1)अपने अष्टकवर्ग मे यदि बुध को 5 से अधिक बिन्दु मिले हो तो जातक की शिक्षा अच्छी होती हैं जबकि 3
से कम बिन्दु होने पर जातक मंद बुद्दि होने के कारण शिक्षा पूर्ण
नहीं कर पाता हैं |
2)बुध अष्टकवर्ग मे जिस राशि को अधिक बिन्दु मिले हो उससे चन्द्र अथवा बुध
के गोचर होने पर शिक्षा आरंभ करने से सफलता मिलती हैं | इसी प्रकार गुरु व शुक्र ग्रह का प्रभाव भी देखना चाहिए |
3)बुध से दूसरे भाव को बुध के अष्टकवर्ग मे 4 से अधिक बिन्दु प्राप्त होने
पर जातक मधुर वाणी वाला विद्वान होता हैं जबकि शून्य बिन्दु होने पर जातक गूंगा
होता हैं |
4)बुध अष्टकवर्ग मे जिन राशियो मे 5 से अधिक बिन्दु हो उन राशियो की दिशा
मे अच्छी शिक्षा प्राप्त होती हैं |
5)जो भी ग्रह अपने
अष्टकवर्ग मे 4 से अधिक बिन्दु प्राप्त करता हैं वह अपने फल प्रदान करने मे सक्षम
होता हैं |
6) सर्वाष्टक वर्ग मे केंद्र व त्रिकोण की 6 राशियो मे अधिक बिन्दु होने से
भी शिक्षा अच्छी होती हैं |
7)बुध से दूसरे बैठा सूर्य ज्ञान व विवेक पूर्ण बातें तथा शनि बेईमानी भरी
कुटिल व अश्लील बातें करवाता हैं जबकि गुरु धर्मानुकूल व शुक्र प्रवचन करवाता हैं
यदि दूसरे भाव मे मांदी होतो जातक हिंसक बातें करता हैं |
8)बुध व गुरु के अष्टकवर्ग मे 4 से अधिक बिन्दु होने पर जातक लेखक विद्वान
होता हैं ऐसा प्रेमचंद,हरिवंशराई
बच्चन,भारतेन्दु हरीश चन्द्र आदि की कुंडलियों मे देखा जा
सकता हैं |
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