जनवरी २०१० का ग्रह गोचर इस प्रकार से हैं |
सूर्य-१४ जनवरी से मकर राशी में प्रवेश करेंगे, मंगल कर्क राशी में ,बुध धनु में, गुरु कुम्भ में,शुक्र १४ जनवरी से मकर राशी में,शनि कन्या में,राहू धनु तथा केतु मिथुन राशी में भ्रमण करेंगे |
इस माह पाँच शुक्रवार,पांच शनिवार व पांच ही रविवार होंगे | पांच शुक्रवार होने से जनता के सुख व ऐश्वर्या में वृद्दि होंगी नारी शक्ति बढेगी,नए नए आविष्कार होंगे व जनसँख्या में वृद्दि होगी|
पांच शनिवार होने से जनता में विद्रोह भड़केगा,महंगाई बढेगी तथा जन धन की हानि हो सकती हैं |
पांच रविवार होने से राजनीती में उथल पुथल तथा सीमा पर युद्ध जैसे हालात पैदा होंगे |
शुक्रवार को चन्द्र ग्रहण पड़ने से नारी जाति हेतु कष्ट व अपमान जैसे हालत बनेंगे तथा कला जगत से जुड़े प्रतिष्ठित लोगो को नुक्सान मिलने की सम्भावना रहेगी |
मंगल गुरु व मंगल शनि का योग समाज विरोधी गतिविधिया बढ़ाएगा, सीमाओ पर संकट गहरा सकता हैं |सूर्य मंगल का षडासटक योग प्राकतिक आपदाओ का सामना देश को करवा सकता हैं,मंगल केतु का योग राजनीती में हलचल व दुर्घटनाए दर्शा रहा हैं तथा शनि व मंगल का वक्री होना आर्थिक व साम्प्रदायिक विवाद बढवा सकता हैं
राशियो के अनुसार यह माह इस प्रकार से रहेगा -
मेष,वृष,मिथुन,सिंह व कुम्भ राशियो के लिए यह माह सामान्य,कर्क,मकर व मीन राशियो हेतु शुभ,वृश्चिक राशी के लिए मिश्रित तथा,कन्या,तुला व धनु राशियो हेतु कष्टकारी रहेगा |
सोना चांदी-५ जनवरी तक मंदे रहेंगे,१५ के बाद तेजी,२१ को मंदे,२४ को फिर तेजी तथा २७ तारीख को पुन: तेजी
दर्शाएंगे |
इस माह की भविष्यवाणी-किसी महान कलाकार की हानि देश को हो सकती हैं |
1 टिप्पणी:
काफी जानकारी मिली।।
उपयोगी पोस्ट!
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