अष्टम भाव व अष्टमेश पर पाप
प्रभाव होना जातक की आयु को खतरा बताता हैं अष्टम भाव चूंकि आयु का भाव होता हैं व
अष्टमेश आयु प्रदान करने वाला ग्रह होता हैं इन पर पाप ग्रह विशेषकर शनि व राहू का
प्रभाव भी जातक को जीवन समाप्त करने की और अथवा हिंसात्मक मृत्यु की और धकेलता हैं हिंसात्मक
आत्महत्याओ की कुंडलियों मे यह लगभग सभी कुंडलियों मे पाया गया | इसके अतिरिक्त कुछ पत्रिकाओ
मे चतुर्थ व दशम भाव मे पाप ग्रहो का प्रभाव होंना भी पाया गया जो की सुख
सुविधाओ की कमी व कार्यक्षेत्र मे उचित तरक्की अथवा
मान-सम्मान का ना मिल पाने के कारण भी आत्महत्या
करना दर्शाता हैं |
आइए अब कुछ
कुंडलियों को देखते हैं |
1)20/4/1889 18:30 ब्रुनेई आस्ट्रिया मे तुला लग्न मे जन्मे “हिटलर” के विषय मे सभी
जानते हैं इसने अपने तानाशाही रुतबे के चलते पकड़े
जाने के भय से 30/4/1945 को स्वयं व अपनी पत्नी
को गोली मारकर आत्महत्या कर ली थी | इसकी पत्रिका मे सूर्य,चन्द्र,बुध सभी पीड़ित हैं मंगल-शनि का संबंध हैं | दो जलीय राशिया पीड़ित
हैं तथा तीसरी छठे भाव की राशि बनी हैं, अष्टम भाव पापकर्तरी मे हैं जिस कारण हिंसात्मक
मृत्यु स्वयं को गोली मारकर हुई तथा
चतुर्थ-दशम भाव भी पाप प्रभाव मे हैं |
2)21/7/1906 17:30 भावरा
(मध्य प्रदेश) मे धनु लग्न मे जन्मे
“श्री चन्द्रशेखर आजाद” ने स्वतंत्रता संग्राम के चलते चारो तरफ से अंग्रेज़ो
द्वारा घिर जाने पर स्वयं को गोली
मारकर 27/2/1931 को आत्महत्या कर ली थी | इनकी पत्रिका मे सूर्य,चन्द्र,बुध सभी पीड़ित हैं मंगल-शनि का संबंध
हैं, दो जलीय राशिया पीड़ित
हैं, अष्टम भाव बुरी तरह से पाप प्रभाव मे हैं जिस कारण हिंसात्मक
मृत्यु स्वयं को गोली मारकर हुई जबकि चतुर्थ-दशम भाव मे कोई पाप प्रभाव नहीं हैं |
3)5/9/1967 19:40 अल्मोड़ा मे मीन लग्न मे जन्मे इस दिल्ली पुलिस के इंस्पेक्टर ने अपने असफल वैवाहिक
जीवन के चलते नाजायज प्रेम मे पडकर प्रेमिका द्वारा
ब्लैकमेल करने पर प्रेमिका को
उसके घर पर गोली मारकर स्वयं भी आत्महत्या करी | इस पत्रिका मे सूर्य
बुध छठे भाव मे हैं तथा चन्द्र शनि(वक्री) से पीड़ित हैं मंगल
शनि के नक्षत्र मे हैं सभी जल राशियाँ प्रभावित हैं अष्टम भाव पर पाप प्रभाव कारण
हिंसात्मक मृत्यु हुई हैं वही चतुर्थ दशम भाव भी पाप दृस्ट हैं |
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें