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शुक्रवार, 30 अप्रैल 2021
सोमवार, 26 अप्रैल 2021
आंग सान सुकी का भविष्य
19/6/1945 12:25 रंगून मे जन्मी आंग सान सू की का कन्या लग्न,मीन नवांश एवं कन्या राशि है यह म्यानमार की लोकप्रिय राजनेत्री व लेखिका है आधुनिक म्यांमार के जनक आंग सान की पुत्री है जिन्होंने 1964 में दिल्ली से स्नातक किया तथा ऑक्सफर्ड यूनिवर्सिटी से 1967 में दर्शन राजनीति और अर्थशास्त्र के विषयों की डिग्री हासिल की 1988 में लंदन से एम फिल किया | 1972 में इतिहासकार माइकल ऐडी से विवाह किया और उनके दो पुत्र हैं दोनों बेटे लंदन में रहते हैं पति का 27 मार्च 1999 में देहांत हो गया था |
सू की ने 1988 में अप राइजिंग आंदोलन
से राष्ट्रीय नेता के रूप में जन्म लिया तथा नेशनल लीग फॉर डेमोक्रेसी पार्टी
स्थापना करी तथा 1990 में संसद की 82 प्रतिशत सीटों पर विजय हासिल करी परंतु सेना
ने उन्हें नजरबंद कर दिया तथा 1990 से 2010 के बीच वह नज़रबंद रही | सन
2010 में इन्होने चुनाव का बहिष्कार
किया जिससे सेना समर्थित पार्टी की जीत हुई |
सन 2012 के उपचुनाव में भारी मतों से
जीत कर स्वयं सांसद बनी,सन 2015 में चुनाव में 86% सीट जीत कर इन्होंने
अपनी सरकार बनाई परंतु ये राष्ट्रपति नहीं बन पाई क्योंकि उनके बच्चे और पति
विदेशी नागरिक हैं तब इन्होने एक नए पद स्टेट काउंसिल ऑफ म्यानमार की स्थापना करी
और उस पद पर बैठी |
इन्होंने दो किताबें भी लिखी है,14
अक्टूबर 1991 को नोबेल पुरस्कार मिला |
सितंबर 2020 से जनवरी 2021 तक बुध मे
शनि मे बुध की दशा थी जिस कारण इन्हे चुनावो मे भरी जीत मिली थी जिस समय तख्तापलट
हुआ उस समय केतु का प्रत्यंतर था जो कि चतुर्थ भाव में होकर सत्ता से हटाने के लिए
उत्तरदाई हो रहा है |
अगस्त 2021 के बाद उनका फिर से अनुकूल
समय आएगा जिसमे इन्हे रिहाई एवं सत्ता में पुनः वापसी दिखाई देती है |
रविवार, 25 अप्रैल 2021
"ज्योतिष की कुछ श्रेष्ठ पुस्तकें"
प्रस्तुत "ज्योतिष की कुछ श्रेष्ठ पुस्तकें" नामक इस पोस्ट मे जानिए कुछ ऐसी पुस्तकों के बारे मे जिनको पढ़कर आप अच्छे ज्योतिषी बन सकते हैं |
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किस माह मे करे गृह प्रवेश
"किस माह मे करे गृह प्रवेश" नामक इस पोस्ट मे हमने यह बताने का प्रयास किया हैं की भारतीय ज्योतिष मे गृह प्रवेश को लेकर क्या क्या जानकारी दी गयी हैं कैसे व किस माह मे गृह प्रवेश किया जाना चाहिए | हमे आशा हैं की इस पोस्ट से हमारे दर्शक बहुत लाभ प्राप्त करेंगे तथा यह भली भांति जान पाएंगे की किन परिस्थितियो मे गृह प्रवेश करना चाहिए |
हमारे भारतीय परिवेश मे गृह प्रवेश तीन प्रकार से किया जाता हैं | 1)सपूर्व गृह प्रवेश 2) द्वंद गृह प्रवेश तथा 3)अपूर्व गृह प्रवेश | किस माह मे गृह प्रवेश करने से क्या फल प्राप्त होता हैं हमने अपने इस वीडियो मे यही बताने का प्रयास किया हैं |रविवार, 18 अप्रैल 2021
प्रश्न कुंडली में विवाह
प्रश्न कुंडली में विवाह
1)विवाह अथवा गठबंधन होगा कि नहीं ?
1)यदि लग्नेश
तथा सप्तमेश एक साथ हो या अनुकूल ताजिक योग बना रहे हो तो विवाह हो जाता है|
2)लग्नेश सातवें
भाव में हो या सप्तमेश लग्न में हो तो विवाह हो जाता है|
3)शुक्र लग्नेश,सप्तमेश
यदि उच्च होकर लग्न या सप्तम भाव में हो या परिवर्तन कर रहे हो तो भी सफल विवाह
होता है|
4)शनि सम भाव
में विवाह होगा तभी विवाह होगा विषम भाव में आने पर नहीं |
1)चंद्र दूसरे,तीसरे,छठे,सातवें,10वे,11वे
भाव में गुरु द्वारा दृष्ट हो |
2)सम भाव में
शनि (प्रेमी या भोगवादी प्रवृति द्वारा स्त्री की प्राप्ति) हो यह बताता है |
3)विषम भाव में
शनि जब स्वराशि अथवा मूल त्रिकोण में होकर लग्न या सप्तम भाव में हो|
4)सप्तम भाव में
लग्नेश या चंद्र या लग्न में सप्तमेश हो |
5)सप्तमेश संग
लग्नेश और चंद्र का इथसाल हो |
6)बलवान चंद्र
और शुक्र सम राशि या समा नवांश में होकर लग्न देख रहे हो |
7)लग्न में
स्त्री द्रेष्कोण हो|
8)लग्न में
3,6,7,11 राशि और लग्न या सप्तम भाव में चंद्र या शुक्र हो |
देरी से विवाह के योग
1)अष्टम
भाव/अष्टमेश का संबंध भाव सप्तम भाव/सप्तमेश से हो |
2)शनि का लग्न या
सप्तम भाव से संबंध हो|
रिश्ते की बातचीत किसे करनी चाहिए -
जिस भाव के स्वामी अथवा कारक द्वारा संकेतिक कोई भी संबंध जिसका दितीयेश से संबंध
हो उसे बातचीत करनी चाहिए|
माता-पिता जीवित नहीं है |
1)सूर्य या
चंद्र नीच होकर लग्न या आरुण लग्न या इनसे सप्तम भाव को ना देखते हो |
2)बुध सूर्य के
पीछे शनि द्वारा दृष्ट हो जैसे अष्टम में सूर्य सप्तम में बुध हो |
संबंध के बाद बाधा होने के योग
1)सातवें भाव
में स्वराशि अथवा उच्च राशि का मंगल विवाह से पूर्व लड़की की मृत्यु दर्शाता है |
2)अष्टमेष सप्तम
भाव में सप्तमेश या शुक्र संग हो |
3)षष्ठेश सप्तम
भाव में सप्तमेश या शुक्र संग हो |
विवाह उपरांत समृद्धि|
1)सप्तमेश और
शुक्र 3,6,10,11 भावो में हो |
2)सप्तमेश का
संबंध ग्यारहवें भाव अथवा 11वीं भाव के स्वामी या दूसरे भाव या दूसरे भाव के
स्वामी से हो|
रूप रंग (सुंदर एवं सुसंस्कृत)
1)सप्तम भाव में
शुभ ग्रह अथवा शुभ राशि हो |
2)शुक्र व चंद
सम राशि या सम नवांश मे हो|
चरित्र - दोनों का चरित्र इस प्रकार
देखा जा सकता है |
1)पवित्र एवं
अक्षत - स्थिर राशि में लग्न,लग्नेश व चंद्रमा हो |
2)अपवित्र - चर
राशि में लग्न,लग्नेश व चंद्र हो |
3)पवित्र नहीं
दोष उपेक्षित है - चर राशि में लग्न,द्विस्वभाव राशि
मे चन्द्र हो|
4)आनंद हेतु
गुप्त संबंध - चन्द्र मगल स्थिर या
द्विस्वभाव राशि मे हो |
5)खुलेआम संबंध-
चन्द्र मंगल चर राशि मे हो |
6)खुलेआम आनंद -
लग्न में शनि और चंद्र हो |
7)व्यभिचार के
योग-1)केंद्र में मंगल शनि तथा वृश्चिक राशि/वृश्चिक द्रेष्कोण में शुक्र,चंद्र
से दृष्ट हो|
2)पंचम भाव में
नीच पाप ग्रह दूसरे पाप ग्रह से देखा जा रहा हो|
3)लग्न में
सूर्य हो |
4)6,7,11 सभी
भावो पर पाप ग्रह हो|
मिलाप अथवा मिलन (संबंध)
1)लग्न में शुभ
ग्रह प्रेमवश यौन संबंध |
2)चंद्र पाप
ग्रहो के संग - पुरुष ने संबंध बनाये |
3)सूर्य शुभ
ग्रहों के संग - स्त्री ने संबंध बनाए होते हैं|
प्रेम विवाह
1)3,6,7,10,11
भावो में शुभ राशि में चंद्र हो तथा सूर्य/बुध/गुरु द्वारा देखा जा रहा हो |
2)लग्नेश तथा
द्वादशेष में परिवर्तन हो |
3)लग्नेश व
सप्तमेश में परिवर्तन हो |
4)शुक्र व चंद्र
उच्च या स्वराशि में हो |
5) पंचमेश व
सप्तमेश का किसी भी प्रकार से संबंध हो |
6) पंचमेंश तथा
सप्तमेश का किसी भी प्रकार से संबंध सप्तम भाव या सप्तमेश से हो |
पति पत्नी के बीच प्रेम
1)लग्नेश का
सप्तमेश से इथसाल हो |
2)लग्नेश व
सप्तमेश मित्र व अनुकूल ताजिक दृष्टि में हो |
3)पत्नीकारक
शुक्र व पतिकारक गुरु या सूर्य बलवान हो |
4) लग्नेश व
सप्तमेश का षडाष्टक या द्विद्वादश संबंध नहीं होना चाहिए|
जीवनसाथी की मृत्यु
1)शुक्र से
अष्टम भाव में क्रूर ग्रह (मंगल शनि) हो तो दुर्घटना द्वारा |
2)शुक्र से
अष्टम भाव में (शनि राहु) हो तो अस्वाभाविक आकस्मिक मृत्यु|
3)शुक्र 1,5,8,9
राशि में मंगल या सूर्य द्वारा दृष्ट हो तो अग्नि से मृत्यु |
4)शुक्र जलीय
राशि में और उससे अष्टम में पाप ग्रह हो तो डूबने से मृत्यु होती है|
वैधव्य योग
1)लग्न,छठे,आठवें
भाव में चंद्र,सातवें भाव में क्रूर ग्रह =8 वर्षों मे
2)पीड़ित
सप्तमेश,लग्न,छठे,नवे,बारहवें
भाव में पाप प्रभाव में हो तो पहली पत्नी मर जाती है |
3)कमजोर सप्तम
भाव क्रूर ग्रह के प्रभाव में हो |
4)सप्तमेश या
शुक्र नीच अस्त या क्रूर ग्रह द्वारा देखा जा रहा हो |
5)लग्न या अष्टम
भाव में पीड़ित शुक्र/बुध हो या सप्तम/एकादश भाव में बुध/शुक्र पीड़ित हो|
दंपति की मृत्यु|
1)चंद्र से छठे
या आठवें मंगल हो|
2)6ठे या 8वे
भाव चंद्रमा क्रूर ग्रह द्वारा दृष्ट हो |
3)लग्न,सप्तम,अष्टम
में क्रूर ग्रहों से दृष्ट होकर नीच क्रूर ग्रह बैठे हो |
4)लग्न या सप्तम
भाव में चंद्र मंगल हो या लग्न में चंद्र,सप्तम में मंगल
हो|
विवाद
1)मंगल,चंद्र,लग्न,पंचम
सप्तम नवम में हो |
2)गुरु उच्च का
हो |
3)शुक्र से
सप्तम में शनि हो तो विवाद होता है|
अलगाव - पृथकतावादी ग्रहों का सप्तम
भाव,सप्तमेश व शुक्र पर प्रभाव अलगाव देता
है |
1)सप्तम भाव मे
सूर्य हो|
2)सप्तमेश/द्वादशेश
राहु केतु अक्ष पर हो |
3)लग्न-सातवें
भाव में राहु केतु और 12वे भाव मे सप्तमेश तथा सप्तमेश द्वादशा भाव मे हो
तलाक
1)शुक्र शनि
6/12 या 2/8 अक्ष में राहु केतु संग हो |
2)सप्तम भाव में
शुक्र,चंद्र पीड़ित हो |
3)सप्तम भाव में
क्रूर ग्रह,शुक्र या सप्तमेश कमजोर हो |
4)सप्तम भाव में
पाप ग्रह,सप्तमेश द्वादशेश की युति या परिवर्तन हो |
5)लग्नेश और
सप्तमेश मंगल संग शत्रु द्वारा दृष्ट हो या राहु केतु अक्ष में हो |
5)आठवे व छठे
भाव का संबंध हो तो मार पिटाई अथवा कष्ट कारक तलाक होता है सिर्फ आठवां भाव पीड़ित
हो तो कष्ट कारण बनते हैं परंतु अलग नहीं होते |
मनमुटाव द्वारा हत्या/आत्महत्या |
1)शुक्र से चौथे
और आठवे भाव में क्रूर ग्रह हो तो आत्महत्या |
2)पीड़ित लग्नेश
अथवा सप्तमेश,अष्टम भाव में हो तथा लग्न क्रूर ग्रह से
पीड़ित हो तो आत्महत्या |
3)सप्तम भाव में
तीन क्रूर ग्रह जीवन साथी की हत्या कराते हैं|
कुछ उदाहरण
1)3/4/94 3:30
दिल्ली सिंह लग्न,विवाह के दिन क्या हुआ |
विवाह के दिन
पिता गुजरे |लग्नेश सूर्य बुध नक्षत्र में सातवें भाव में
है अतः विवाह का प्रश्न है |
2)18/10/1966
8:52 दिल्ली वृष लग्न विवाह कब एवं पत्नी कैसी मिलेगी ?
एक वर्ष से पहले
विवाह होता नहीं दिख रहा है,सप्तमेश नीच है अतः लड़की ज्यादा
अनुरूप नहीं होगी |
3)30/4/1995
9:55 दिल्ली मिथुन लग्न 30 वर्षीय लड़की व्यवसाय कारण(धन)विवाह नहीं करना चाहती
व्ययभिचारी भी है (चंद्र) शीघ्र विवाह नहीं दिखता है |
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4)22/12/1994
10:10 दिल्ली मकर लग्न,छोटी बहन का विवाह (परवर्ती सुख) शीघ्र
विवाह हुआ,पत्नी धन के लिए पति के सैयासुख का विरोध करती
है परंतु तलाक की संभावना नहीं दिखती |
शुक्रवार, 16 अप्रैल 2021
प्रश्न कुंडली मे चोरी
1)लग्न प्रश्न
करने वाला अथवा प्रश्नकर्ता का प्रतिनिधि है |
2)चंद्रमा खोए
हुए अथवा गायब समान का प्रतिनिधि है |
3)चतुर्थ भाव
हुए सामान और उसकी पुनः: प्राप्ति का प्रतिनिधि है |
4)सप्तम भाव चोर
का प्रतिनिधि है जबकि अष्टम भाव चोर द्वारा जमा धन का प्रतिनिधि है |
5)दशम भाव पुलिस
या सरकार का प्रतिनिधित्व करता है |
चोरी की प्रक्रिया
1)मंगल सप्तम
भाव में स्थित हो या सप्तमेश से चंद्र की युति या दृष्टि होतो चोरी ताला तोड़कर या
ताक़त का इस्तेमाल कर की गई है |
2)सप्तम भाव में
शुक्र और चंद्र होतो ताला अतिरिक्त चाबी से खोला गया है |
3)अ)निर्बल
चंद्र की लग्नेश से युति हो और सप्तमेश बनी हो या
आ)सप्तमेश सूर्य
से अष्टम भाव में स्थित हो या
इ)बली चंद्र की
अशुभ ग्रह से युति हो और लग्नेश की सप्तम भाव पर दृष्टि ना हो या
ई)लग्नेश की
अशुभ ग्रहों से युति हो और सप्तमेश पर दृष्टि हो | द्वितीयेश चंद्र
और सूर्य बली होतो चोरी खुलेआम जान पहचान के लोगों के सामने की गई है |
चोरी गयी
वस्तु कैसी हैं - मूल्यवान या साधारण वस्तु है |
1)नवमांश लग्न
बली हो तो खोई वस्तु मूल्यवान होती है |
2)नवमांश लग्न
सामान्य बली होतो खोई वस्तु साधारण होती है |
3)नवमांश लग्नेश
नीच राशि मे होतो खोई वस्तु घिसी हुई या पुरानी होती है |
चोर ने क्या चोरी किया है - इसका ज्ञान
चंद्रमा अथवा नवांश से होता है |
1) चंद्र प्रथम
नवांश में हो,वर्गोत्तम हो या मेष नवांश मे होतो खोई वस्तु
सोने या चांदी की है |
2) चंद्र दूसरे
नवांश में हो वर्गोत्तम हो या वृष नवांश में होतो खोई वस्तु आभूषण या बर्तन है |
चंद्र पर मंगल की दृष्टि हो तो वस्तु लोहे की बनी है| तीव्र
गति ग्रह की दृष्टि हो तो वस्तु घिसी हुई या पुरानी है |
3) चंद्रमा
तीसरे नवांश में हो वर्गोत्तम हो या मिथुन नवांश में हो दस्तावेज अथवा नकदी रुपए
चोरी हुए हैं|
4)चंद्रमा चौथे
नवांश में हो,वर्गोत्तम हो या कर्क नवांश में हो तो वस्तु
सोने की है|
5)चंद्रमा सिंह
में या पंचम नवांश में वर्गोत्तम हो तो वस्तु चांदी की है,अगर
सूर्य की दृष्टि है तो वस्तु सोने की बनी है|
6)चंद्रमा कन्या
में हो या छठे नवमांश में या वर्गोत्तम हो तो वस्तु कांच,लोहे
आदि से बनी है,यदि बुध की दृष्टि होतो सामान पत्थर का है,शुक्र
की दृष्टि होतो वस्तु कपड़े की बनी है|
7)चंद्रमा तुला
में हो या सातवें नवांश में हो,वर्गोत्तम होतो वस्तु दस्तावेज होती है
| अगर शुक्र की दृष्टि हो तो सुगंधित पदार्थ या कपड़े हो|
8)चन्द्र
वृश्चिक मे हो वृश्चिक नवमांश में वर्गोत्तम हो,मंगल की दृष्टि
होतो वस्तु सोने या चांदी की या व्यापारिक दस्तावेज होंगे|
9)चन्द्र धनु
नवांश मे हो या वर्गोत्तम हो या बृहस्पति की दृष्टि मे होतो खोई वस्तु आभूषण या
वस्त्र या घरेलू सामान होगी|
10)चंद्रमा मकर
में हो या मकर में वर्गोत्तम होतो खोई वस्तु आभूषण या नकदी होती है अगर बृहस्पति
की दृष्टि हो तो सोने से बनी हुई अथवा नगद रुपए भी हो सकती है|
11)चंद्रमा कुंभ
मे हो या कुंभ में वर्गोत्तम होतो खोई वस्तु सिक्के,नोट अर्थात नकदी
या आभूषण होती है सूर्य की दृष्टि होतो नगदी भी चोरी हो सकती है|
12) चन्द्र मीन
नवांश मे हो,वर्गोत्तम होतो खोई वस्तु काँच आदि की बनी हो
सकती है | चंद्रमा पर बृहस्पति की दृष्टि रत्न आभूषण अथवा
बर्तन चोरी होते हैं |
चोर कौन है ?
1)लग्न में चर
राशि हो या नवांश लग्न वर्गोत्तम होकर चर राशि में हो तो चोर घर से बाहर का
व्यक्ति है और वस्तु घर से दूर जा चुकी है |
2)लग्न में
स्थिर राशि हो या नवांश लग्न स्थिर वर्गोत्तम हो तो चोर कोई रिश्तेदार या मित्र
होता है तथा खोई वस्तु घर के नजदीक ही होती है |
3)लग्न या नवांश
लग्न या वर्गोत्तम द्विस्वभाव राशि में हो तो चोर पड़ोसी होता है और खोई वस्तु
किसी स्थान पर सुरक्षित रखी होती है |
4) चन्द्र की
सप्तम भाव में स्थित शुक्र पर दृष्टि हो तो चोर ने हाल में ही चोरी करना शुरू किया
है |
5) सप्तमेश शनि
पर अथवा सप्तम भाव में स्थित शनि पर चंद्र की दृष्टि होतो चोर अभिमानी होता है |
6) लग्न और
चंद्र पर शनि की दृष्टि हो तो चोर अभिमानी होता है |
7)सप्तम में
स्थित बूथ पर शनि की दृष्टि हो तो भी चोर अभिमानी होता है |
8)सप्तम में
स्थित शनि पर बृहस्पति की दृष्टि होतो चोर जाना पहचाना व्यक्ति होता है |
9)सप्तमेश पर
अशुभ ग्रह की दृष्टि होतो चोर पक्का होता है |
10)सप्तमेश पर
मंगल की दृष्टि होतो चोर पुलिस लेखा में उपलब्ध पुराना अपराधी होता है |
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11)ऊंच का,स्वक्षेत्री
या बलि ग्रह 1,7 या 10 भाव में स्थित होतो उस ग्रह से मेल
खाने वाले व्यक्ति ने चोर की सहायता की है |
सोमवार, 12 अप्रैल 2021
शनिवार, 10 अप्रैल 2021
प्रश्न कुंडली व जन्म कुंडली का एक समान फल
प्रश्न कुंडली व जन्म कुंडली का एक समान फल
प्रस्तुत प्रश्न लाइव क्लास मे हमने एक ऐसी प्रश्न कुंडली के राज को बताया हैं जो जातिका की कुंडली से बिलकुल मेल खाता हैं | अक्सर प्रश्न कुंडली के सिद्दांत मे यह देखने मे आता हैं की प्रश्न मे जो नज़र आता हैं ठीक वैसा ही जन्म कुंडली मे होता हैं |हमारे दर्शक इस उदाहरण से ऐसा अनुभव कर पाएंगे परंतु इसके लिए उन्हे पूरी वीडियो पोस्ट को देखना पड़ेगा |
https://youtu.be/8MArH7HFNMU?sub_confirmation=1
गुरुवार, 8 अप्रैल 2021
एफिलेट मार्केटिंग शुरू करने के 3 तरीके |
एफिलेट मार्केटिंग शुरू करने के 3 तरीके |
इंटरनेट की
सहायता से, आप अपनी उंगलियों पर लगभग सब कुछ कर सकते हैं
बस कुछ क्लिकों के साथ आपको हजारों लाखों का किसी भी क्षेत्र की जानकारी व डेटा आपको आसानी से मिल सकता हैं ।
जैसे-जैसे साल बीतते जा रहे हैं, इंटरनेट वाणिज्य सहित मानव प्रयासों के
कई पहलुओं में आमूल-चूल बदलावों को प्रभावित कर रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि
सूचना की जगह, जिसे आमतौर पर "वर्ल्ड वाइड वेब" के
रूप में जाना जाता है, रोज़ाना एक लाख से अधिक पृष्ठों तक
बढ़ती है क्योंकि अधिक से अधिक लोग इंटरनेट का उपयोग सूचना, शिक्षा,
मनोरंजन, व्यवसाय और अन्य व्यक्तिगत कारणों से
करते हैं । हाल के वर्षों में इंटरनेट की तेजी से बढ़ती लोकप्रियता निश्चित रूप से
व्यवसाय के लिए एक अवसर है जिसे कोई भी उद्यमी क्यूँ याद नहीं रखना चाहेगा।
आप सोच रहे
होंगे कि केवल व्यवसायी ही इंटरनेट से ज्यादा पैसा कमा सकते हैं तो आप सही नहीं हैं ?
अगर आप के पास बेचने हेतु हाई-प्रोफाइल
और स्थापित कंपनी के उत्पाद नहीं हैं, तो भी आप
इंटरनेट के माध्यम से मोटी कमाई कर सकते हैं । कैसे? यह सहबद्ध विपणन
के माध्यम से है सर्फिंग करते समय आप नेट
पर इन शब्दों के पार आ गए होंगे । संबद्ध विपणन एक व्यापारी और एक संबद्ध के बीच
एक राजस्व साझाकरण है जो व्यापारियों के उत्पादों और सेवाओं का उल्लेख करने या
उन्हें बढ़ावा देने के लिए भुगतान किया जाता है । यह आजकल के उद्योगों में से एक
है क्योंकि यह व्यापारी और संबद्ध और सहबद्ध कार्यक्रम में अन्य खिलाड़ियों जैसे
कि सहबद्ध नेटवर्क या संबद्ध समाधान प्रदाता के लिए महान लाभ प्राप्त करने के लिए
लागत-कुशल और मात्रात्मक साधन साबित होता है।
सहबद्ध विपणन
प्रभावी रूप से व्यापारी और संबद्ध के लिए काम करता है। सबसे पहले, वह
अपने उत्पादों को बड़े बाजार में विज्ञापित करने के अवसर प्राप्त करता है, जिससे
उसकी कमाई की संभावना बढ़ जाती है। अधिक सहबद्ध वेबसाइटों या कड़ी मेहनत वाले
सहयोगियों को वह मिलता है, जितनी अधिक बिक्री वह उम्मीद कर सकता
है। अपने उत्पादों और सेवाओं को बाजार में लाने के लिए, वह
संभावित बाजारों और ग्राहकों की तलाश में खुद को समय, प्रयास
और पैसा बचा रहा है। जब कोई ग्राहक संबद्ध वेबसाइट में लिंक पर क्लिक करता है,
तो उत्पाद खरीदता है, इसे दूसरों को सुझाता है जो समान आइटम
की तलाश करते हैं या इसे फिर से खरीदते हैं, व्यापारी अपनी
कमाई की संभावना को कई गुना बढ़ा देता है। दूसरी ओर, सहबद्ध
बाज़ारिया प्रत्येक ग्राहक से लाभान्वित होता है जो अपनी वेबसाइट में लिंक पर
क्लिक करता है और जो वास्तव में व्यापारी द्वारा प्रदान की गई सेवा के उत्पाद या
ईमेल खरीदता है। ज्यादातर मामलों में, सहबद्ध को प्रति
बिक्री के लिए कमीशन मिलता है, जो निश्चित प्रतिशत या निश्चित राशि हो
सकती है।
यदि आप एक
सहबद्ध बाज़ारिया बनना चाहते हैं और इंटरनेट से भाग्य बनाना चाहते हैं, तो
आप एक प्रभावी सहबद्ध विपणन कार्यक्रम शुरू करने के लिए निम्नलिखित तीन सबसे बुनियादी
और आसान तरीकों का अनुसरण कर सकते हैं ।
सबसे पहले आपको एक विशेष चीज की
पहचान करना है जिसमे आप
रुचि रखते हैं या इसके बारे में जानते
हैं, एक विशिष्ट क्षेत्र पर ध्यान केंद्रित करना जिसे
आप अच्छी तरह जानते हैं, आपको बहुत जोखिम और प्रयास के बिना
अपना सर्वश्रेष्ठ लाने में मदद करेगा। आप अपनी साइट पर एक व्यक्तिगत लिंक जोड़ सकते हैं
और अपने आगंतुकों को दे सकते हैं जो संभावित खरीदारों को एक धारणा है कि आप अपने
क्षेत्र के विशेषज्ञ हैं। इस तरह, आप उनका विश्वास हासिल करते हैं और
अंततः उन्हें उन उत्पादों को खरीदने के लिए प्रोत्साहित करते हैं जिन्हें आप
समर्थन करते हैं। अगला है अच्छे भुगतान वाले व्यापारियों और आपकी रुचि से संबंधित
उत्पादों या सेवाओं की तलाश करना और अब एक वेबसाइट बनाना। उत्पादों को चुनने में,
आपको इसकी रूपांतरण दर पर भी विचार करना चाहिए |