मंगलवार, 26 जून 2018

सबसे बड़ा चंद्र ग्रहण


27 जुलाई 2018 को जब चंद्रमा धरती से सबसे ज्यादा दूरी पर होगा तो इस 21वी सदी का सबसे बड़ा चन्द्र ग्रहण पड़ेगा | यह ग्रहण चन्द्र पर पूर्णरूप से 1 घंटा 43 मिनट का होगा जिस दौरान चन्द्र बिलकुल दिखाई नहीं देगा इसकी शुरुआत भारतीय समय अनुसार रात 11:45 से होगी तथा इसका अंत रात्री 3:48 मिनट पर होगा क्यूंकी ग्रहण लगने का कुल समय 3 घंटे 55 मिनट का हैं इसलिए इसे सदी का सबसे बड़ा ग्रहण कहा जा रहा हैं | यह चंद्रग्रहण शुक्रवार के दिन श्रवण नक्षत्र के पहले चरण पर मकर राशि में होगा और उस समय मंगल धरती की विपरीत दिशा में होगा तथा चंद्र के साथ साथ मंगल केतु की युति भी होगी जिसमें केतु 11 अंश 46 मिनट का तथा चंद्र व मंगल क्रमशः 10 अंश 38 मिनट तथा 10 अंश 02 मिनट के होंगे |

यह चंद्र ग्रहण मेष नवांश में होगा जो मंगल का ही नवांश है और क्योंकि मंगल अभी वक्री चल रहा है इसके हमारी धरती पर इस ग्रहण के बहुत ही अशुभ व भयानक परिणाम आएंगे,इस चंद्र ग्रहण के समय दो महत्वपूर्ण ग्रह शनि एवं मंगल वक्री अवस्था में होंगे जहां शनि धनु राशि में मूल नक्षत्र के तीसरे चरण में वक्री होगा वही मंगल उत्तराषाढ़ा नक्षत्र के चौथे चरण मे वक्री होंगे तथा इसी दौरान सूर्य के निकट बुभी अपने अंतिम अंशो में कर्क राशि अश्लेषा नक्षत्र के चौथे चरण में वक्री होकर नीच नवांश में होगा | बुध का वक्री होकर मंगल व राहू द्वारा देखा जाना इस धरती पर कुछ झूठी अफवाहे या झूठे समाचार प्रकाशित करवा सकता हैं जोकि राजनीति से संबंधित हो सकती हैं |

इस ग्रहण के समय केवल 5 राशियों में ही सभी ग्रह होंगे तथा यह चंद्रग्रहण मकर राशि के दूसरे द्रेष्कोण  में होगा जिसकी वजह से फौज व सैनिक संबंधी घटनाएं,चोरी,डकैती एवं अपराधिक वारदातें हो सकती हैं क्योंकि मंगल इसमें शामिल है इस कारण कहीं ना कहीं रक्तपात,विस्फोट,धमाके,ज्वालामुखी विस्फोट,भूकंप  आदि प्रकार की घटनाएं जन्म ले सकती हैं |

ज्योतिषीय ग्रंथ बृहद जातक में मकर राशि के दूसरे द्रेष्कोण को ऐसी स्त्री द्वारा दर्शाया गया है जो कला में पारंगत,चौड़ी आंखों वाली तथा कमल के पत्तियों की भांति,गाढ़े हरे रंग की होती हैं जो कुछ चीजों को ढूंढ रही हैं तथा उसने बहुत से लोहे के गहने कानो मे पहने हुये हैं

यह दृष्टांत स्पष्ट रूप से बता रहा हैं कि इस चंद्रग्रहण का स्त्री जातकों पर ज़्यादा प्रभाव पड़ने वाला है क्योंकि यहां पर स्त्री को कला से संबंधित माना गया है तो यह निश्चित है कि किसी ऐसी स्त्री के विषय में बताया जा रहा है जो किसी भी प्रकार की कला से संबंधित हो सकती हैं संभव है कि किसी सम्मानित स्त्री के विषय में कोई ना कोई शुभाशुभ समाचार इस चंद्र ग्रहण के आसपास सुनने को मिले |

नक्षत्र के अनुसार देखे तो श्रवण नक्षत्र एक चलता हुआ नक्षत्र है जो खुली दुकानों,गहनों और गाड़ियों से संबंधित माना गया है तथा जिसका अर्थ सुनने की क्षमता रखने वाला माना गया है जिसमें 3 तारे पाए जाते हैं जो वामन अवतार को बताते है | यह ग्रहण मकर राशि में पड़ रहा है जो शनि के स्वामित्व के कारण तकनीकी क्षेत्रो से जुड़ी हुई हैं संभवत: इस कारण तकनीकी क्षेत्र में कोई ना कोई अच्छी खोज का उदय अथवा पता चलना दिखाई देता है |

इस ग्रहण के समय आत्मकारक ग्रह बुध होगा तथा यह मीन नवांश में होने के कारण ऐसा लगता हैं की धर्मकर्म,आध्यात्मिकता,पुजा पाठ,सन्यास आदि से जुड़ा हुआ कोई व्यक्ति इस समय मोक्ष की और अग्रसर होगा अथवा उसका शरीर इस भौतिक जगत से मुक्ति पाएगा |

इस ग्रहण का भारतवर्ष पर निम्न प्रभाव पड़ेगा |

भारत के लग्न से यह ग्रहण नवे भाव मे पड़ेगा जिस कारण कोई धर्म से संबन्धित मुद्दा अथवा उन्माद इस दौरान खड़ा हो सकता हैं सरकार को जिससे सावधान रहने की ज़रूरत हैं सरकार स्वयं भी राम जन्म भूमि का मुद्दा गरमा सकती हैं | राशि के अनुसार देखे तो भारत की राशि कर्क है तथा यह ग्रहण कर्क और मकर राशि में ही रहा है,चूंकि यह मकर राशि स्थिर राशियों में अंतिम केन्द्रीय राशि होती है जो कालपुरुष के दशम भाव से संबंधित होती है जो विदेश से संबंधित वस्तुओं की जानकारी प्रदान करती है जिसकी वजह से सरकार की विदेश नीति मे बदलाव अथवा कोई तनाव होना दिखलाई पड़ता हैं तथा शनि क्षेत्र होने रेलवे,खनन उद्योग,मजदूर वर्ग तथा वृद्ध लोगों से संबंधित भी कुछ ना कुछ निर्णय सरकार ले सकती हैं ऐसा होता  दिख रहा है |


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