शनि का
वृश्चिक राशि मे गोचर
2/11/2014 को शाम 4
बजकर 8 मिनट पर शनि “वृश्चिक” राशि मे प्रवेश कर रहे हैं जहां वह 26/1/2017 तक
रहेंगे इस दौरान 14/3/2015 से 2/8/2015 तक तथा 25/3/2016 से 13/8/2016 तक 2 बार शनि
वक्री होंगे तथा 31/10/2014 से 6/12/2014 तक,12/11/2015 से 17/12/2015 तक तथा 22/11/2016 से 28/12/2016 तक 3 बार शनि इसी वृश्चिक
राशि मे अस्त भी होंगे |
अपनी अति
धीमी गति से संचार करने के कारण शनि के किसी भी राशि मे संचार करने से धरती पर
पड़ने वाले व्यापक प्रभाव का अंदाज़ा लगाया जा सकता हैं | शनि अब तक अपनी ऊंच राशि “तुला” मे भ्रमण कर रहे थे जिसके व्यापक प्रभाव
भारत सहित कई देशो मे विद्रोह व देशो की सरकारो का बदलना रहा हैं | अब चूंकि शनि वृश्चिक राशि अथवा अपनी शत्रु राशि से संचार करेंगे जो की
काल पुरुष की आठ्वी राशि हैं यह देखना काफी असरकारक होगा की यह शनि धरती पर,भारत वर्ष मे तथा धरती के सभी राशिवाले प्राणियों मे क्या प्रभाव डालेंगे | इस राशि मे संचार करते हुये शनि मकर,वृष तथा सिंह
राशियो पर दृस्टी तथा तुला,वृश्चिक व धनु पर साडेसाती का
प्रभाव रखेंगे | पाप ग्रहो का 3,6,व
11वे भावो से गोचर लाभकारी माना जाता हैं चूंकि शनि की गिनती भी पापी ग्रह मे होती
हैं अत: जिन राशि के शनि 3,6 व 11वे गोचर करेंगे उन्हे
शुभफलों की प्राप्ति होगी तथा अन्य राशि वालो को मिलेजुले फल प्राप्त होंगे |
शनि के
लिए कहाँ जाता हैं की शनि जिस भाव मे आते हैं उस भाव की वृद्दि करते हैं तथा जिस
भाव को देखते हैं उस भाव की हानी करते हैं इस वृश्चिक राशि पर भ्रमण करते हुये शनि
की अधिकतर दृस्टी उत्तर दिशा की और रहेगी जिससे उत्तर की और के देश व प्रांत
प्रभावित होंगे जिनमे अस्थिरता,प्राकृतिक आपदाए,भूकंप,बाढ़,तथा सत्ता परिवर्तन
जैसे हालात बनेंगे |
आइए
जानते हैं की विभिन्न राशियों पर शनि के इस वृश्चिक राशि गोचर का क्या प्रभाव
पड़ेगा |
1)मेष
राशि– इस पहली राशि से शनि का अष्टम गोचर होगा जो की आजीविका मे परिवर्तन अथवा ऊठा
पटक जैसे हालात बनाएगा,धन की पूर्ति बाधक होगी व
खर्चे बढ़ेंगे,संतान होने की अथवा संतान से संबंधी कोई समस्या
होने की समभावनाए बनेंगी,कमर पैर से संबन्धित कोई चोट
इत्यादि लग सकती हैं | जीवन साथी के लिए अच्छे समाचार
प्राप्त होंगे | किसी बड़े निवेश से बचना लाभदायक रहेगा |
उपाय-दशरथ
शनि श्रोत का पाठ करे तथा प्रत्येक शनिवार किसी गरीब को सरसों का तेल दान करे |
2)वृष
राशि- इस राशि से शनि का सप्तम गोचर होगा जिससे भाग्योदय कारक समय बनेगा कामकाज
बढ़ने लगेंगे,नई संपत्ति,वाहन
इत्यादि खरीदने के योग बनेंगे तथा पुरानी संपत्ति बिकेगी,यात्राए
व भागदौड़ बढेगी,जीवनसाथी व पिता हेतु शुभ समाचार प्राप्त
होंगे,कोई भागीधारी का प्रस्ताव भी आ सकता हैं,दाम्पत्य सुख मे कमी हो सकती हैं |
उपाय-शनि
श्लोक “नीलांजन सभामासम का जाप रोजाना शाम के समय करे तथा किसी को भी शराब व सेन्ट
(परफ्यूम ) उपहार मे ना दे |
3)मिथुन
राशि- इस राशि से शनि का यह छठा गोचर होगा जो की ज़्यादातर शुभ होगा जिसके प्रभाव
से जो भी चाहेंगे वह होगा,सभी दिशाओ से शुभ समाचार
मिलेंगे,उधार लेने व देने की समभावनाए बनेगी,सहोदरो को कष्ट मिलेंगे,अचानक चोट लगने की,धन प्राप्ति की तथा किसी गुप्त विद्या जानने की इच्छा बढेगी,धार्मिक कार्य,लंबी यात्राए व योजनाए बन सकती हैं
जिनसे लाभ होगा|
उपाय-कनकधारा
श्रोत का पाठ रोजाना करे तथा हर शनिवार एक मुट्ठी साबुत बादाम जलप्रवाह करे |
4)कर्क
राशि- शनि का इस राशि से पांचवा गोचर विवाह व संतान प्राप्ति के अतिरिक्त किसी बड़े
पद की प्राप्ति भी करवाएगा,कोई बड़ी
ज़िम्मेदारी अथवा सम्मान मिल सकता हैं,भाग्य से अब काम बनने
लगेंगे,परिवार मे किसी की विवाह होने की संभावना बनेगी,धन प्रवाह मे थोड़ा विलंब रहेगा |
उपाय-शाकाहारी
रहे तथा एक मुट्ठी साबुत बादाम मंदिर मे हर शनिवार रखकर आए |
5)सिंह
राशि – इस राशि से शनि का चतुर्थ गोचर कार्यक्षेत्र मे ऊठा पटक मचा कर बदलाव अथवा
पदोन्नति करवा सकता हैं,मकान व भूमि का सुख बढ़ेगा,शारीरिक कष्ट,दुर्घटना व स्वस्थ्य हानी भी होगी
परंतु आपकी लोकप्रियता बढ़ती रहेगी,किसी को उधार देना पड सकता
हैं शत्रु भी सिर उठाएंगे परंतु कुछ बिगाड़ नहीं पाएंगे |
उपाय-हनुमान
चालीसा का पाठ नित्य करे तथा शिवलिंग पर प्रत्येक सोमवार दूध का अभिषेक करे |
6)कन्या
राशि – राशि से तीसरा गोचर होने की वजह से शनि का यह गोचर आपको बहुत शुभता प्रदान
करेगा आपकी पद प्रतिष्ठा बढ़ेगी,संतान प्राप्ति हो
सकती हैं,धार्मिक व विदेश यात्राए होंगी,खर्चे बढ़ेगे,विवादो मे आपकी विजय होगी व शनि की
साडेसाती से मुक्ति होने से तनावमय जीवन से छुटकारा मिल जाएगा |
उपाय-रोजाना
“ॐ नमः शिवाय” का 108 बार जाप करे तथा 3 कुत्तो को रोजाना कुछ खिलाये |
7)तुला
राशि – इस राशि से दूसरा गोचर होने से धन लाभ बढ़ेगा,भूमि वाहन व मकान खरीदने की समभावनाए बढ़ेगी,आपकी
माता को व आपको कोई सम्मान प्राप्त होगा,उतरती हुयी साडेसाती
खूब यात्राए कराएगी,नियम के विरुद्ध कार्य करने व बिना जाने
पहचाने उधार देने दिलवाने से परेशानियाँ होंगी |
उपाय-प्रतिदिन
धर्मस्थान मे ज़रूर जाये |
8)वृश्चिक
राशि – इस राशि से शनि का गोचर कार्यक्षेत्र व बदलाव व पिता के लिए कष्ट लाएगा,जीवन साथी से संबन्धित कोई नया कार्य कर सकते हैं सहोदरो से संबन्धित कोई
खबर मिल सकती हैं | शनि साडेसाती की दूसरी ढैया किसी बुजुर्ग
की मृत्यु कारण अन्त्येष्टि कर्म मे सम्मिलित करवा सकती हैं स्वयं हेतु विष
इत्यादि से भय हो सकता हैं अत; बाहर के खाने से परहेज करे |
उपाय-
नित्य शनि चालीसा,हनुमान चालीसा का पाठ करे तथा हर
शनिवार बंदरो को केला खिलाये |
9)धनु
राशि- इस राशि से द्वादश भाव मे शनि का गोचर शनि की साडेसाती की शुरुआत करेगा
जिसके प्रभाव से स्थान परिवर्तन व धननाश होकर रहेगा,धन आने मे दिक्कते होंगी,आपके खिलाफ कोई इलज़ाम अथवा
कारवाई की जा सकती हैं जिनसे स्वयं स्वास्थ्य संबंधी परेशानिया शुरू होंने के कारण
अस्पताल जाना पड़ सकता हैं,मामा पक्ष मे परेशानियाँ आएंगी
परंतु विदेश अथवा दूर की यात्रा से लाभ भी मिलेगा |
उपाय-विष्णु
सहस्त्रनाम का पाठ नित्य करे तथा चींटियों को चावल के आटे का चुरा डाले |
10)मकर
राशि- इस राशि से एकादश भाव मे शनि का गोचर होने से शनि व गुरु दोनों ग्रहो की इस
राशि पर दृस्टी होगी जिससे ज़बरदस्त सफलता व धन लाभ की समभावनाए बनेगी जिस कारण
आपके आत्मविश्वास मे बढोतरी होगी,जीवन मे बहुत से
बदलाव आएंगे,व्यापार विस्तार हेतु नई योजनाए बनेगी जिनसे लाभ
होगा,आप धन को कहीं ना कहीं किसी भी रूप मे निवेश करेंगे,संतान के लिए थोड़ा कष्टकारक समय रहेगा |
उपाय-सोमवार
को शिवजी की तथा शनिवार को शनिदेव की पुजा करे,किसी सेवार्थ अस्पताल मे गरीबो के लिए मदर टिंचर नामक दवा दान करे |
11)कुम्भ
राशि- इस राशि से दशम गोचर कार्य की अधिकता,नौकरी का
छूटना व सम्मान की हानी कराएगा आपको अपने खर्चे निकालने मे दिक्कते प्राप्त होंगी,उधार व किश्ते चुकाना मुश्किल होगा,इन सब कारणो से सेहत
प्रभावी हो सकती हैं,पिता या किसी पार्टनर से लाभ होगा,लंबी यात्राओ मे धन खर्च होगा,आपका विदेश अथवा
अस्पताल से संबंध जुड़ सकता हैं,पत्नी से संबन्धित सुखो मे
कमी तथा भूमि व मकान संबंधी योजनाओ मे परेशानियाँ बनेगी |
उपाय-प्रतिदिन
किसी धर्मस्थान मे अवश्य जाए तथा शनिवार शाम को शनि सहस्त्रनाम का पाठ करे|
12)मीन राशि-
राशि से नवम गोचर धर्म,धन व भाग्य वृद्दि करेंगे,भाई बहनो को लाभ देंगे,शत्रुओ को नुकसान मिलेगा
अर्थात आपकी विजय होगी,दुस्साहसी प्रवृति बढ़ेगी,कानूनी मामलो मे मदद व लाभ मिलेंगी,पिता के
स्वास्थ्य मे सुधार होगा,धर्म गुरुओ से मिलना अथवा विदेश मे
तबादला हो सकता हैं|
उपाय-शनि
चालीसा का पाठ रोजाना करे तथा हल्दी का तिलक माथे पर नित्य लगाए |
डॉ,किशोर घिल्डियाल (ज्योतिषाचार्य)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें