंगल राहु एक दूसरे से त्रिकोण में हो अथवा
शुक्र मंगल केतु एक दूसरे से त्रिकोण में हो अथवा बुध केतु मंगल एक दूसरे से
त्रिकोण में होतो जातक विशेष के अवैध संबंध होना यकीनन बताते हैं |
ऐसा ही स्त्री
पत्रिका में शुक्र के त्रिकोण से देखा जा सकता है जिसमें बुध अथवा अन्य ग्रहों का
पूर्व की भांति अध्ययन करना चाहिए |
शनि नैसर्गिक
कर्म कारक जातक विशेष के कर्म के विषय में बताता है | शनि से दशम भाव
तथा शनि से दूसरे भाव का स्वामी जातक विशेष के कार्य क्षेत्र के विषय में बताता है
|
बुध जातक विशेष
की शिक्षा की प्रकृति बताता है बुध यदि राहु के साथ होतो ऐसा जातक मनोविज्ञान की
पढ़ाई करता है यह युति शिक्षा में रुकावट होना भी बताती है |
पुरुष पत्रिका
में जिस राशि में शुक्र होता है उस राशि की दिशा उसकी होने वाली पत्नी की दिशा
बताती है जबकि स्त्री पत्रिका में मंगल जिस राशि में होता है वह उसके होने वाले
पति की राशि दिशा बताती है |
शुक्र की स्थिति
जातक की बहनों के विषय में बताती है,नीच का शुक्र यह बताता है जातक की बहने
दुर्भाग्यशाली हैं और गिनती में कम है |
सूर्य के साथ
जितने ग्रह होते है वह जातक विशेष के पिता के भाई और बहनों की सख्या की जानकारी देते
हैं |
सूर्य की स्थिति
जातक के पिता के विषय मे बताती हैं यदि सूर्य सिंह राशि में होतो यह बताता है कि
जातक का पिता सरकारी अफसर अथवा राजनीति मे हो सकता हैं यदि सूर्य धनु राशि में होतो पिता
आध्यात्मिक प्रकृति का हो सकता है |
गुरु की स्थिति
जातक की कुंडली में उसके रहने के तरीके को बताते हैं यदि गुरु धनु राशि में हो तो
बताता है कि जातक धार्मिक प्रवृति का आस्तिक हैं जो संत की भांति जीवन जी रहा है |
गुरु वृषभ राशि
में हो तो बताता है कि जातक का जन्म धनी परिवार में हुआ है तथा राजकीय जीवन जी रहा
हैं जबकि गुरु तुला राशि में हो तो जातक संवेदनशील होता है,जीवन के भोगों
की ओर अग्रसर रहता है तथा अच्छे सम्पन्न परिवार का है |
मंगल की स्थिति
जातकों के भाई के विषय में जानकारी देती है अच्छे प्रकार का मंगल यह बताता है कि
जातक के भाई अच्छा जीवन जी रहे हैं मंगल के साथ ग्रहों की स्थिति जातक के भाइयों
की संख्या होती है |
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