गुरुवार, 16 जनवरी 2014

श्री राम का विवादित जन्म वर्ष

श्री राम का विवादित जन्म वर्ष

बालकांड सर्ग 18 श्लोक 8,9,10 मे बाल्मीकी जी ने उल्लेख किया हैं श्री राम का जन्म चैत्र शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को अभिजीत मुहूर्त मे दोपहर मे हुआ | उस समय पाँच ग्रह सूर्य शनि(व),मंगल,शुक्र व गुरु ऊंच अवस्था मे थे और कर्क लग्न व चन्द्र पुनर्वसु नक्षत्र का था | श्लोक के अनुसार “यज्ञ के पश्चात छह ऋतुओ के बीत जाने पर बारहवे मास चैत्र शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को पुनर्वसु नक्षत्र व कर्क लग्न मे कौशल्या ने दिव्य लक्षणो से युक्त सर्वलोक वंदित जगदीश्वर श्री राम को जन्म दिया” | उस समय नौ मे से पाँच गृह सूर्य शुक्र मंगल गुरु व वक्री शनि अपनी ऊंच राशि मे थे और लग्न मे चन्द्र संग गुरु विराजमान था |

कंप्यूटर से गणना करने से यह 21/2/5115 ईसा पूर्व आता हैं | इस दिन नवमी तो आती हैं लेकिन नक्षत्र पुष्य आता हैं | गणना के अनुसार जब सूर्य मेष मे होता हैं तो नवमी पुनर्वसु नक्षत्र मे नहीं हो सकती क्यूंकी सूर्य और चन्द्र के मध्य की दूरी 93”20 अंश ही हो सकती हैं जबकि नवमी तिथि के आरंभ के लिए यह दूरी 96 अंश होनी चाहिए अत;बाल्मीकी जी के लेखन मे कहीं भेद हैं | नवमी तिथि के बारे मे तुलसी रामचरितमानस मे भी उल्लेख हैं एवं रामनवमी चैत्र शुक्ल की नवमी को ही मनाई जाती हैं | बालकांड के 190वे दोहे के बाद की प्रथम चौपाई मे तुलसीदास जी लिखते हैं पवित्र चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को मध्यान मे अभिजीत नुहूर्त मे श्री राम का जन्म हुआ | अत; हम नवमी तिथि का ही आधार लेकर एवं नक्षत्र की गणना को अनदेखा कर राम जन्म तिथि की गणना करते हैं तो 21/2/5115 ईसा पूर्व प्राप्त होती हैं इस प्रकार 18 अप्रैल 2013 को श्री राम के 7127 वर्ष पूरे होकर 7128वा वर्ष आरंभ हुआ 

बाल्मीकी रामायण के बालकांड के 20वे सर्ग के एक श्लोक मे राजा दशरथ अपनी व्यथा प्रकट करते हुये कहते हैं की उनका कमलनयन राम सोलह वर्ष का भी नहीं हुआ हैं और उसमे राक्षसो के साथ युद्ध करने की योग्यता नहीं हैं जिससे यह पता चलता हैं की 16वे वर्ष मे श्री राम ऋषि विश्वामित्र के साथ तपोवन गए थे जहां उन्होने कई राक्षसो का संहार किया और अहिल्या को स्पर्श कर उसका उद्धार किया | उसके बाद वह जनक की मिथिला नगरी गए ओर वहाँ उन्होने धनुष को तोड़ सीता से विवाह किया | तपोवन से मिथिला के मार्ग मे 23 स्मारक मिलते हैं जो श्री राम के होने की पुष्टि करते हैं |

विवाह के एक वर्ष बाद अर्थात 17 वर्ष की आयु मे उन्होने वन प्रस्थान किया एवं 31वे वर्ष वो वापस अयोध्या आए उनकी वनयात्रा के लगभग 200 स्मारक अभी भी हैं जो उनके होने की पुष्टि करते हैं जिनमे प्रमुख  रामेश्वरम,चित्रकूट,पंचवटी,शबरी व अत्री आश्रम हैं |

श्री राम व श्री कृष्ण के मध्य 60 राजाओ का उल्लेख आता हैं | यदि एक राजा का औसत काल 35 वर्ष माना जाये तो श्री राम कृष्ण से लगभग 2000 वर्ष पूर्व उत्पन्न हुये श्री कृष्ण का जन्म 21/7/3228 ईसा पूर्व को आधीरात मे मथुरा मे हुआ | मोहन जोदड़ों के 2600 ईसा पूर्व के शिलालेखों मे भी श्री कृष्ण का विवरण मिलता हैं एवं 3000 ईसा पूर्व के मिश्री पिरामिडो मे भागवत गीता के श्लोक मिलते हैं | यह माना जाता हैं की जिस दिन श्री कृष्ण ने अपनी देह त्यागी थी उसी दिन से कलयुग आरंभ हुआ था जिसकी गणना 18/2/3102 ईसा पूर्व आती हैं, श्री कृष्ण ने 126वे वर्ष अपनी देह त्यागी थी | इस प्रकार उनकी जन्मतिथि 3228 ईसा पूर्व आती हैं और इससे श्री राम की जन्मतिथि की गणना मेल खाते हुये 5115 ईसा पूर्व तय होती हैं |

एक अन्य मत अनुसार अमरीका के प्लेनेटेरियम नामक सोफ्टवेयर से देखने पर यह तिथि 10/1/5114 ईसा पूर्वा आती हैं जो की हिन्दू केलेण्डर के अनुसार चैत्र मास शुक्ल पक्ष की नवमी का दिन बताती हैं जिसके आधार पर हम सब रामनवमी इसी दिन मानते हैं |

रामायण के अयोध्या कांड (2॰4.18 )मे वर्णन आता हैं की जब राम के राज तिलक की तैयारी चल रही थी तब चर्चा आती हैं की राजा दशरथ का नक्षत्र सूर्य मंगल राहू के दुसप्रभाव से घिरा था | इस सूचना के आधार पर इस सॉफ्टवेयर से यह तिथि 5/1/5089 ईसा पूर्व आती हैं जो उस समय राम जी के 25 वर्ष के होने की पुष्टि करती हैं |

रामायण मे खर दूषण वध वनवास के 13वे वर्ष हुआ था उसके विवरण के अनुसार उस समय सूर्य ग्रहण हुआ था अत: अमावश्य तिथि थी तथा मंगल गृह कई ग्रहो से घिरा हुआ था सोफ्टवेयर के अनुसार यह तिथि 7/10/5077 ईसा पूर्व आती हैं इस दिन अमावस्या को सूर्यग्रहण हुआ था तथा मंगल के एक तरफ बुध व शुक्र थे व दूसरी तरफ सूर्य शनि थे 

इसी प्रकार अन्य श्लोक के अनुसार रावण वध के समय गृह स्थिति जब सोफ्टवेयर मे डाली गयी तो 4/12/5076 ईसा पूर्व की तिथि आती हैं तथा राम जी का वनवास 2/1/5075 ईसा पूर्व को पूर्ण होता हैं जब श्री राम की आयु 39 वर्ष बनती हैं | राम सूर्यवंश के 64वे राजा थे ऋग्वेद के आधार पर इतिहासकार प्रमाणित करते हैं की राम से पूर्व इस वंश मे 63 राजा हो चुके थे |

एक अन्य मत पुष्कर भटनागर द्वारा लिखित पुस्तक “डेटिंग इरा ऑफ लॉर्ड रामा” के आधार पर श्री राम का जन्म 10 जनवरी 5114 ईसा पूर्व को 12:30 पर कर्क लग्न मे बताया गया हैं पुस्तक के अनुसार 11/1/5114 6:00 मीन लग्न मे भरत तथा 12/1/5114 को 11:30 से 13:00 बजे के मध्य लक्ष्मण व शत्रुघ्न का जन्म बताया गया हैं | यह पुस्तक रामायण काल की अन्य घटनाओ की तारीखे भी बताती हैं जो निम्न प्रकार से हैं |


राम वनवास 5/1/5089 ईसा पूर्व चैत्र शुक्ल पक्ष की नवमी पुष्य नक्षत्र व राम की आयु 25 वर्ष दशरथ मृत्यु 10/1/5089 ईसा पूर्व,खर दूषण वध 7/10/5077(सूर्य ग्रहण),सीता हरण 12/12/5077,बाली वध 3/4/5076,हनुमान लंका गमन 12/9/5076(चन्द्र ग्रहण),लंका दहन 13/9/5076,हनुमान वापसी 14/9/5076,राम सेना लंका मे 20/9/5076,मेघनाद वध 23/11/5076,रावण वध 4/12/5076 राम की अयोध्या वापसी 29/12/5076॰ पुस्तक के अनुसार यह भी बताया गया हैं की युद्ध 40 दिनो तक चला था जिसमे छठे दिन राम रावण का पहली बार सामना हुआ तथा 15वे दिन कुंभकरण का वध हुआ था |       

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