गुरुवार, 7 मार्च 2013

काल सर्प उपाए


काल सर्प उपाए-

शिवलिंग पर प्रतिदिन “ॐ नमः शिवाय “ मंत्र की एक माला जाप कर जल चढ़ाये |

काल सर्प सिद्ध यंत्र के सम्मुख नव नाग श्रोत अथवा सर्पसूक्त का पाठ प्रतिदिन करे |

राहू ग्रह की शांति हेतु पंडित से सवा लाख जाप कराये |

मोर पंख अपने घर पर रखे तथा नित्य महामृत्युंजय मंत्र या नाग गायत्री मंत्र का जाप किया करे |

वर्ष मे एक बार वजन बराबर कच्चा कोयला/रांगा धातु/जौ तेज पानी मे प्रवाह करे |

जौ सिरहाने रख कर सोये प्रात; पक्षियो को ड़ाल दे |

कुल देवता का पूजन करे व श्राद कर्म(पूर्वजो हेतु) किया करे |

हर अमावस्या को सत्यनारायण भगवान की कथा करे या कराये |

नाग पंचमी व शिवरात्रि के दिन रुद्राभिषेक करवाए |

काले कपड़े मे एक मुट्ठी काली उड़द बांधकर उस पोटली पर राहू मंत्र का यथा शक्ति जाप कर उसे दक्षिणा सहित दान करे या जल प्रवाह कर दे ऐसा 72 बुधवार तक करने से कालसर्प दोष का निवारण हो जाता हैं |

कालसर्प पीड़ित व्यक्ति यदि समर्थवान हो तो उसके द्वारा नाग मंदिर का निर्माण करवाने अथवा नाग प्रतिष्ठा करवाने से भी कालसर्प दोष की शांति हो जाती हैं |

पित्र -तर्पण के समय नारायण नाग बली श्राद व त्रिपण्डी नामक श्रादकर्म करवाने से भी इस दोष से मुक्ति मिल जाती हैं |

लग्नेश,पंचमेश,नवमेश,तीनों के रत्न अथवा सात,आठ,नौ मुखी रुद्राक्ष धारण करने चाहिए |

पारद शिवलिंग (आधी किलो से दो किलो तक का) बनवा के उसका विधि विधान द्वारा पूजन अर्चन करना चाहिए |

राहू के यथाशक्ति जाप करने या करवाने चाहिए व नित्य 5 माला पंचाक्षरी मंत्र “ॐ नमः शिवाय का जप करना चाहिए |

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