माला को शुद्ध करने का
संस्कार-
पीपल के 9 पत्ते ज़मीन मे
रखकर एक पत्ता बीच मे तथा शेष 8 कमल की तरह बनाकर बीच वाले मे माला रखे और अं आं
इत्यादि सं हं पर्यंत समस्त स्वर व्यंजन का आनुनासिक उच्चारण का पंचगव्य से माला
प्रक्षालन करे तथा सघोजात मंत्र पढ़कर उसे जल से धो ले |
ॐ सघो जातं प्रपघामी सघो
जाताय वै नमो नमः
भवे भवे नाती भवे भवस्य
मां भवोदभवाय नमः ||
फिर वामदेव मंत्र से चन्दन
लेप करे | ॐ वामदेवाय नमो ज्येष्ठाय नमः श्रेष्ठाय नमो
रुद्राक्ष नमः कल विकरनाय नमो बल विकरनाय नमः |
बलाय नमो बल प्रमथनाय नमः
सर्वभूतदमनाय नमो मनोनमनाय नमः |
फिर अघोर मंत्र से धूप दान
दे |
ॐ अघोरेभ्योsथेरेभ्यो घोर घोर तरेभ्य:म सर्वेभ्य:
सर्व शर्वेभ्या नमस्ते अस्तु रुद्ररुपेभ्य: ||
फिर एक एक दाने पर सौ सौ
ईशान मंत्र का जाप करे |
ॐ ईशान: सर्व
विद्यानामीश्वर: सर्वभूतानां ब्रहमाधिपति ब्राह्मणोsधिपति
ब्रह्मा शिवो मे अस्तु सदा शिवोम ||
फिर माला मे अपने इष्ट
देवता की प्राण प्रतिष्ठा कर प्रार्थना करे |
माले माले महामालेसर्व
तत्व स्वरूपिणी
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