शुक्रवार, 8 जून 2018

गोचर मे ग्रह कब कैसे फल देता हैं |


सूर्य-मंगल जब भी किसी राशि में प्रवेश करते हैं तो शून्य से 10 डिग्री में अपना फल देते हैं

गुरु-शुक्र जब भी किसी राशि में प्रवेश करते हैं तो 10 से 20 डिग्री में अपना फल देते हैं |

चंद्र-शनि जब भी किसी राशि में प्रवेश करते हैं तो 20 से 30 डिग्री में अपना फल देते हैं |

बुध-राहु-केतु जब भी किसी राशि में प्रवेश करते हैं तुरंत ही अपना फल दे देते हैं |

शनि (वक्री) 0 से 10 डिग्री में हो तो फल देता है फिर 20 से 30 डिग्री में अपने फल देता है |

मंगल (वक्री) 20 से 30 अंशों में अपने फल देता है |

शनि का स्वयं से गोचर हमेशा बुरा फल देता है |

केतु अपने से दूसरे,गुरु अपने से तीसरे,बुअपने से चौथे,सूर्य अपने से पाँचवे,शुक्र अपने से छठे,मंगल अपने से सातवे,चंद्र अपने से आठवें तथा राहु अपने से नवे भाव में गोचर करने पर अशुभ फल देता है |

योगकारक ग्रह 6,8,12 भाव में गोचर करने पर भी खराब फल नहीं देते |

गोचर में कोई ग्रह अस्त नीच या युद्ध में हो तो वह अपने फल कम देता है |

गोचर में कोई ग्रह अशुभ ग्रह से प्रभावित हो तो फल नहीं देता |

शुभ ग्रह वक्री होने पर अपनी क्षमता में कमी और अशुभ ग्रह वक्री होने पर अपनी अशुभता मे वृद्दि कर देता है |


किसी भी भाव से अष्टम में पाप ग्रह गोचर करें तो उस भाव की हानि होती है |

गोचर मे कोई भी ग्रह वक्री होने पर एक राशि पहले दृष्टि डालता है |

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