बुधवार, 1 मई 2013

ग्रह चाल और बाज़ार


ग्रह चाल और बाज़ार

वस्तु बाज़ार और शेयरो पर भी ग्रहो की चाल का असर होता हैं ऐसा कई बार देखने मे आता हैं की जब आकाश मे विचरण करते समय कोई भी ग्रह जब अपनी चाल बदलता हैं,किसी अन्य ग्रह से युति करता हैं या एक राशि से दूसरी राशि मे प्रवेश करता हैं तब बाज़ार मे कुछ न कुछ प्रभाव उस ग्रह से संबन्धित वस्तु पर ज़रूर पड़ता हैं ऐसा ही अभी कुछ दिनो पहले देखने मे आया जब अचानक सोना एकदम से लगभग 25000 रु प्रति 10 ग्राम पर आ गया बाज़ार के इस अप्रत्याशित व्यवहार को देखते हुये हमने प्रस्तुत लेख मे अपने व्यापारी भाइयो के लिए इसी पर कुछ प्रकाश डालने का प्रयास किया हैं की किस प्रकार ज्योतिष की मदद से हम बाज़ार से सही समय पर निवेश कर लाभ प्राप्त कर सकते हैं |कुछ सूत्र इस प्रकार से हैं |

चन्द्र ग्रह जब जब मेष,मिथुन,कर्क,तुला,मकर व कुम्भ राशि मे भ्रमण करता हैं तब तब तेल बाज़ार मे तेजी आती हैं |

अमावस्या जब वृष,सिंह,कन्या,वृश्चिक,धनु या मीन राशि मे पड़ती हैं तब तिलहन बाज़ार मे एक महीना मंदी  रहती हैं | अप्रैल व मई माह 2013 मे अमावस्या मेष राशि मे पड़ने से तिलहन बाज़ार मे तेजी बनी रहेगी |

कन्या राशि के बुध पर चन्द्र की युति या दृस्टी होने से बाज़ार मे मंदी आती हैं जबकि कर्क राशि मे बुध संग चन्द्र होने से बाज़ार मे तेजी आती हैं |

मेष राशि मे चन्द्र मंगल की युति हो या चन्द्र से सप्तम भाव मे मेष का मंगल हो तब बाज़ार मे तेजी आती हैं जबकि चन्द्र मंगल की युति तुला या वृश्चिक राशि मे हो या इन राशियो पर स्थित 

चन्द्र पर मंगल की दृस्टी हो तब बाज़ार मंदा रहता हैं |

चन्द्र मेष राशि मे हो और मंगल अपने ऊंचान्श मे हो या चन्द्र मंगल की युति मकर राशि मे हो तब बाज़ार मे तेजी आती हैं |

कुम्भ व मीन राशि पर चन्द्र मंगल की युति या मकर व कुम्भ राशि मे स्थित चन्द्र पर मंगल की दृस्टी बाज़ार को मंदा रखती हैं |

मेष राशि के बुध चन्द्र बाज़ार को तेजी देते हैं |

गुरु व चन्द्र की युति या गुरु पर चन्द्र की दृस्टी बाज़ार मे मंदी लाती हैं निकट भविष्य मे यह युति 10,11 24 25 मई 2013 को बनेगी |

शुक्र की राशि मे चन्द्र शुक्र की युति बाज़ार मे तेजी लाती हैं |

शुक्र तुला,मकर या कुम्भ मे हो और चन्द्र तुला राशि मे भ्रमण करे तब बाज़ार मे तेजी आती हैं |

गुरु वृष वृश्चिक या मीन मे हो और चन्द्र धनु या मीन से भ्रमण करे तब बाज़ार मे मंदी आती हैं |

कर्क राशि तथा अग्नि तत्व राशियो मे चन्द्र शुक्र युति बाज़ार मे भारी तेजी लाती हैं |

स्वराशिस्थ शनि के उपर से चन्द्र भ्रमण बाज़ार मे तेजी लाता हैं |

शनि चन्द्र का संबंध बाज़ार मे तेजी लाता हैं |

शुक्र का भ्रमण मंगल की और होने से मंदी होती हैं जोकि इनकी युति होने तक रहती हैं |

शनि का भ्रमण गुरु की राशि मे होने से बाज़ार मे तेजी आती हैं |

कन्या व धनु राशि का मंगल बाज़ार मे तेजी लाता हैं |

तिलहन बाज़ार मे शुक्र के बलवान होने पर तेजी व गुरु के बलवान होने पर मंदी होती हैं |

सूर्य का मघा नक्षत्र मे भ्रमण बाज़ार मे मंदी तथा पूर्वा फाल्गुनी मे भ्रमण तेजी लाता हैं |

सूर्य जब जब केतू,सूर्य,चन्द्र गुरु व बुध के नक्षत्रो मे भ्रमण करेगा बाज़ार मे तेजी रहती हैं |

गुरुवार का सूर्य ग्रहण व शनिवार का चन्द्र ग्रहण तिलहन बाज़ार मे तेजी लाते हैं |

सूर्य शनि की युति तिलहन बाज़ार मे मंदी तथा गुरु शुक्र कि युति अफरा तफरी लाती हैं |

सोमवार को तेजी या मंदी मंगलवार दोपहर तक रहती हैं इसी प्रकार मंगल वार की तेजी मंदी 
बुधवार दोपहर तक रहती हैं बुधवार की मंदी गुरुवार को तेजी मे बदलती हैं जबकि गुरुवार की तेजी शुक्रवार दोपहर के बाद मंदी और शनिवार को तेजी मे बदल जाती हैं |शनिवार को आई मंदी या तेजी मंगलवार दोपहर तक रहती हैं जबकि रविवार की तेजी मंदी सोमवार को उल्टी दिशा मे चलती हैं |

वस्तुओ मे तेजी मंदी सोम,मंगल,शुक्र व शनि वारो को ही बनती हैं |


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