1)लग्न प्रश्न
करने वाला अथवा प्रश्नकर्ता का प्रतिनिधि है |
2)चंद्रमा खोए
हुए अथवा गायब समान का प्रतिनिधि है |
3)चतुर्थ भाव
हुए सामान और उसकी पुनः: प्राप्ति का प्रतिनिधि है |
4)सप्तम भाव चोर
का प्रतिनिधि है जबकि अष्टम भाव चोर द्वारा जमा धन का प्रतिनिधि है |
5)दशम भाव पुलिस
या सरकार का प्रतिनिधित्व करता है |
चोरी की प्रक्रिया
1)मंगल सप्तम
भाव में स्थित हो या सप्तमेश से चंद्र की युति या दृष्टि होतो चोरी ताला तोड़कर या
ताक़त का इस्तेमाल कर की गई है |
2)सप्तम भाव में
शुक्र और चंद्र होतो ताला अतिरिक्त चाबी से खोला गया है |
3)अ)निर्बल
चंद्र की लग्नेश से युति हो और सप्तमेश बनी हो या
आ)सप्तमेश सूर्य
से अष्टम भाव में स्थित हो या
इ)बली चंद्र की
अशुभ ग्रह से युति हो और लग्नेश की सप्तम भाव पर दृष्टि ना हो या
ई)लग्नेश की
अशुभ ग्रहों से युति हो और सप्तमेश पर दृष्टि हो | द्वितीयेश चंद्र
और सूर्य बली होतो चोरी खुलेआम जान पहचान के लोगों के सामने की गई है |
चोरी गयी
वस्तु कैसी हैं - मूल्यवान या साधारण वस्तु है |
1)नवमांश लग्न
बली हो तो खोई वस्तु मूल्यवान होती है |
2)नवमांश लग्न
सामान्य बली होतो खोई वस्तु साधारण होती है |
3)नवमांश लग्नेश
नीच राशि मे होतो खोई वस्तु घिसी हुई या पुरानी होती है |
चोर ने क्या चोरी किया है - इसका ज्ञान
चंद्रमा अथवा नवांश से होता है |
1) चंद्र प्रथम
नवांश में हो,वर्गोत्तम हो या मेष नवांश मे होतो खोई वस्तु
सोने या चांदी की है |
2) चंद्र दूसरे
नवांश में हो वर्गोत्तम हो या वृष नवांश में होतो खोई वस्तु आभूषण या बर्तन है |
चंद्र पर मंगल की दृष्टि हो तो वस्तु लोहे की बनी है| तीव्र
गति ग्रह की दृष्टि हो तो वस्तु घिसी हुई या पुरानी है |
3) चंद्रमा
तीसरे नवांश में हो वर्गोत्तम हो या मिथुन नवांश में हो दस्तावेज अथवा नकदी रुपए
चोरी हुए हैं|
4)चंद्रमा चौथे
नवांश में हो,वर्गोत्तम हो या कर्क नवांश में हो तो वस्तु
सोने की है|
5)चंद्रमा सिंह
में या पंचम नवांश में वर्गोत्तम हो तो वस्तु चांदी की है,अगर
सूर्य की दृष्टि है तो वस्तु सोने की बनी है|
6)चंद्रमा कन्या
में हो या छठे नवमांश में या वर्गोत्तम हो तो वस्तु कांच,लोहे
आदि से बनी है,यदि बुध की दृष्टि होतो सामान पत्थर का है,शुक्र
की दृष्टि होतो वस्तु कपड़े की बनी है|
7)चंद्रमा तुला
में हो या सातवें नवांश में हो,वर्गोत्तम होतो वस्तु दस्तावेज होती है
| अगर शुक्र की दृष्टि हो तो सुगंधित पदार्थ या कपड़े हो|
8)चन्द्र
वृश्चिक मे हो वृश्चिक नवमांश में वर्गोत्तम हो,मंगल की दृष्टि
होतो वस्तु सोने या चांदी की या व्यापारिक दस्तावेज होंगे|
9)चन्द्र धनु
नवांश मे हो या वर्गोत्तम हो या बृहस्पति की दृष्टि मे होतो खोई वस्तु आभूषण या
वस्त्र या घरेलू सामान होगी|
10)चंद्रमा मकर
में हो या मकर में वर्गोत्तम होतो खोई वस्तु आभूषण या नकदी होती है अगर बृहस्पति
की दृष्टि हो तो सोने से बनी हुई अथवा नगद रुपए भी हो सकती है|
11)चंद्रमा कुंभ
मे हो या कुंभ में वर्गोत्तम होतो खोई वस्तु सिक्के,नोट अर्थात नकदी
या आभूषण होती है सूर्य की दृष्टि होतो नगदी भी चोरी हो सकती है|
12) चन्द्र मीन
नवांश मे हो,वर्गोत्तम होतो खोई वस्तु काँच आदि की बनी हो
सकती है | चंद्रमा पर बृहस्पति की दृष्टि रत्न आभूषण अथवा
बर्तन चोरी होते हैं |
चोर कौन है ?
1)लग्न में चर
राशि हो या नवांश लग्न वर्गोत्तम होकर चर राशि में हो तो चोर घर से बाहर का
व्यक्ति है और वस्तु घर से दूर जा चुकी है |
2)लग्न में
स्थिर राशि हो या नवांश लग्न स्थिर वर्गोत्तम हो तो चोर कोई रिश्तेदार या मित्र
होता है तथा खोई वस्तु घर के नजदीक ही होती है |
3)लग्न या नवांश
लग्न या वर्गोत्तम द्विस्वभाव राशि में हो तो चोर पड़ोसी होता है और खोई वस्तु
किसी स्थान पर सुरक्षित रखी होती है |
4) चन्द्र की
सप्तम भाव में स्थित शुक्र पर दृष्टि हो तो चोर ने हाल में ही चोरी करना शुरू किया
है |
5) सप्तमेश शनि
पर अथवा सप्तम भाव में स्थित शनि पर चंद्र की दृष्टि होतो चोर अभिमानी होता है |
6) लग्न और
चंद्र पर शनि की दृष्टि हो तो चोर अभिमानी होता है |
7)सप्तम में
स्थित बूथ पर शनि की दृष्टि हो तो भी चोर अभिमानी होता है |
8)सप्तम में
स्थित शनि पर बृहस्पति की दृष्टि होतो चोर जाना पहचाना व्यक्ति होता है |
9)सप्तमेश पर
अशुभ ग्रह की दृष्टि होतो चोर पक्का होता है |
10)सप्तमेश पर
मंगल की दृष्टि होतो चोर पुलिस लेखा में उपलब्ध पुराना अपराधी होता है |
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11)ऊंच का,स्वक्षेत्री
या बलि ग्रह 1,7 या 10 भाव में स्थित होतो उस ग्रह से मेल
खाने वाले व्यक्ति ने चोर की सहायता की है |
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