क्या हैं सोलह श्रंगार
–ऋग्वेद की दसवी पुस्तक की
33 से 85 ऋचाए सौभाग्य के लिए किए जा रहे
सोलह श्रंगारों पर आधारित हैं | इनमे
कहाँ गया हैं की सोलह श्रंगार घर मे सुख और समृद्दि की पुनर्स्थापना के लिए किए
जाता हैं |
बिंदी-माथे पर लाल गोल चिन्ह |
सिंदूर-बालो के बीच सिंदूर की रेखा |
माँगटीका-बालो के बीच की रेखा पर पहने जाने वाला
आभूषण |
काजल-पलको के किनारे पर लगने वाली काली रेखा |
नथ-इसे नाक मे पहनते हैं |
मंगलसूत्र-स्त्री विवाह बाद गले पर पहनती हैं |
कर्णफूल – इसे कान मे पहनते हैं |
मेहंदी,चूड़िया,बाजूबंद,कमरबंद,और
सुहाग का जोड़ा |
आरसी – अंगूठे की रिंग |
पायल और बिछुए |
केशपाश –बालो मे लगाने का आभूषण |
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