इस
दीपावली करे कुबेर साधना
भगवान
कुबेर को भारतीय समाज मे धन,दौलत व सम्पदा का
देवता माना जाता हैं तथा ये धरती के धन के रक्षक भी कहें जाते हैं | यक्षों के राजा, ऋषि विश्रव के पुत्र,ब्रह्मा के पौत्र तथा रावण के भ्राता कुबेर को जीवन के सभी सुखो को प्रदान
करने वाला भी कहाँ जाता हैं क्यूंकी सभी सुख धन-सम्पदा इत्यादि से ही प्राप्त होते
हैं इसीलिए यह माना जाता हैं की जो व्यक्ति देवता कुबेर की सही श्रद्धा व भाव से
नित्य पुजा अर्चना करता हैं उसे कुबेर संसार की सभी वस्तुए,धन
दौलत,सम्पदा व सफलता प्रदान करते हैं |
अपने
पाठको के लिए हम इस दीपावली मे इन्ही कुबेर देवता की साधना करने की सबसे सरल व
उपयोगी विधि बता रहे हैं आशा करते हैं की हमारे पाठक इससे ज़रूर लाभान्वित होंगे |
तंत्र
शास्त्र मे कुबेर यंत्र के विषय मे उल्लेख मिलता हैं जो तांबे का बना चकोर यंत्र
होता हैं जिस पर 9 खाने 3*3 के होते हैं और उनमे कुछ अंक होते हैं जिनका जोड़ सभी
तरफ से जोड़ने पर 72 होता हैं जो आर्थिक सफलता का प्रतीक समझा जाता हैं |
यंत्र इस
प्रकार से बनाए –आप चाहे तो बना बनाया यंत्र भी खरीदकर प्रयोग कर सकते हैं |
27 20 25
22 24 26
23 28 21
यंत्र
ऊर्जा के प्रतीक होते हैं पर उनसे ऊर्जा प्राप्ति के लिए स्वच्छ व सकारात्मक सोच
का होना ज़रूरी होता हैं इस कुबेर यंत्र की पुजा अर्चना करने के लिए स्वयं को भगवान
कुबेर पर पूर्ण समर्पित करना होता हैं | इस कुबेर यंत्र
को पूर्व अथवा उत्तर दिशा की और साफ व पवित्र स्थान मे रखना रखकर समय समय पर इसे
दूध या गुलाब जल से धोना चाहिए दूध गुलाब की पंखुड़ियों से डालना चाहिए फिर यंत्र
को शुद्ध जल से धोकर सूखा लेना चाहिए | यंत्र के साथ कुबेर
देवता की तस्वीर या मूर्ति भी रखनी चाहिए | यंत्र के चारो
कोनो व केंद्र पर चन्दन का तिलक बिन्दु रूप मे लगाकर यंत्र को लाल कपड़े मे रख घी
का दीप व अगरबत्ती जलाए व फलो का भोग लगाए
| अब लगातार 72 दिनो तक कुबेर मंत्र का 108 बार जाप कुबेर
मुद्रा मे करे (प्रत्येक हाथ की पहली दो उँगलियाँ हाथ के
अंगूठे से मिलाने से कुबेर मुद्रा बन जाती हैं )
मंत्र जो
किए जा सकते हैं |
1)”ॐ
श्रीम ॐ ह्रीम श्रीम ह्रीम क्लीम श्रीम क्लीम वित्तेश्वराय नम:”
2)”ॐ
यक्षाय कुबेराय वैश्रवनाय धनधान्याधिपत्ये धनधान्य समृद्दि मे देही दापय स्वाहा”
3)ॐ यक्षराजाय
विधमहे वैश्रवनाय धीमहि तन्नो कुबेर प्रचोदयात |
इस साधना
को करने से कुछ ही दिनो मे जातक के धन प्राप्ति के नए नए द्वार खुलने लगते हैं
जातक के मन मस्तिष्क मे धन कमाने के लिए नए नए विचार आने लगते हैं तथा जातक पहले
से ज़्यादा मेहनत कर धन कमाने की सोचने लगता हैं |
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