रविवार, 17 मार्च 2019

राशि अनुसार राहू केतू का प्रभाव .....3

7)तुला राशि इस राशि से राहु का नवां व केतू का तृतीय गोचर होगा | इस राहू के दसवें भाव से नवे भाव में जाने से कार्य क्षेत्र में आ रही परेशानियों का हल हो जाएगा तथा कार्य की अधिकता बढ़ जाएगी,अभिभावकों से दूरी हो सकती है अथवा आपको कहीं दूसरे स्थान विदेश इत्यादि जाना पड़ सकता है,जो विदेश से संबंधित पढ़ाई-लिखाई करना चाह रहे हैं उनको जाने के अवसर प्राप्त हो सकते हैं | नवे भाव में वायु तत्व राशि में राहु का जाना रक्त संबंधी परेशानियां खड़ा कर सकता है पिता से संपत्ति संबंधित विवाद हो सकते हैं भाग्य से आपको परेशानियां मिल सकती हैं परंतु गुरु और शनि का प्रभाव आपको रक्षा भी प्रदान करेगा,माता को सेहत संबंधी  परेशानियां हो सकती हैं

दो पाप ग्रहों का तीसरे भाव से गुजरना आपके साहस को रुकावट प्रदान करेगा भाई बहनों से लड़ाई झगड़े करवा सकता है,नया मकान प्राप्त करने में सहयोग दे सकता है |

विद्यार्थी वर्ग हेतु राहु का नवम भाव में जाना कुछ दिनों के लिए शिक्षा संबंधी परेशानीया दे सकता है | स्त्री जातकों को सेहत का लाभ होगा तथा विवाह आदि के अवसर मिल सकते हैं,नए स्थान में जाना अथवा नया वाहन प्राप्त करने के योग्य भी बन रहे हैं |

उपाय के तौर पर गौशाला में हरा चारा देना,भाई बहनों से अच्छे संबंध बनाकर चलना अच्छा रहेगा तथा  काजल का इस्तेमाल बिल्कुल ना करना शुभ रहेगा |

8)वृश्चिक राशि - इस राशि से राहु का गोचर अष्टम भाव में तथा केतु का गोचर दूसरे भाव में होगा आठवां भाव दुख,तकलीफ,डिप्रेशन,मृत्यु तथा रुकावटो से संबंधित होता है | जब राहु आठवें भाव में जाता है तो इन सभी कारकत्वों को प्रभावित करता है ऐसे मे जातक को नकारात्मक प्रभाव मिलते हैं क्योंकि आठवां भाव जातक के पेट के निचले हिस्से के विषय में बताता है तो जातक को किसी भी तरह की कोई न कोई परेशानी हो सकती है,मिथुन क्योंकि वायु तत्व की राशि है जिसे राहु रोक लेता है ऐसे में जातक को सांस लेने की दिक्कत हो सकती है अतः जातक को तनाव से बचना चाहिए,कोई भी कार्य करने से पहले 2 बार सोचना चाहिए,बहुत से फल फ्रूट व द्रव्य पदार्थों का सेवन जातक विशेष को मूत्र संबंधी विकारों से बचा सकता है,किसी भी प्रकार की हानी से बचने के लिए जल्दबाजी कदापि ना करें,शेयर मार्केट में धन इत्यादि का निवेश कदापि ना करें,किसी को धन दिया तो वापस नहीं आएगा,कर्ज़ इत्यादि देने से पहले कई बार सोचें,जब अष्टम भाव में राहू होगा तथा दूसरे भाव में शनि केतु का प्रभाव होगा तो जातक विशेष को सरकार से दंड मिलने के योग बनेंगे तथा आर्थिक हानि भी होगी,आंखों में और गले में दिक्कत हो सकती है जो की लंबी चल सकती है अतः सावधानी रहना ठीक रहेगा |

विद्यार्थी वर्ग के लिए राहु का अष्टम भाव में जाना उन्हें गलत संगत में भेज सकता है जिससे उन्हें शिक्षा में परेशानी अथवा हानी हो सकती है | स्त्री जातकों को शारीरिक कष्ट मिलने के योग हैं पेट अथवा युटेरस से संबंधित बीमारी हो सकती है |

उपाय के तौर पर गणेश जी का मंत्र तथा हवन करना तथा घर की छत को पूरी तरह से साफ सुथरा रखना राहु के अशुभ प्रभाव से बचाएगा |


9)धनु राशि इस राशि से राहू का सप्तम भाव से तथा केतू का प्रथम अथवा लग्न भाव से गोचर होगा राहू के सप्तम होने के कारण बिजनेस में अथवा जीवनसाथी से तनाव हो सकता है यह राहु नए प्रेम प्रसंग करवा सकते हैं,जीवनसाथी से तनाव अथवा अलगाव की स्थिति बन सकती है,पेट के आसपास  परेशानियां हो सकती हैं,यदि दशा पर अंतर्दशा भी खराब हो तो शल्य चिकित्सा भी करवानी पड़ सकती है जोड़ों में दर्द होने के कारण परेशानियां आ सकती हैं जिससे इनके जीवन साथी को बहुत सारा तनाव अथवा परेशानी हो सकती है,जब इस राहु के साथ अन्य ग्रह भी जुड़ेंगे तो अब आपस में और भी परेशानी के योग बनेंगे और तनाव बढ़ता ही जाएगा,बच्चों के कारण भी तनाव बनेंगे |

शनि केतु के लग्न में होने से वाणी संबंधी विकार होंगे तथा बिना सोचे समझे काम करने की प्रवृत्ति बनेगी,तीसरे भाव का स्वामी जब केतु के साथ लग्न में होगा तो भाई बहनों से भी कोई ना कोई तनाव हो सकता है जिससे आपकी सामाजिक प्रतिष्ठा को ठेस पहुंच सकती है |

विद्यार्थी वर्ग के लिए यह समय अच्छा नहीं होगा,विदेशों में पढ़ाई महंगी हो जाएगी किसी भी विषय की पढ़ाई की पूर्ण जानकारी कर ही आगे की कार्रवाई करें | स्त्री जातकों को स्वास्थ्य की परेशानी हो सकती हैं जिसमे हाइपरटेंशन अथवा वर्तिगों की समस्या हो सकती है,सप्तम भाव का राहु जीवनसाथी को प्रभाव मे ले लेगा अत: विवाह करने से पहले जांच पड़ताल करके ही विवाह करें |


उपाय के तौर पर केसर और हल्दी के साथ साड़ी का दान शुक्रवार के दिन देना आपसे संबंधों को मजबूत बनाएगा था स्नान के बाद गणपति स्रोत को पढ़ना लाभदायक होगा |

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