शनिवार, 9 मार्च 2013

क्या हैं सोलह श्रंगार


क्या हैं सोलह श्रंगार

–ऋग्वेद की दसवी पुस्तक की 33 से 85 ऋचाए  सौभाग्य के लिए किए जा रहे सोलह श्रंगारों पर आधारित हैं इनमे कहाँ गया हैं की सोलह श्रंगार घर मे सुख और समृद्दि की पुनर्स्थापना के लिए किए जाता हैं |

बिंदी-माथे पर लाल गोल चिन्ह |

सिंदूर-बालो के बीच सिंदूर की रेखा |

माँगटीका-बालो के बीच की रेखा पर पहने जाने वाला आभूषण |

काजल-पलको के किनारे पर लगने वाली काली रेखा |

नथ-इसे नाक मे पहनते हैं |

मंगलसूत्र-स्त्री विवाह बाद गले पर पहनती हैं |

कर्णफूल – इसे कान मे पहनते हैं |

मेहंदी,चूड़िया,बाजूबंद,कमरबंद,और सुहाग का जोड़ा |

आरसी – अंगूठे की रिंग |

पायल और बिछुए |

केशपाश –बालो मे लगाने का आभूषण |

अत्तर –सुगंधित पदार्थ अथवा परफ्यूम |

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