बुधवार, 13 जून 2018

शनि का नक्षत्र अनुसार गोचर फल


शनि का जन्मकालीन नक्षत्र में गोचर 3 माह 10 दिन तक रहता है जातक के लिए जो नुकसानदायक अथवा हानि का समय होता है |

दूसरे तीसरे चौथे और पांचवें नक्षत्र में शनि का गोचर 13 माह 10 दिन का होता हैं जो जातक के लिए युद्ध अथवा विजय का होता है |

6 से 11
वे नक्षत्र में शनि का गोचर 1 वर्ष 8 माह रहता है जो जातक को वात रोग देता हैं तथा देश से दूर लेकर जाता है |

12 से 15 वे नक्षत्र मे शनि का गोचर 13 मा10 दिन का होता हैं जो जातक को कष्ट देता है |

16 से 18 नक्षत्र मे शनि का गोचर 10 माह का होता हैं जो जातक के लिए यश कारक समय होता हैं |

19-20 नक्षत्र मे शनि का गोचर 6 माह 20 दिन का होता हैं जो जातक हेतु सुखदायक समय होता हैं |

21-22 नक्षत्र मे शनि का गोचर 6 माह 20 दिन का होता हैं जो जातक को महाकष्ट और वात रोग देता है |

23 से 27वे नक्षत्र मे शनि का गोचर 16 माह 20 दिन रहता हैं जो जातक को धनधान्य का लाभ प्राप्त कराता है |

शनि गोचर में 2,7,11 राशि मे तथा 3-6-11 भाव में अनुकूल फल देता है |

जन्म कुंडली में शनि यदि 2,7,8 और 12 भाव में हो तो कष्ट देता है जबकि 3,5,6,9,11 भाव में शुभ फल देता है |

जन्म के चंद्र से शनि का 45 डिग्री पूर्व तथा 45 डिग्री बाद तक का गोचर साढ़ेसाती कहलाता हैं |

यदि जन्म चंद्र 15 अंश से अधिक का हो तो साढ़ेसाती देर से लगती है तथा देर से ही उतरती है |

जन्म राशि से 1,2,4,8,12 भाव से शनि का गोचर अशुभ फल देता है |


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